बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं , तो उन्हें करवाएं इम्युनिटी बढ़ाने वाले ये 4 योगासन
मानसून के दिनों में बार बार बारिश के संपर्क में आने से बच्चों के शरीर में बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन (bacterial and fungal infection) का खतरा बना रहता है। शरीर को धूप न मिल पाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) कम होने लगती है। ऐसे में शरीर को एक्टिव और बीमारियों की चपेट से बचाए रखने के लिए योगासनों का अभ्यास लाभदायक साबित होता है। इससे तन और मन को सुकून और एनर्जी की प्राप्ति होती है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से शरीर बीमारियों से दूर बना रहता है। जानते हैं बरसात में बच्चों के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले योगासन (Yoga for immunity) ।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहना क्यों है ज़रूरी (Importance of physical activity)
जर्नल ऑफ़ इन्फेक्शन एंड इम्युनिटी की रिपोर्ट के अनुसार मानसून में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। ह्यूमिडिटी और नमी के स्तर में बढ़ोतरी होने से शरीर आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाता है। ऐसे में बच्चों के शरीर को ऊर्जावान बनाने और इम्यून सिस्टम (immune system) को बूस्ट करने के लिए शारीरिक सक्रियता को बनाए रखना ज़रूरी है। जानते हैं सर्टिफाइड योग एक्सपर्ट सुमिता गुप्ता से बच्चों के इम्यून सिसटम को बूस्ट करने वाले योगासन।
इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए 4 योगासन
1. सेतुबंधासन (Bridge pose)
रोज़ाना सेतुबंधासन (Bridge pose) का प्रयास करने से शरीर के मसल्स में मज़बूती बढ़ती है और ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है। इससे शरीर में बैक्टीरियन इंफेक्शन का खतरा कम होने लगता है। इसके अलावा पेल्विक मसल्स (pelvic muscles) को भी मज़बूती मिलती है। दिन में दो बार 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।
जानें इसे करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं और टांगों को भी सीधा कर लें।
- अब दोनो बाजूओं को मज़बूती से जमीन पर टिका लें और फिर दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें।
- गहरी सांस लें और शरीर को कमर से उपर की ओर उठाने का प्रयास करें। इस दौरान बाजूओं को मैट पर टिकाए रखें।
- कंधों को जमीन पर लगाकर अपर बॉडी को उपर की उठाएं और सांस धीरे धीरे छोड़ें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें।
2. समकोणासन (Straight angle pose)
बरसात के मौसम में शरीर में दर्द और ऐंठन की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर को एक्टिव रखना आवश्यक है। समकोणासन (straight angle pose) की मदद से पीठ और कंधों में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा शरीर में रक्त का संचार (blood circulation) बना रहता है। इससे मसल्स को भी मज़बूती मिलती है।
जानें इसे करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों को आपस में जोड़ लें।
- टांगों को घुटनों से सीधा रखें और शरीर को आगे की ओर झुकाएं। दोनों बाजूओं को सीधा कर लें।
- अब शरीर को 90 डिग्री आगे की ओर झुकाएं। इस दौरान कंधों को सीधा रखें और बाजूओं को भी सामने की ओर रखें।
- इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें और फिर सीधे खड़े हो जाएं।
3. उत्तानासन (Standing forward bend)
शारीरिक अंगों को स्ट्रेच करने के लिए उत्तानासन का अभ्यास किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से दिनों दिन बढ़ने वाले तनाव से मुक्ति मिलती है। दरअसल, शरीर के उपरी हिस्से को नीचे की ओर झुकाकर किए जाने वाले इस योगासन से ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाती है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
जानें इसे करने की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। उसके बाद कमर को सीधा करें और दोनों घुटनों को आपस में जोड़ लें।
- अब दोनों हाथों को उपर की ओर लेकर जाएं और फिर दोनों बाजूओं को नीचे लाएं। हथेलियों से टखनों को पकड़ने का प्रयास करें।
- 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें और फिर सीधे खड़े हो जाएं। योग के दौरान अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
। चित्र : शटरस्टॉक
4. धनुरासन (Bow pose)
बच्चों के शरीर में लचीलेपन को बनाए रखने के लिए धनुरासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर एक्टिव और सदृढ़ बना रहता है। साथ ही मौसमी बीमारियों से भी दूर रहता है।
जानें इसे करने की विधि
इसे करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों टांगों को सीधा करें और पैरों में दूरी बना लें।
अब दोनों टांगों को उपर उठाएं और दोनों बाजूओं को पीछे लेकर जाएं। आगे से चेस्ट को उपर की ओर उठाएं।
30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। इस दौरान सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
ये भी पढ़ें- प्राण मुद्रा सुस्ती दूर कर आपको दिन भर के लिए ऊर्जा देती है, यहां है इसे करने का सही तरीका और फायदे
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।