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एचएमपीवी

Published: 13 Jan 2025, 17:14 pm IST

इस वायरस का पूरा नाम है- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस। आम तौर पर इस (HMPV Virus) से पीड़ित लोगों में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, और गले में खराश जैसे लक्षण ही दिखाई देते हैं। लेकिन ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, या फिर बच्चे या बुजुर्ग- इनमें ये वायरस खतरनाक नुकसान पहुंचा सकता है और इन लोगों के इस वायरस की जद में आने के खतरे भी ज्यादा होते हैं।

एचएमपीवी के सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षणों के साथ देखा जा सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

HMPV वायरस (HMPV Virus) वैसे तो पुराना है लेकिन भारत में फिर से चर्चा का विषय बना, बीते साल दिसंबर में। भारत में इसके केस मिलने शुरू हुए। और अब तक 17 ताजा केस मिलने की पुष्टि हुई है। इस वायरस का पूरा नाम है- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस। आम तौर पर इससे पीड़ित लोगों में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, और गले में खराश जैसे लक्षण ही दिखाई देते हैं। लेकिन ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, या फिर बच्चे या बुजुर्ग- इनमें ये वायरस खतरनाक नुकसान पहुंचा सकता है और इन लोगों के इस वायरस की जद में आने के खतरे भी ज्यादा होते हैं। 

HMPV वायरस को सबसे पहले 2001 में डिस्कवर किया गया था। हालांकि कुछ रिसर्च में ऐसा भी दावा किया गया है कि ये वायरस 60 साल पुराना है। इसके आम लक्षणों और कम खतरों के कारण ही इस के अबतक बने रहने की वजह भी है। अमेरिका के वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर इन्फेक्शियस बीमारियों के डॉक्टर ली हॉवर्ड के अनुसार, आम तौर पर लोग सर्दी-जुकाम की वजह से हॉस्पिटल आते नहीं और ये पता ही नहीं चल पाता कि उनकी समस्या इस वायरस से है या किसी आम कारण से। जब कोई आउटब्रेक होता है या बड़े पैमाने पर लोग हॉस्पिटलाइज होते हैं तभी इस वायरस का नाम सुनाई देता है। 

एचएमपीवी : कारण

मूल तौर पर ये वायरस कहां से आया, अब तक इसकी जानकारी किसी भी देश के पास नहीं है। कोरोना वायरस की ही तरह इस वायरस के जन्म के कारण पुष्ट नहीं। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि ये वायरस फैल कैसे रहा है। आम तौर पर ऐसा व्यक्ति जो इस वायरस से इंफेक्टेड है, वह इस वायरस के फैलने का सोर्स बन सकता है। ऐसे लोग खांस कर, छींक कर या किसी व्यक्ति के साथ संपर्क में आ कर ये वायरस दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। 

एचएमपीवी : लक्षण

नाक बहना 

सर्दी-जुकाम और कॉमन फ्लू की ही तरह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित होने पर बच्चों में नाक बहने लगती है।

सर्दी-खांसी

HMPV के भी शुरुआती लक्षण सर्दी- खांसी, जुकाम और बुखार हैं। इसके अलावा, गले में दर्द या गले में खरांस भी इस से पीड़ित व्यक्तियों की समस्याओं में लक्षणों के तौर पर दिख सकती हैं।  

सांस लेने में परेशानी 

HMPV वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है क्योंकि ये वायरस हमारे सांस लेने के तंत्र में इन्फेक्शन फैलाता है।  

गले और सिर में दर्द

इस वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को गले में जलन और सिर दर्द जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। 

बदन दर्द और थकान

बच्चों और बुजुर्गों में कई बार HMPV से पीड़ित होने पर शरीर में दर्द और थकान जैसी समस्या भी हो सकती है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और कई बार उनका शरीर इसी वजह से वायरस से लड़ नहीं पाता।  

निमोनिया और ब्रोन्काइटिस

छोटे बच्चों और बुजुर्गों को कई बार वायरस के असर से निमोनिया और ब्रोन्काइटिस जैसी बीमारियों से भी पीड़ित होना पड़ सकता है। 

एचएमपीवी : निदान

1 RT-PCR टेस्ट (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction)

आम तौर पर सबसे पहले डॉक्टर्स इस वायरस को डिटेक्ट करने के लिए इसी टेस्ट को अंजाम देते हैं। इस टेस्ट में नाक या गले से सैंपल लिया जाता है और लैब में वायरस की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। कोरोना के दौर में भी यही टेस्ट वायरस को टेस्ट करने का सबसे भरोसेमंद तरीका है। 

