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थायरॉइड

Published: 22 Nov 2023, 14:45 pm IST
मेडिकली रिव्यूड

थायरॉइड हार्मोन करता है महत्वपूर्ण काम 

थायरॉइड  ग्लैंड एक छोटा सा अंग है, जो गर्दन के सामने होता है।  यह श्वासनली  के चारों ओर लिपटा होता है। इसका आकार तितली जैसा होता है, जो गले के किनारे तक फैले होते हैं। थायरॉइड से निकलने वाले हॉर्मोन शरीर को विशिष्ट कार्य करने में मदद करते हैं। इसी ग्लैंड में थायरॉइड हार्मोन बनता है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है।

पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है थायरॉइड 

जब थायरॉइड  ठीक से काम नहीं करता है, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। यदि शरीर बहुत अधिक थायरॉइड हार्मोन बनता है, तो हाइपरथायरायडिज्म हो सकता है। यदि शरीर बहुत कम थायरॉइड हार्मोन बनाता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। दोनों ही स्थितियां स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती है। जिसमें डॉक्टर से परामर्श कर दवाओं की जरूरत भी पड़ सकती है। 

हाइपरथायरायडिज्म के कारण पीरियड में अनियमितता बढ़ने लगती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

महिलाओं में ज़्यादा पाई जाती है थायरॉइड की समस्या 

थायरॉइड  रोग किसी को भी प्रभावित कर सकता है – पुरुष, महिलाएं, शिशु, किशोर और बुजुर्ग। यह जन्म के समय मौजूद हो सकता है। यह उम्र बढ़ने के साथ विकसित हो सकता है।

भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति थायरॉइड की समस्या से जूझ रहा है 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में क़रीब 4.2 करोड़ थायरॉइड के मरीज़ हैं  लगभग एक तिहाई लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि वे इस रोग से पीड़ित हैं यह बीमारी महिलाओं में ज़्यादा पाई जाती हैमहिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होना इसके प्रमुख कारण बनते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना, डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव आना, शरीर में आयोडीन की कमी होना भी वजह बनते हैं

थायरॉइड : कारण

थायरॉइड  रोग के दो मुख्य प्रकार हैं हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म। दोनों स्थितियां अन्य बीमारियों के कारण हो सकती हैं, जो थायरॉयड ग्रंथि के काम करने के तरीके को प्रभावित करती हैं।

थायरॉयडिटिस: यह थायरॉयड ग्रंथि की सूजन है। थायरॉयडिटिस थायरॉयड से निकले हार्मोन की मात्रा को कम कर सकता है।

हाशिमोटो थायरॉयडिटिस: हाशिमोटो थायरॉयडिटिस एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जहां शरीर की कोशिकाएं थायरॉयड पर हमला करती हैं और उसे नुकसान पहुंचाती हैं। 

प्रसव के बाद होने वाली थायरॉयडिटिस: यह स्थिति 5% से 9% महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद होती है। यह आमतौर पर एक अस्थायी स्थिति है।

आयोडीन की कमी: थायराइड द्वारा हार्मोन का उत्पादन करने के लिए आयोडीन का उपयोग किया जाता है। आयोडीन की कमी एक ऐसी समस्या है, जो दुनिया भर में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है।

थायरॉइड  ग्रंथि का काम नहीं करना : कभी-कभी, थायरॉइड ग्लैंड जन्म से ही ठीक से काम नहीं करता है। अगर इलाज नहीं किया गया तो भविष्य में बच्चे को शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याएं हो सकती हैं।

थायरॉइड : लक्षण

हो सकते हैं ये लक्षण

शुरुआत में थकान, ठंड के प्रति अधिक संवेदनशीलता, कब्ज़, ड्राई स्किन, वेट गेन, सूजा हुआ चेहरा, आवाज में भारी पन, मोटे बाल और त्वचा दिखाई दे सकते हैं।

