ड्राइविंग और पढ़ने में बाधा बन सकता है लो विज़न, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके कारण और समाधान

लो विजन रोजमर्रा के कार्यों में बाधा बन सकता है। इससे गाड़ी ड्राइव करने, पढ़ने या ऑफिस में काम करने में भी दिक्क्त हो सकती है। लो विजन के साथ कैसे जिया जाए और कैसे विजन को बेहतर बनाया जाए, यह जानना जरूरी है। लो विजन के प्रति जागरूकता के लिए ही हर वर्ष फरवरी माह को लो विजन अवेयरनेस मंथ (low vision awareness month 2024) के रूप में मनाया जाता है।
low vision ke karan daily ke kaam bhi mushkil ho jate hain.
कम दृष्टि या लो विजन आंखों की रोशनी सम्बंधित एक समस्या है, जिसके कारण रोजमर्रा की गतिविधियां करना कठिन हो जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Feb 2024, 13:52 pm IST
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आंखों की रोशनी सबसे ज्यादा जरूरी चीज़ है। यह रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए बेहद जरूरी है। आंखों में रोशनी कम है और आप आसानी से कोई चीज़ स्पष्ट रूप से नहीं देख पाती हैं, तो यह लो विजन है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो यह ब्लाइंडनेस की ओर ले जा सकता है। इसके प्रति अवेयर होना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व बनता है। इसलिए दुनिया भर में फरवरी महीने को लो विजन अवेयरनेस मंथ (February-Low Vision Awareness Month) के रूप में मनाया जाता है।  जानते हैं लो विजन के कारण ( low vision causes) को।

फरवरी है लो विजन अवेयरनेस मंथ (February-Low Vision Awareness Month)

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी फरवरी में लो विजन अवेयरनेस मंथ Low Vision Awareness Month 2024) मनाया जा रहा है। एक दशक से अधिक समय से मनाया जाने वाला निम्न दृष्टि जागरूकता माह या लो विजन अवेयरनेस मंथ आई केयर प्रोफेशनल, शिक्षक, डॉक्टर, बाल रोग विशेषज्ञ और कई अन्य मेडिकल एक्सपर्ट को इसमें शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से उम्मीद की जाती है कि दुनिया भर के लोग लो विज़न के प्रति जागरूक हो सकें। वे रोकथाम के उपाय कर सकें।

क्या कहता है विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health organization about low vision)

विश्व स्वास्थ्य संगठन लो विजन सुधार होने की संभावना के साथ 20/70 और 20/400 के बीच विजन एकुइटी (visual acuity) या 20 डिग्री या उससे कम के विज़ुअल फील्ड के रूप में परिभाषित करता है। इसमें सुधार किया जा सकता है। वहीं ब्लाइंडनेस सुधार होने की संभावना के साथ 20/400 से भी कम विज़न या 10 डिग्री या उससे कम के विजन एकुइटी (visual acuity) के रूप में परिभाषित किया गया है।

क्या है लो विजन (What is Low Vision)?

शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ रेटीना विशेषज्ञ डॉ. विपुल सिंह बताते हैं, “कम दृष्टि या लो विजन आंखों की रोशनी सम्बंधित एक समस्या है, जिसके कारण रोजमर्रा की गतिविधियां करना कठिन हो जाता है। इसे चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस या दवा और सर्जरी जैसे मानक उपचारों से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके कारण व्यक्ति के लिए पढ़ना, गाड़ी चलाना, लोगों के चेहरे पहचानना, रंगों को अलग-अलग बता पाना कठिन हो जाता है। इसके कारण टेलीविजन या कंप्यूटर स्क्रीन को स्पष्ट रूप से देख पाना भी सम्भव नहीं हो पाता है।”

क्या हो सकते हैं कारण (Low Vision causes)?

डॉ. विपुल सिंह बताते हैं, “लो विजन बुजुर्ग लोगों में अधिक आम है, क्योंकि बुढ़ापे में होने वाली कई बीमारियां इसका कारण बन सकती हैं। उम्र बढ़ने से अपने आप लो विजन नहीं होता है।आंखों की कई अलग-अलग स्थितियां कम दृष्टि का कारण बन सकती हैं, लेकिन सबसे आम कारण हैं:

उम्र से संबंधित मैकुलर डीजेनरेशन (Macular degeneration)

मोतियाबिंद

February hai low vision awareness month hai.
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी फरवरी में लो विजन अवेयरनेस मंथ मनाया जा रहा है। चित्र : अडोबी स्टॉक

डायबिटिक रेटिनोपैथी -एक ऐसी स्थिति, जो डायबिटिक में विजन लॉस का कारण बन सकती है

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आंख और मस्तिष्क की चोटें और कुछ आनुवंशिक विकार भी लो विजन का कारण बन सकते हैं।”

क्या है उपचार (Low Vision Treatment)?

डॉ. विपुल सिंह के अनुसार, लो विजन आमतौर पर स्थायी होती है। चश्मा, दवा और सर्जरी आम तौर पर लो विजन का इलाज नहीं कर सकते हैं। कुछ मामलों में ये विजन में सुधार कर सकते हैं। इससे रोजमर्रा की गतिविधियों को अधिक आसानी से करने में मदद मिल सकती है या और अधिक विजन लॉस से बचाया जा सकता है।

कौन उपाय हो सकते हैं मददगार (tips to live with low vision)

डॉ. विपुल सिंह के अनुसार, यदि लो विजन बहुत अधिक कम नहीं है, तो कुछ तरीके मददगार हो सकते हैं।

1 घर या ऑफिस में तेज़ रोशनी का प्रयोग करें ( Bright light for low vision) 

यदि लो विजन की समस्या है, तो कभी भी कम रोशनी में काम नहीं करें। हमेशा घर या ऑफिस में तेज़ रोशनी का प्रयोग करें।

2 एंटी ग्लेयर सनग्लास पहनें (Anti Glare sunglass for low vision) 

यदि लो विजन की समस्या है, तो एंटी-ग्लेयर चश्मा पहनें। इसे एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग या एआर कोटिंग या एंटी-ग्लेयर कोटिंग भी कहा जाता है। यह चश्मा या सनग्लास आंखों पर जोर को कम करता है।

Jyada roshni aankhon ko kharaab krti hai
यदि लो विजन की समस्या है, तो एंटी-ग्लेयर चश्मा पहनें। चित्र : एडोबी स्टॉक

3 मैग्नीफाइंग लेंस का उपयोग (Magnifying glass for low vision)

पढ़ने और अन्य नज़दीकी गतिविधियों के लिए मैग्नीफाइंग लेंस का उपयोग करें।पढ़ने के लिए मैग्नीफाइंग ग्लास का उपयोग कैसे किया जाए, इस पर विशेषज्ञ से प्रशिक्षण लिया जा सकता है।

4 आई एक्सपर्ट से कंसल्ट करें (Consult eye expert for low vision)

यदि लो विजन रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा बन रही है, तो आई एक्सपर्ट से कंसल्ट करें। विशेषज्ञ यह सीखने में मदद कर सकते हैं कि लो विजन के साथ कैसे जीना है।

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