2 एंटीजन टेस्ट

इस टेस्ट में भी नाक या गले से सैंपल लिया जाता है। यह टेस्ट जल्दी परिणाम देता है, लेकिन RT-PCR से कम सटीक हो सकता है। इस टेस्ट की कम कीमत के कारण ये लोकप्रिय है लेकिन इसके परिणाम कई बार ग़लत ही हो सकते हैं। 

3 मल्टीप्लेक्स पीसीआर टेस्ट 

HMPV वायरस को डिटेक्ट करने का ये सबसे सटीक तरीका है। हालांकि ये टेस्ट महंगा है लेकिन परिणाम एक्यूरेट देता है। इस टेस्ट की कीमत तकरीबन 17 से 18 हजार है इसलिए डॉक्टर्स इसका इस्तेमाल इमरजेंसी में ही करते हैं। 

एचएमपीवी : उपचार

60 साल से इस वायरस के अस्तित्व के सबूत के बावजूद इस वायरस के बारे में ये कड़वी हकीकत है कि इस वायरस का इलाज नहीं है। हालांकि डॉक्टर गिलादा के अनुसार, अधिकतर या 99 प्रतिशत से ज्यादा केसेस में ये जानलेवा नहीं है। इसलिए इलाज ना होने के बावजूद इससे डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि देखभाल के कुछ उपायों को अपना कर आप इससे बच सकते हैं – 

1 लक्षण पहचानें (Symptoms of HMPV)

अगर किसी को सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस हो रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और पीड़ित व्यक्ति को आइसोलेट कर लें।

2 मास्क पहनें (Wear Mask)

कोई भी जो ऐसी जगह से आया हो जहां उसके HMPV केसेस (HMPV cases)  ज्यादा रहे हों या इस वायरस से इंफेक्टेड होने का खतरा हो तो ऐसे व्यक्ति को मास्क जरूर लगाना चाहिए। 

3 साफ-सफाई का ध्यान रखें (Follow hygiene)

ऐसा कोई भी इंसान जिसमें HMPV वायरस के लक्षण दिख रहे हों, उससे दूरी के साथ ही उसके इर्द-गिर्द भी सफाई रखिए। आपको उसके द्वारा इस्तेमाल की गई किसी भी चीज के इस्तेमाल से भी बचना है। अगर आप उनके करीब जा रहे हैं तो वापस लौट कर अपने हाथों को तुरंत धोएं या सैनिटाइज कर लें। 

4 लक्षणों वाले व्यक्ति से दूरी बनाएं (Keep distance)

ऐसा व्यक्ति जो इंफेक्टेड हो या वो ऐसी जगह से आया हो जहां इन्फेक्शन का खतरा रहा हो तो आप उससे कम से कम 7 से 8 फुट की दूरी बनाइये।  ध्यान रखिए, आप खुद इस वायरस से बच कर ही इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति का ख्याल रख सकेंगे।

5 भीड़ में न जाएं (Avoid crowded area)

ऐसी सूरत में जब HMPV वायरस के खतरे के आसार दिख रहे हों तो भीड़ से बचना जरूरी है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इससे बचाना बहुत जरूरी है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम अपेक्षाकृत कमजोर होता है और उन पर इस वायरस का खतरा भी ज्यादा होता है। 

एचएमपीवी : संबंधित प्रश्न

क्या HMPV वायरस जानलेवा है?

नहीं, अब तक के मिले केसेस में और डॉक्टरों के अनुसार ये वायरस जानलेवा नहीं है। उचित सावधानी रख कर हम आसानी से इससे बच सकते हैं।

कितने दिन तक रहता है HMPV वायरस?

डॉक्टर ईश्वर पी गिलादा के अनुसार, अमूमन ये वायरस तीन से 5 दिनों तक रह सकता है। लेकिन अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो ये अवधि बढ़ भी सकती है।

क्या HMPV वायरस कोरोना जैसा है?

नहीं, ये वायरस कोरोना जैसा नहीं है। कोरोना नया वायरस था जिसकी वजह से उसके असर भी नए थे और हमारा इम्यून सिस्टम उससे लड़ने को तैयार नहीं था। ये वायरस पुराना है इसलिए ये बिल्कुल कोरोना जैसा नहीं है और ना ही इसके परिणाम कोरोना जैसे होने की संभावना है।

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