ये भी हैं लक्षण

एंग्जाइटी

ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाना

थकान

बार-बार मल त्याग करना

स्पष्ट रूप से बढ़ी हुई थायरॉइड ग्रंथि या थायरॉइड नोड्यूल्स।

बालों का झड़ना।

हाथ कांपना।

हीट इनटोलीरेन्स।

थायरॉइड : निदान

कभी-कभी थायरॉइड  रोग का निदान करना मुश्किल हो सकता है। इसके लक्षण अन्य स्थितियों के लक्षणों के साथ आसानी से मिलजुल जाते हैं। ऐसे परीक्षण हैं, जो यह निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं कि क्या लक्षण थायरॉइड समस्या के कारण हो रहे हैं। इन परीक्षणों में शामिल हैं: ब्लड टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट, फिजिकल टेस्ट। 

थायरॉइड : उपचार

यदि हाइपरयरायडिज्म है, तो ये उपचार विकल्प हैं:

एंटी-थायराइड दवाएं मेथिमाज़ोल और प्रोपिलथियोरासिल थायराइड को हार्मोन बनाने से रोकती हैं।

रेडियोएक्टिव आयोडीन: यह उपचार थायरॉयड की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे इसे उच्च स्तर के थायराइड हार्मोन बनाने से रोका जा सकता है।

बीटा ब्लॉकर्स: ये दवाएं शरीर में हार्मोन की मात्रा को नहीं बदलती हैं, लेकिन वे लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करती हैं।

सर्जरी: उपचार का एक अधिक स्थायी रूप, सर्जरी है। इसमें थायरॉयड को हटाया जा सकता है। यह थायरॉयडेक्टॉमी कहलाती है। यह उसे हार्मोन बनाने से रोकेगा। जीवन भर थायराइड रिप्लेसमेंट हार्मोन लेने की आवश्यकता होगी।

यदि हाइपोथायरायडिज्म है, तो ये उपचार विकल्प हैं:

थायराइड रिप्लेसमेंट दवा: यह दवा शरीर में थायराइड हार्मोन को वापस जोड़ने का एक सिंथेटिक  तरीका है। ए लेवोथायरोक्सिन दवा आमतौर पर इस्तेमाल की जाती है। दवा का उपयोग करके थायरॉयड रोग का प्रबंधन किया जा सकता है।

थायरॉइड : संबंधित प्रश्न

क्या हो सकते हैं थायराइड रोग के सामान्य लक्षण

यदि थायरॉयड डिजीज है, तो आप कई प्रकार के लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं। इससे यह जानना मुश्किल हो सकता है कि आपके लक्षण थायरॉइड समस्या से संबंधित हैं या पूरी तरह से किसी और चीज़ से।

क्या थायराइड की समस्या के कारण दौरे पड़ सकते हैं?

ज्यादातर मामलों में थायरॉयड समस्याएं दौरे का कारण नहीं बनती हैं। यदि हाइपोथायरायडिज्म के बहुत गंभीर मामले हैं, जिनका निदान या इलाज नहीं किया गया है, तो कम सीरम सोडियम विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे दौरे पड़ सकते हैं।

क्या थायराइड की समस्या के कारण बाल झड़ सकते हैं?

बालों का झड़ना थायराइड रोग, विशेषकर हाइपोथायरायडिज्म का एक लक्षण है। यदि बाल झड़ने का अनुभव होने लगे, तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

थायराइड में आपको कौन से भोजन से परहेज करना चाहिए?

आयोडिन युक्त नमक, मछली, सी शैवाल, डेयरी उत्पादों, आयोडीन की खुराक, लाल रंग युक्त खाद्य उत्पाद,अंडे आदि खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए।

कौन से खाद्य पदार्थ थायराइड समस्या को मैनेज करने में मदद करते हैं?

प्रत्येक भोजन में आवश्यक वसा का एक हिस्सा खाने से जिसमें वर्जिन ओलिव आयल, फ्लेक्स सीड्स आयल, कच्चे अनसाल्टेड नट और सीड, एवोकाडो शामिल हैं, थायराइड हार्मोन के स्तर में सुधार होता है।

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