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Microneedling : स्किन की कई समस्याओं को दूर कर सकती है माइक्रो नीडलिंग, जानिए क्या है यह

स्किन प्रॉब्लम को दूर करने के लिए इन दिनों माइक्रोनीडलिंग आजमाए जा रहे हैं। इसके कुछ सेशंस लेने पर किसी भी प्रकार की स्किन समस्या से राहत मिल सकती है। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। जानते हैं स्किन समस्या को दूर करने वाले इस ख़ास माइक्रोनीडलिंग चिकित्सा पद्धति के बारे में।
माइक्रोनीडलिंग एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। इसमें छोटी-छोटी स्टरलाइज़ की गई सुइयों को स्किन पर चुभोया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 27 Apr 2024, 19:22 pm IST
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तेज धूप, धूल-मिट्टी, प्रदूषण जैसे कारक त्वचा पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इसके कारण स्किन पर दाग-धब्बे, मुंहासे, समय से पहले एजिंग जैसी समस्या दिखने लगती है। स्किन की इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय किये जाते हैं। कुछ उपाय बढ़िया इफेक्ट वाले होते हैं, तो कुछ को आजमाने से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इन दिनों स्किन प्रॉब्लम को दूर करने के लिए माइक्रोनीडलिंग (Microneedling) का खूब प्रयोग किया जा रहा है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह कारगर उपाय है, लेकिन आजमाने से पहले इसके लाभ (Microneedling Benefits) और साइड इफेक्ट (Microneedling Side Effects) भी जान लेना चाहिए।

क्या है माइक्रोनीडलिंग (What is micro needling)?

माइक्रोनीडलिंग एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। इसमें छोटी-छोटी स्टरलाइज़ की गई सुइयों को स्किन पर चुभोया जाता है। ये छोटे-छोटे घाव शरीर में अधिक कोलेजन और इलास्टिन बनाते हैं। इससे त्वचा की समस्या ठीक हो जाती है। दाग-धब्बे रहित स्किन जवां दिखती हैं। इसे कोलेजन इंडक्शन थेरेपी भी कहा जाता है।

इन स्किन समस्याओं के लिए किया जाता है माइक्रो नीडलिंग का इस्तेमाल (Uses of Micro needling)

  1. पिंपल्स (Pimples)
  2. स्किन पर काले धब्बे या पैच (Hyperpigmentation)
  3. स्किन पोर्स (Skin pores)
  4. त्वचा की लोच में कमी (reduced skin elasticity)
  5. निशान (spots)
  6. स्ट्रेच मार्क (Stretch mark)
  7. अल्ट्रावायलेट रेज से होने वाले नुकसान (Sun damage)
  8. फाइन लाइंस और झुर्रियां (Fine lines and wrinkles)

त्वचा के रंग को प्रभावित कर सकती है (Micro needling effects)

माइक्रोनीडलिंग लेज़र उपचारों की तुलना में कम जटिल है। यह गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों के लिए बेहतर तरीके से काम कर सकती है। इसमें लेज़र उपचारों की तरह हीट शामिल नहीं होती है। यह त्वचा के रंग को प्रभावित कर सकती है। इस उपचार को लेने से पहले त्वचा विशेषज्ञ से यह सलाह जरूर लें कि यह आपकी त्वचा के लिए बढ़िया है या नहीं। कई बार माइक्रोनीडलिंग एलर्जी का भी कारण बन जाता है।

कैसे की जाती है यह ख़ास चिकित्सा (How to do micro needling)

स्किन एक्सपर्ट माइक्रोनीडलिंग कर सकते हैं। यदि इसे स्किन डॉक्टर के अलावा कहीं और आज़माया जाता है, तो विशेषज्ञ के अनुभव और योग्यता की जांच जरूरी है। माइक्रोनीडलिंग अनजाने में स्किन को चोट पहुंचा सकता है। इसलिए इस चिकित्सा को आजमाने से पहले इसके प्रोज और कोन्स को जानना जरूरी है।

प्रक्रिया में आमतौर पर 10-20 मिनट लगते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्किन के कितने बड़े एरिया पर इसकी मदद से उपचार किया जा रहा है। चिकित्सा का लाभ देखने के लिए 4-6 सिटिंग की जरूरत पड़ती है।

माइक्रोनीडलिंग  स्किन एजिंग को भी ठीक कर सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

सबसे पहले चेहरे पर सुन्न करने वाली क्रीम लगाई जाती है, ताकि सुई चुभने का एहसास न हो। फिर माइक्रोनीडलिंग एक्सपर्ट चेहरे के चारों ओर छोटी सुइयों वाला एक पेन के आकार का या रोलिंग टूल घुमाता है। सुइयां स्किन में छोटे-छोटे कट बनाती हैं। इससे स्किन से थोड़ा खून बहता है। इसके बाद एक्सपर्ट चेहरे पर क्रीम या सीरम लगा सकते हैं।

क्या मिल सकते हैं फायदे (micro needling Benefits)

इस प्रक्रिया का लक्ष्य कोलेजन और इलास्टिन डालकर शरीर की उपचार प्रक्रिया शुरू करना है, ताकि छोटी-छोटी चोटों को ठीक किया जा सके। कोलेजन झुर्रियों को भरने और चिकना करने में मदद करता है। ज़्यादातर लोग चेहरे पर माइक्रोनीडलिंग करवाते हैं, लेकिन यह शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे पेट या जांघों पर भी किया जा सकता है।

जोखिम भी हो सकते हैं (micro needling risks)

इसे आज़माने का फ़ैसला करने से पहले कुछ बातों पर विचार करना जरूरी है।

1 ठीक होने में समय लगता है (takes time)

यह कोई त्वरित समाधान नहीं है। अंतर को नोटिस करने में समय लगता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि शरीर खुद ठीक कर रहा होता है। ज़्यादातर लोगों को बदलाव देखने से पहले कुछ उपचारों की ज़रूरत होती है। त्वचा में सुई कितनी गहराई तक चुभती है, इस पर निर्भर करते हुए इसे ठीक होने में दिन या हफ़्ते लग सकते हैं।

2 दर्द और रेडनेस (Pain and redness)

प्रक्रिया के बाद थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है। आपकी स्किन कुछ दिनों तक लाल रह सकती है।

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3 पीलिंग (Peeling)

ठीक होने के दौरान स्किन में टाइटनेस आ सकती है। थोड़ी परत उतर सकती है।

4 चोट लगना और खून बहना (Bruising)

माइक्रोनीडलिंग के दौरान आमतौर पर खून नहीं निकलता है। डीप माइक्रोनीडलिंग उपचार से त्वचा से खून बह सकता है या चोट लग सकती है।

माइक्रोनीडलिंग के दौरान आमतौर पर खून नहीं निकलता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 संभावित निशान (Possible scarring)

माइक्रोनीडलिंग उन लोगों के लिए सही नहीं है, जिनकी त्वचा पर केलोइड्स, बड़े बुलबुले जैसे निशान हैं। इससे स्थिति और खराब हो सकती है।

6 संक्रमण (Skin infection)

माइक्रोनीडलिंग से त्वचा में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं। इससे जर्म स्किन में प्रवेश कर सकते हैं। खासकर अगर उपकरण को अच्छी तरह से साफ न किया गया हो, लेकिन संक्रमण का जोखिम बहुत कम होता है। यदि आप स्वस्थ हैं, तो माइक्रोनीडलिंग (micro needling) से संक्रमण होने की संभावना नहीं है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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