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हाइपोथायरॉइड की समस्या है, तो ट्राई करें ‘जौ’ की ये 2 टेस्टी और हेल्दी डिशेज़

अगर आप भी हाइपोथायरॉइड से पीड़ित है, तो 'जौ' आपके सेहत के लिए बहुत ही स्वस्थ विकल्प है। जौ को अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए हम इसकी आसान, स्वादिष्ट और पौष्टिक डिशेज़ बना सकतीं हैं।
जौ की खिचड़ी एक बेहतरीन डिश में से एक है। चित्र-अडोबीस्टॉक
Preparation Time 10 mins
Cook Time 20 mins
Total Time 30 mins
Serves 2
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स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ खानपान बनाए रखने बेहद आवश्यक है। आजकल ‘फास्ट-फूड्स’ और अन्य हानिकारक चीज़े खाने के कारण कई तरह के रोगों ने हमें जकड़ा हुआ है। कई ‘क्रोनिक’ बीमारियों से लेकर छोटी और आम बीमारियों से देखभाल और बचाव के लिए आहार विशेष भूमिका निभाता है। इसी बीच अगर आप भी हाइपोथायरॉइड से पीड़ित है, तो ‘जौ’ आपके सेहत के लिए बहुत ही स्वस्थ विकल्प है। जौ को अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए हम इसकी आसान, स्वादिष्ट और पौष्टिक डिशेज़ बना सकतीं हैं।

बेहद फायदेमंद है ‘जौ’

हाइपोथायरॉइड की स्थिति में स्वस्थ आहार करने से बहुत फायदे मिलते हैं। इन्हीं स्वस्थ आहार में ‘जौ’ का भी विशेष महत्व है। हाइपोथायरॉइड में जौ के फायदे बताते हुए कल्याण स्थित फोर्टिस अस्पताल की क्लिनिकल डायटीशियन लक्ष्मी मिश्रा बताती हैं कि हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है, और अपने आहार से इस स्थिति को कंट्रोल करने में काफी हद तक सुविधा हो सकती है ।

1 सेलेनियम का अच्छा स्रोत है जौ

सेलेनियम थायराइड स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक खनिज है। जौ में प्रचुर मात्रा में सेलेनियम होता है, जो थायराइड ग्लैंड को व्यवस्थित करने में मदद करता है, जिससे हाइपोथायरॉइड की स्थिति को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

2 कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स

डायटीशियन लक्ष्मी मिश्रा बतातीं हैं कि जौ में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह धीरे-धीरे ब्लड फ्लो में ग्लूकोज छोड़ता है। इसके साथ ही यह ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर करने में मदद करता है, जो हाइपोथायरायडिज्म वाले लोगों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

3 संतुलित पोषण देता है जौ

एक्सपर्ट डायटीशियन बतातीं हैं कि जौ विटामिन बी और आयरन सहित विभिन्न विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत होता है, जो अक्सर हाइपोथायरायडिज्म से जुड़ी समस्याओं को कम करता है और साथ ही शरीर में अन्य पौष्टिक तत्वों की पूर्ति भी करता है।

जौ का सूप (Barley’s Soup)

जौ (Barley) का सूप एक स्वस्थ और पौष्टिक व्यंजन होता है और हाइपोथायरॉयड रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। जौ का सूप बनाने के लिए आपको चाहिए:

जौ (बार्ले) – 1/2 कप
पानी – 4 कप
प्याज – 1 कटा हुआ
टमाटर – 1 कटा हुआ
हरा मिर्च – 1
अदरक और लहसुन का पेस्ट – 1 छोटी चम्मच
नमक – स्वाद के अनुसार
हल्दी – 1/4 छोटी चम्मच
जीरा – 1/2 छोटी चम्मच
घी – 2 छोटे चम्मच

जौ का सूप बनाने के लिए सबसे पहले, जौ को अच्छी तरह से धो लें। फिर एक कड़ाही में घी गरम करें और उसमें जीरा, प्याज, टमाटर, हरा मिर्च, अदरक-लहसुन का पेस्ट, नमक, और हल्दी डालकर सबको मिलाकर अच्छी तरह भूनें। अब इसमें धोये हुए जौ को डालकर फिर भूनें। इसके बाद, पानी डालकर इसे उबालने के लिए ढककर दें।

फिर आंच कम करके सूप को धीरे-धीरे पकने दें। जब जौ सूप अच्छी तरह से पक जाए, उसे निकालकर गरमा गरम परोसें। यह जौ का सूप एक पौष्टिक और स्वादिष्ट विकल्प होता है क्योंकि इसमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं ।

जौ स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

जौ और मूंग दाल की खिचड़ी (Barley Khichdi Recipe)

जौ की खिचड़ी भी एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार होता है, और यह भी हाइपोथायरॉयड रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। जौ की खिचड़ी बनाने के लिए आपको चाहिए:

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जौ (बार्ले) – 1 कप
मूंग दाल – 1/4 कप
पानी – 3 कप
तेल – 2 छोटे चम्मच
जीरा – 1/2 छोटे चम्मच
हिंग – 1/4 छोटे चम्मच
प्याज – 1 मोटा कटा हुआ
टमाटर – 1 मोटा कटा हुआ
हरा मिर्च – 1 छोटी कटा हुआ
अदरक-लहसुन का पेस्ट – 1 छोटा चम्मच
हल्दी – 1/4 छोटा चम्मच
धनिया पाउडर – 1 छोटा चम्मच
नमक – स्वाद के अनुसार
गरम मसाला – 1/2 छोटा चम्मच
घी – 1 छोटा चम्मच (वैकल्पिक)

जौ और मूंग दाल की खिचड़ी बनाने के लिए सबसे पहले, जौ और मूंग दाल को धोकर अच्छी तरह से सुखा लें। फिर एक प्रेशर कुकर में जौ, मूंग दाल, और 3 कप पानी डालें और उबाल लें। उबालने के बाद, गैस बंद करें और प्रेशर कुकर को ठंडा होने दें।

अब एक एक कड़ाही में तेल गरम करें, फिर इसमें जीरा, हींग, प्याज, टमाटर, हरा मिर्च, और अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर भूनें। अब इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, नमक, और गरम मसाला डालकर अच्छी तरह से मिला दें। उबले हुए जौ-मूंग दाल मिश्रण को इसमें मिलाएं और अच्छी तरह से मिलाकर धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकाएं। अब आपकी खिचड़ी तैयार है।

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कार्तिकेय हस्तिनापुरी

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है। ...और पढ़ें

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