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कनफेड़

Published: 26 Feb 2024, 17:39 pm IST
मेडिकली रिव्यूड

मम्स एक वायरल इंफेक्शन है जो पैरामिक्सोवायरस से फैलता है। हालांकि अब कई डेवलप्ड देशों में वैक्सीनेशन बेहतर होने से यह इंफेक्शन काफी कम हो चुका है, लेकिन कभी-कभी इसका प्रसार अब भी देखा जाता है। इसके कारणों को समझना और साथ ही, इसके लक्षणों, निदान, उपचार और बचाव के तौर-तरीकों को व्यक्तिगत तथा कम्युनिटी के स्तर पर समझना काफी महत्वपूर्ण है।

कनफेड एक संक्रामक वायरल संक्रमण है। चित्र- अडोबी स्टॉक

मम्स बेहद संक्रामक रोग है और खासतौर से भीड़भाड़ वाली जगहों में यह तेजी से फैलता है। किसी भी संक्रमित व्यक्ति से नजदीकी संपर्क होने पर, जैसे डॉरमिट्री में रहना या संक्रमण फैलने के दौरान स्कूल वगैरह अटेंड करना कुछ ऐसे कारण होते हैं जो वायरस ट्रांसमिशन में मददगार होते हैं। लक्षणों के दिखायी देने के कुछ दिन पहले और बाद तक यह वायरस सबसे ज्यादा संक्रामक होता है।

कनफेड़ : कारण

मम्स का प्रमुख कारण मम्स वायरस है, जो कि इंफेक्टेड व्यक्ति द्वारा छींकने-खांसने की वजह से निकलने वाले छींटों के जरिए फैलता है। यह वायरस कई घंटों तक सतहों पर पड़ा रहने पर भी जिंदा रहता है और ऐसी दूषित सतह के संपर्क में आने वाला व्यक्ति मम्स रोग की चपेट में आ जाता है। इसके अलावा, इंफेक्टेड व्यक्ति के जूठे बर्तनों का इस्तेमाल करने से भी वायरस का प्रसार होता है।

कनफेड़ : महत्वपूर्ण तथ्य

उपचार

बचाव के उपायः

1. वैक्सीनेशनः

मम्स का सबसे कारगर उपाय वैक्सीनेशन है। एमएमआर (मीज़ल्स, मम्स, रूबैला) वैसीन प्रायः बच्चों को दी जाती है जिससे उन्हें इन वायरस इंफेक्शंस से बचाव मिलता है।

2. हाइजीन की अच्छी आदतों का पालन :

नियमित रूप से हाइजिन की अच्छी आदतों का पालन करने से भी रोग से बचाव होता है, इसमें रैग्युलर हैंडवॉश जरूरी है जो मम्स के वायरस को फैलने से रोकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्सनल आइटम्स शेयर करने से भी बचना चाहिए।

3. आइसोलेशन :

संक्रमित व्यक्ति को खुद को दूसरों से आइसोलेट करना चाहिए, और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए ताकि रोग का आगे प्रसार न हो।

कनफेड़ : लक्षण

मम्स के लक्षण आमतौर से एक्सपोज़र होने के 16 से 18 दिनों के बाद प्रकट होते हैं। आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना शामिल है। लेकिन सबसे प्रमुख लक्षण लार ग्रंथियों में सूजन आना है जिसकी वजह से गाल फूले हुए दिखते हैं और जबड़ों में भी सूजन आ जाती है। हालांकि इस वायरस के सपंर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति में ये लक्षण दिखायी दें, ऐसा जरूरी नहीं हैं, और यही कारण है कि रोग के बचाव के उपायों पर अमल करना कठिन होता है।

कनफेड़ : निदान

हेल्थ केयर प्रोफेशनल क्लीनिकल लक्षणों के आधार पर, खासतौर से लार ग्रंथियों की सूजन देखकर रोग की पुष्टि करते हैं। मम्स के निदान के लिए लैब टेस्ट की भी सलाह दी  जाती है। जिसमें वायरल कल्चर या पोलीमेरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट किया जाता है। इन टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही मम्स की पुष्टि की जाती है।

