अगर आप जिम जाती हैं, लंबे समय तक बैठकर या खड़े होकर काम करती हैं, तो लोअर बैक (lower back) का दर्द आपके लिए कोई अनजानी बात नहीं होगी। लोअर बैक में दर्द या चोट का मतलब है सभी काम बंद हो जाना क्योंकि यह पूरे शरीर को संचालित करने वाला हिस्सा है।
लोअर बैक में समस्या का मुख्य कारण है हमारा गलत लाइफ स्टाइल। हम दिन भर बैठे रहते हैं जिसके कारण हमारी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। ऐसे में एकदम से एक्सरसाइज करने पर या गलत तरह से एक्सरसाइज करने पर यह मसल्स खिंच जाती हैं और इनमें चोट आ जाती है। गलत तरीके से झुकने, भारी सामान उठाने, बिना एक्सपर्ट के एक्सरसाइज इत्यादि करने से लोअर बैक में गम्भीर चोट आ सकती हैं।
इस चोट से बचने का एक ही तरीका है- मांसपेशियों को फ्लेक्सिबल बनाएं। अगर मांसपेशियों को सही तरह से स्ट्रेच करेंगी, एक्सरसाइज से पहले वार्म अप करेंगी, तो इस तरह की समस्याओं की सम्भावना कम हो जाएगी।
बालासन योग के सबसे आसान आसनों में से एक है। आसान होने का यह मतलब नहीं कि यह कारगर नहीं है। इस आसन में हिप्स और थाइस की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं और कमर, गर्दन और कंधे रिलैक्स होते हैं।
इस आसन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं, पैरों को जोड़ें और कमर से ऊपर का हिस्सा आगे की ओर मोड़ें। हाथों को भी आगे की ओर ही फैलाएं। इस पोज में 1 से 2 मिनट के लिए रहें और फिर उठ जाएं।
यह आसन लोअर बैक के लिए सबसे फायदेमंद आसन है। यह आसन हमारी रीढ़ की हड्डी को अच्छी तरह मोड़ता है, जो आमतौर पर हम नहीं करते। यह आसन न सिर्फ हमारी पीठ की मांसपेशियों को लचीला बनाता है, बल्कि कीगल मसल्स को भी मजबूत करता है जिससे सेक्स लाइफ पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
इस आसन के लिए आपको मैट पर घुटनों के बल बैठना होगा जिससे आपकी पीठ ऊपर की ओर हो। हाथों को भी आगे जमीन पर ही रखें। अब हाथों पर भार डालते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं। जितना कर्व कर सकती हैं, करें और गहरी सांस लें। अब पेट को अंदर खींचें और उठी हुई पीठ को नीचे धकेलें। सांस बाहर छोड़ें। यह कम्पलीट पोज 10 से 20 बार करें।
उत्तानासन यानी खड़े-खड़े आगे की ओर झुकना। यह आसन पीठ की मसल्स की स्ट्रेचिंग करता है।
वैज्ञानिक रूप से बात करें, तो इस आसन में आप नीचे झुके होते हैं जिससे सर दिल से नीचे होता है। इससे दिमाग और ऊपरी शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। इससे दिमाग में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है और दिमाग तेज होता है।
इस आसन को करना मुश्किल है इसलिए सभी इसे नहीं कर पाते। लेकिन सही तरह से सीखने पर आप समझते हैं कि कोई भी आसन आप पहले दिन नहीं कर सकेंगी, धीरे-धीरे ही इम्प्रूवमेंट आता है। मैट पर खड़ी हो जायें और दोनों हाथों को हिप्स पर रखें। सांस खींचते हुए कमर से आगे की ओर झुकें। शरीर का संतुलन बनाएं रखना बहुत जरूरी है। हिप्स और टेल बोन को बाहर की ओर पुश करें और नीचे झुकती जाएं।
जितना नीचे झुक सकती हैं उतना ही जाएं, बहुत फोर्स न लगाएं। 15 से 30 सेकंड रुकें और सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाएं।
पीठ के लिए सबसे असरदार आसन है भुजंगासन। इसे कोबरा पोज या सर्पासन नाम से भी जाना जाता है। रीढ़ की हड्डी की फ्लेक्सबिलिटी बढ़ाने से लेकर मांसपेशियों को मजबूत करने, पेट कम करने और पॉस्चर ठीक करने तक इस आसन के बहुत फायदे हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइस आसन को करने के लिए आपको योग मैट पर पेट के बल लेटना है। हथेलियों को थाइस के पास रखें। अब हथेलियों पर वजन डालते हुए अपर बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं। सर को पीछे खींचें और छाती बाहर की ओर निकालें। एक मिनट तक इस पोज को होल्ड करें और फिर धीरे से सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस दौरान सांस आराम से लेते रहें।
इसे रीक्लाइंड स्पाइनल ट्विस्ट या फिश पोज भी कहते हैं। पीठ के दर्द को मिटाने के साथ-साथ यह आसन कई रोगों को दूर करने में भी कारगर है। इसमें रीढ़ की हड्डी ट्विस्ट होती है, जिससे पीठ की फ्लेक्सबिलिटी बढ़ती है और दर्द खत्म होता है। यही नहीं, यह आसन मांसपेशियों पर दबाव डालते हुए उन्हें मसाज करता है और शरीर के अंगों से टॉक्सिन्स निकालता है।
इस आसन के लिए मैट पर पीठ के बल सीधी लेट जाएं। दोनों हाथों को कंधो की सीध में दोनों ओर फैला दें और हथेलियां नीचे की ओर रखें। दायां घुटना मोड़ें, ऊपर उठाएं और बाएं पैर पर रख दें। पीठ को बायीं ओर मोड़ें। इससे आपकी रीढ़ की हड्डी हल्के से ट्विस्ट होगी। सर को दायीं तरफ रखें। इस पोज में एक मिनट रुकें और फिर दूसरी तरफ भी ऐसे ही ट्विस्ट करें। यह आसन आपकी पीठ के लिए बहुत फायदेमंद है।
मांसपेशियां लचीली होंगी तो आपको भविष्य में मोच, स्प्रेन जैसी समस्या नहीं आएगी और आप ज्यादा फिट और एक्टिव रहेंगी। हालांकि कोई भी योग किसी योग मास्टर की मौजूदगी में ही सीखें। सीखने के बाद आप इसे खुद ही घर पर कर सकती हैं।