लॉग इन

थाइरॉयड की समस्या दूर कर मेटाबॉलिज्म को एक्टिव कर सकते हैं ये 5 सुपरफूड्स

थाइरॉयड ग्लैंड शरीर के मेटाबोलिज्म को भी नियंत्रित करता है। खानपान में पोषक तत्वों की कमी के कारण ये दोनों प्रभावित हो जाते हैं। 5 सुपरफ़ूड न सिर्फ थाइरॉयड समस्या को दूर करते हैं, बल्कि मेटाबोलिज्म रेट को भी सक्रिय कर देते हैं।
सुपरफ़ूड में मौजूद कई कम्पोनेंट थायरॉयड ग्रंथि को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 25 Oct 2023, 09:30 am IST
ऐप खोलें

थाइरॉयड ग्लैंड शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करती है। ग्लैंड थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है, जो कई बायोलोजिकल कार्यों को नियंत्रित कर हेल्दी बनाए रखता है। जब थायरॉयड ग्रंथि सुस्त या अति सक्रिय हो जाती है, तो इससे कई समस्याएं हो सकती हैं। थायरॉयड ग्रंथि के फंक्शन को सही करने का सबसे अच्छा तरीका है सही भोजन का चुनाव। विशेषज्ञ बताते हैं कि सुपरफ़ूड में मौजूद कई कम्पोनेंट थायरॉयड ग्रंथि को संतुलित करने में मदद (Superfood for Thyroid and Metabolism) कर सकते हैं। इससे मेटाबोलिज्म रेट भी एक्टिव हो पाती है।

थाइरॉयड और मेटाबोलिज्म के बीच कनेक्शन (Thyroid and Metabolism connection)

प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डाइटीशियन इन चार्ज अंकिता घोषाल बिष्ट बताती हैं,’ यदि किसी को हाइपोथायरायडिज्म है, तो यह एक मेटाबोलिज्म संबंधी विकार है। इसमें मेटाबोलिज्म में भूमिका निभाने वाले हार्मोन का कम उत्पादन होता है। थाइराइड गर्दन के सामने तितली के आकार का एक ग्लैंड है। जब थायराइड हार्मोन इंट्रान्यूक्लियर रिसेप्टर से जुड़ता है, तो यह मेटाबोलिज्म रेट और थर्मोजेनेसिस को बढ़ाने के लिए जीन को सक्रिय करता है। मेटाबोलिज्म रेट बढ़ने से ऑक्सीजन और ऊर्जा की खपत में वृद्धि होती है। वहीँ मेटाबोलिज्म रेट घटने से ऑक्सीजन और ऊर्जा की खपत में कमी हो जाती है। इससे ओबीज होने की आशंका बढ़ जाती है।

यहां हैं 5 सुपरफ़ूड जो मेटाबोलिज्म और थाइरॉयड को बूस्ट करने में मदद करते हैं (5 superfood thyroid aur metabolism ke liye badhiya)

1 ब्लू बैरीज़ (Blueberries for Thyroid and metabolism)

अंकिता घोषाल बताती हैं, ‘ब्लूबेरी दुनिया के पसंदीदा सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ये पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। हाइपोथायरायडिज्म के कारण वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए इसमें फाइबर भी अधिक होता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि फ्रुक्टोज कम होता है। ये ऊर्जा और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा दे सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि थायराइड की स्थिति वाले लोगों में फ्री रेडिकल्स लेवल हाई होता है। ये शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे ब्लूबेरी में एंटीऑक्सिडेंट की हाई मात्रा कम करने में मदद मिल सकती है।‘

2 ब्राजील नट्स (Brazil Nuts for Thyroid and metabolism)

अंकिता घोषाल के अनुसार ब्राज़ील नट्स में सेलेनियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। थायरॉयड की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं सेलेनियम। ब्राजील नट्स जिस जलवायु से आते हैं, उसके आधार पर उनमें जिंक, कॉपर और मैग्नीशियम हाई कंसंट्रेशन में मौजूद होता है। प्रतिदिन बस कुछ मात्रा में ब्राजील नट्स लेने पर मेटाबोलिक एक्टिविटी भी सक्रिय होती है।

ब्राज़ील नट्स में    सेलेनियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। थायरॉयड की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं सेलेनियम। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds for Thyroid and metabolism)

कद्दू के बीज थायराइड के लिए सबसे बढ़िया सुपरफूड हैं। प्रतिदिन 10-12 कद्दू के बीज खाने से जिंक की दैनिक जरूरतें पूरी हो जाती हैं। यह थायराइड हार्मोन उत्पादन के लिए आवश्यक मिनरल है । ब्रेकफास्ट में लेने के लिए इसे बिना तेल या ¼ टी स्पून घी के साथ भून कर खाया जा सकता है

4 सेब (Apple for Thyroid and metabolism)

सेब निश्चित रूप से थायराइड के लिए सुपरफूड है। सेब पेक्टिन से भरे होते हैं। इस तरह के फाइबर शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने में सहायता कर सकते हैं। इन विषाक्त पदार्थ में विशेष रूप से मौजूद मेटल थायरॉइड फ़ंक्शन में हस्तक्षेप कर सकते हैं। पारा थायराइड हार्मोन के स्तर को कम कर सकता है। थायराइड-अनुकूल ब्रेकफ़ास्ट के लिए छिलके सहित एक सेब खाएं, जिसमें उच्च मात्रा में पेक्टिन होता है

सेब निश्चित रूप से थायराइड के लिए सुपरफूड है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 मूंग की दाल (Moong Beans for Thyroid and metabolism)

बीन्स में प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, कई तरह के विटामिन और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनमें मौजूद फाइबर बोवेल मूवमेंट में मदद कर सकता है, जो थायरॉइड असंतुलन का सामान्य लक्षण है। अधिकांश फलियों की तरह मूंग में प्रचुर मात्रा में आयोडीन होता है। मूंग के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि अन्य सभी बीन्स की अपेक्षा इसे पचाना आसान होता है। थायराइड-अनुकूल आहार मेटाबोलिज्म रेट को भी बढ़ा सकता है।

यह भी पढ़ें :- Post weight loss hunger : वेट लॉस के बाद बढ़ गई है भूख, तो इन 10 टिप्स से करें कंट्रोल

स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख