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इन दिनों लोग हो रहे हैं बुखार और जुकाम से पीड़ित, जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय

भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा जनवरी से मार्च तक और फिर मानसून के बाद के मौसम में होता है। यह एक वायरल इन्फेक्शन है, जो लोगों के बीच तेज़ी से फैलता है। इसलिए इससे बचाव बहुत जरूरी है।
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इन्फ्लूएंजा के लक्षण वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति द्वारा संक्रमित होने के लगभग 2 दिन बाद शुरू होते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 27 Feb 2024, 13:23 pm IST
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भारत में मौसमी इन्फ्लूएंजा और एवियन इन्फ्लूएंजा दोनों के मामले सामने आते रहते हैं। 2023 की तरह इस साल भी मौसमी इन्फ्लूएंजा या सीजनल इन्फ्लुएंजा (Seasonal Influenza) के बहुत अधिक मामले सामने आ रहे हैं। जिनमें ज्यादातर लोग जुकाम, बुखार, गले में दर्द आदि से पीड़ित हो रहे हैं। इससे बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हर साल वैक्सीनेशन की सिफारिश की जाती है। हालांकि मार्च के अंत तक इसके मामले घटने लगते हैं। इसके बावजूद यह जरूरी है कि आप इस मौसमी संक्रमण के कारण और बचाव के उपायों (Seasonal Influenza causes and treatment) के बारे में जानें।

भारत में मौसमी बुखार और संक्रमण (Seasonal Influenza in India)

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले साल अक्टूबर के अंत तक 5,350 एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) के मामले और 101 मौतें दर्ज की गईं। भारत में बढ़ते इन्फ्लूएंजा संक्रमण को देखते हुए भारत में जनवरी 2024 में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने 2024 क्वाड्रिवेलेंट इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के उपयोग की सिफारिश की। यह इन्फ्लूएंजा ए के दो और इन्फ्लूएंजा बी वायरस के दो प्रकारों से सुरक्षा प्रदान करता है।

खतरनाक हो सकती है लापरवाही (Seasonal Influenza antiviral medicine)

इन्फ्लूएंजा के लिए एंटीवायरल दवाएं लक्षण शुरू होने के 48 घंटों के भीतर दी जाने से गंभीर जटिलता और मौत को कम किया जा सकता है। जबकि लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

• वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, हर साल सीजनल इन्फ्लूएंजा के लगभग एक अरब मामले सामने आते हैं। इनमें गंभीर बीमारी के 30 -50 लाख मामले हो सकते हैं।
• इसके कारण प्रतिवर्ष 2 लाख 90 हज़ार से 6 लाख 50 हज़ार सांस संबंधी मौतें होती हैं।
• इन्फ्लूएंजा से संबंधित लोअर रेसपिरेटरी पाथ के संक्रमण से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की निन्यानबे प्रतिशत मौतें विकासशील देशों में होती हैं।
• लक्षण संक्रमण के 1-4 दिन बाद शुरू होते हैं। आमतौर पर लक्षण (Seasonal Influenza causes and treatment) लगभग एक सप्ताह तक रहते हैं।

क्या है सीजनल या मौसमी इन्फ्लूएंजा (What is Seasonal Influenza)

यह एक एक्यूट श्वसन संक्रमण है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह दुनिया के सभी हिस्सों में फैलता है। वैश्विक स्तर पर कुछ महीनों के दौरान मामलों में वृद्धि देखी जाती है। भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद के मौसम में होता है। मार्च के अंत से मौसमी इन्फ्लूएंजा से उत्पन्न होने वाले मामलों में कमी आने लगती है।

क्या हो सकते हैं कारण (Seasonal Influenza Causes)

मौसमी इन्फ्लूएंजा या फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है। यह दुनिया के सभी हिस्सों में आम है। अधिकांश लोग बिना उपचार के ठीक हो जाते हैं। इन्फ्लूएंजा लोगों के खांसने या छींकने पर आसानी से फैलता है।

इन्फ्लूएंजा लोगों के खांसने या छींकने पर आसानी से फैलता है।चित्र : अडोबी स्टॉक

क्या हो सकते हैं लक्षण (Seasonal Influenza Symptoms)

इन्फ्लूएंजा के लक्षण आम तौर पर वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति द्वारा संक्रमित होने के लगभग 2 दिन बाद शुरू होते हैं।

• अचानक बुखार आना
• खांसी (आमतौर पर सूखी)
• सिरदर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
• अस्वस्थ महसूस करना
• गला खराब होना
• नाक बहना

खांसी गंभीर हो सकती है और 2 सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकती है।

क्या है सीजनल इन्फ्लूएंजा का इलाज (Seasonal Influenza Treatment)

अधिकांश लोग एक सप्ताह के भीतर इन्फ्लूएंजा से अपने आप ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। हल्के लक्षण वाले लोगों को अन्य लोगों को संक्रमित करने से बचने के लिए घर पर रहना चाहिए। खूब सारे तरल पदार्थ (Seasonal Influenza causes and treatment) पीने चाहिए।

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इन्फ्लूएंजा होने पर खूब सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

टीकाकरण से रोकथाम (Seasonal Influenza Prevention)

टीकाकरण इन्फ्लूएंजा से बचाव का सबसे अच्छा तरीका (Seasonal Influenza causes and treatment) है। सुरक्षित और प्रभावी टीकों का उपयोग 60 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है। टीकाकरण से प्रतिरक्षा समय के साथ ख़त्म हो जाती है। इसलिए सीजनल इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए वर्ष में एक बार टीकाकरण करना पड़ता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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