जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आंखों और दृष्टि में बदलाव आना सामान्य है। उम्र बढ़ने के साथ करीब से देखने की क्षमता खोना, रंगों में अंतर करने में परेशानी होना, लाइट लेवल में बदलाव होने के साथ तालमेल बिठाना जैसी समस्याएं होती हैं। इसे ठीक किया जा सकता है। आंखों की कुछ बीमारियां गंभीर होती हैं। एज रिलेटेड धब्बेदार अध:पतन यानी मैकुलर डीजेनरेशन (Macular Degeneration) एक जटिल बीमारी है। यह व्यक्ति को अंधा बना सकती है। इसलिए इसके बारे (macular degeneration) में एक्सपर्ट से जानना जरूरी है।
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स के वरिष्ठ नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. अवनीश देशमुख कहते हैं, उम्र से संबंधित धब्बेदार अध:पतन (Macular Degeneration) आंखों का रोग है, जो सेंट्रल विजन (central vision) को धुंधला कर सकता है। ऐसा तब होता है जब उम्र बढ़ने से मैक्युला को नुकसान पहुंचता है। मैक्युला आंख का वह हिस्सा है, जो शार्प और सीधी दृष्टि को नियंत्रित करता है। मैक्युला रेटिना आंख के पीछे लाइट सेंसिटिव टिश्यू का हिस्सा है।’
यह वृद्ध लोगों में दृष्टि हानि (Vision Loss) का एक प्रमुख कारण बन सकता है। इसके कारण व्यक्ति पूर्ण अंधा नहीं होता है। सेंट्रल विज़न खोने से चेहरे देखना, पढ़ना, गाड़ी चलाना, खाना बनाना या घर के आसपास चीजों को ठीक करने जैसे काम करना कठिन हो सकता है।
डॉ. अवनीश देशमुख कहते हैं, ‘कुछ लोगों में मैकुलर डीजेनरेशन बहुत धीरे-धीरे होता है, तो कुछ लोगों में यह तेजी से होता है। यदि शुरुआती एएमडी है, तो लंबे समय तक लक्षण दिखाई नहीं देंगे। मैकुलर डीजेनरेशन ((Age related Macular degeneration) का पता लगाने के लिए उम्र बढ़ने पर नियमित रूप से आंखों की जांच कराना जरूरी है।’
एज रिलेटेड एमडी 2 प्रकार के होते हैं: ड्राई और वेट। ड्राई एमडी को एट्रोफिक एमडी भी कहा जाता है। यह तब होता है जब मैक्युला उम्र के साथ पतला हो जाता है। वेट एमडी एडवांस्ड नियोवैस्कुलर एमडी कहलाता है। यह कम होता है, लेकिन तेजी से दृष्टि हानि का कारण बनता है।
डॉ. अवनीश देशमुख के अनुसार, एज रिलेटेड एमडी (Macular degeneration) के लक्षण चरण पर निर्भर करते हैं। ड्राई एएमडी 3 चरणों में होता है: प्रारंभिक, मिडल और लास्ट। एमडी एक प्रगतिशील बीमारी है। लक्षण आमतौर पर समय के साथ बदतर होते जाते हैं।
प्रारंभिक ड्राई एमडी में किसी भी तरह का लक्षण नहीं दिखता है।
ड्राई एमडी मिड फेज में पहुंचने पर भी कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। हल्का धुंधलापन या कम रोशनी में देखने में परेशानी जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
कुछ लोगों को सीधी रेखाएं या टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखने लगती हैं। समय के साथ धुंधलापन बढ सकता है। रंग पहले की तुलना में कम चमकीले लग सकते हैं और कम रोशनी में देखने में अधिक परेशानी हो सकती है।
एएमडी का उपचार चरण और प्रकार पर निर्भर करता है। शुरुआती एज रिलेटेड एमडी के लिए वर्तमान में कोई इलाज नहीं है। इसलिए आई एक्सपर्ट नियमित आंखों की जांच के साथ आंखें कैसा काम कर रही है, इस पर नज़र रखते हैं। हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और स्मोकिंग छोड़ना भी मदद कर सकता है।
यदि एक या दोनों आंखों में मिड्ल एमडी है, तो विशेष विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट इसे लेट एमडी में बदलने से रोकने में सक्षम हो सकते हैं। यदि केवल एक आंख में एमडी है, तो ये सप्लीमेंट दूसरी आंख में एमडी को धीमा कर सकते हैं।
यदि ड्राई एमडी है, तो ऐसे कई उपचार हैं, जो आगे दृष्टि हानि को रोकने में सक्षम हो सकते हैं।
एंटी-वीईजीएफ दवाएं आंख में इंजेक्ट की जा सकती हैं।
फोटोडायनामिक थेरेपी, इंजेक्शन और लेजर थेरेपी दी जा सकती है।
वेट एमडी के लिए वर्तमान में कोई इलाज नहीं है।
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