कनफेड़ : उपचार

मम्स का कोई खास उपचार उपलब्ध नहीं हैं, इसके इलाज के लिए मुख्य रूप से लक्षणों से राहत दिलाने पर जोर दिया जाता है। मरीज को आराम करने, पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने, ओवर द काउंटर पेन रिलीवर्स का प्रयोग की सलाह दी जाती है। सूजी हुई ग्रंथियों पर कोल्ड या वार्म कम्प्रेस से भी तकलीफ में राहत मिलती है। यदि मामला काफी जटिल हो, और कोई अन्य जटिलता जैसे मेनिन्जाइटिस या ऑर्काइटिस भी हो तो, अतिरिक्त मेडिकल उपचार की जरूरत हो सकती है।

निष्कर्ष

हालांकि वैक्सीनेशन की वजह से मम्स का प्रसार अब काफी कम हो चुका है, लेकिन कुछ कम्युनिटीज़ के स्तर पर यह आज भी चिंता का कारण बना हुआ है। इसके कारणों, डायग्नॉसिस, उपचार और बचाव के उपायों को समझना काफी महत्वपूर्ण है। इसी तरह, वैक्सीनेशन, हाइजीन के उपायों का पालन और जल्द से जल्द डायग्नॉसिस से भी मम्स का प्रसार रोकने में मदद मिल सकती है। जिसका सीधा असर व्यक्तियों और कम्युनिटीज़ पर पड़ता है। रोग के बारे में जरूरी जानकारी होने और आवश्यक सावधानियों का पालन करने से हम अधिक सेहतमंद तथा सुरक्षित समाज के निर्माण में अपना योगदान कर सकते हैं।

कनफेड़ : संबंधित प्रश्न

क्या है मम्स होने का प्रमुख कारण?

वास्तव में मम्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छींकने, खांसने और बात करने से फैलता है। यह एक संक्रामक रोग है जो मम्स वायरस के कारण फैलता है।

मम्स का सबसे अच्छा उपचार क्या है?

हालांकि बचपन में ही बच्चों को मम्स से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है। इसके अलावा इसका कोई और उपचार उपलब्ध नहीं है। कनफेड़ होने पर उसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए सिकाई , बुखार की दवा आदि दी जाती है। सबसे बेहतर उपचार है आराम। इस दौरान व्यक्ति को पर्याप्त आराम करना चाहिए।

मम्स कितने दिनों तक एक व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है?

मम्स के लक्षण प्रकट होने में कभी-कभी 12 से 14 घंटे से लेकर कई दिनों तक का समय लग सकता है। जब किसी व्यक्ति में इसके लक्षण प्रकट हो जाते हैं, तो यह 5 से 7 दिन तक का भी समय ले सकता है।

क्या मम्स होने पर बच्चे को नहला सकते हैं?

मम्स के दौरान बच्चे या व्यक्ति के कनफेड़े सूज जाते हैं और उनमें दर्द होता है। ऐसे में एसिडिक चीजें, जो सूजन को और गंभीर बनाती हैं, उन्हें खाने से बचना चाहिए। साफ-सफाई का ध्यान रखना भी इस स्थिति में जरूरी है। हल्के गुनगुने पानी से नर्म स्नान करना आरामदायक हो सकता है।

क्या मम्स होने पर नारियल पानी पिया जा सकता है?

मम्स के दौरान व्यक्ति को हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी जाती है। नारियल पानी एक अच्छा इलैक्ट्रोलाइट है। इसलिए इसे पीना पूरी तरह सेफ है। मगर ध्यान रखें कि यह ताज़ा हो। रेफ्रिजरेटेड या पैकेज्ड कोकोनट वॉटर आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।

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