पेल्विक फ्लोर संबधी समस्याओं का बढ़ना एक आम बात है। ऐसे में पेल्विक फ्लोर मसल्स को मज़बूत बनाने के लिए योगाभ्यास को अपने रूटीन में शामिल करना ज़रूरी है। इससे न केवल आपकी सेक्सुअल लाइफ बूस्ट होती है बल्कि यूरिन लीकेज (Urine leakage) की समस्या को भी सुलझाया जा सकता है। कुछ देर योगाभ्यास करने से आपका पूरा शरीर स्ट्रेच होता है, जो ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। जानते हैं पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्ट्रांग बनाने वाले 4 योगासन (Yoga for pelvic health) ।
पेल्विक मसल्स को मज़बूती प्रदान करने के लिए रोज़ाना कुछ देर ताड़ासन करें। इससे पैरों की मांसपेशियां में होने वाली ऐंठन दूरी होती हैं और वो स्ट्रांग बन जाती हैं। इसे करने से पीठ के निचले हिस्से में रहने वाले दर्द को भी दूर किया जा सकता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब पैरों को उपर की ओर उठाएं और पूरा वज़न पंजों पर ले आएं।
उसके बाद दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और स्ट्रेच करें। गर्दन को भी उपर की ओर रखें और आसमान की ओर देखें।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योग मुद्रा में बैठे रहें। उसके बाद पैरों और बाजूओं को आहिस्ता से नीचे लाएं और पूरी बॉडी को ढीला छोड़ दें।
ताड़ासन करने के दौरान पीठ को एकदम सीधा रखें। इससे पैरों को मज़बूती मिलेगी। इसके अलावा पेल्विक मसल्स भी स्ट्रांग बनते हैं।
शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए इस योगासन को अवश्य करें। इससे शरीर का संतुलन बना रहता है और मांसपेशियां मज़बूत रहती हैं। रोज़ाना इस योग को करने से पेट के निचले हिस्से में होने वाली समस्याओं से राहत मिल जाती है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें और कुर्सी पर बैठने के समान शरीर को उस मुद्रा में रखें।
अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं। बाजूओं को खींचें और हाथों को सीधा रखें। इस दौरान गहरी सांस लें और धीरे धीरे छोड़ें।
गर्दन को भी उपर की ओर लेकर जाएं और दोनों कानों को बाजूओं से कवर कर लें। इस मुद्रा में 30 सेकण्ड से लेकर 50 सेकण्ड तक बने रहें।
दोनों बाजूओं को नीचे ले आएं और सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इससे पैरों में होने वाले दर्द से राहत मिलने लगती है।
इसे नियमित तौर पर करने से पेट के निचले हिस्से में होने वाली ऐंठन और दर्द जैसी समस्या दूर होगी। इसके अलावा बाजूओं, शोल्डर्स और पैरों के मसल्स स्ट्रांग बनने लगेगे। रोज़ाना करने से फोक्स भी बढ़ने लगता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो और पीठ को एकदम सीधे कर लें। अब दाई टांग को पीछे की ओर लेकर जाएं और बाई टांग को घुटने से मोड़ लें।
दोनों बाजूओं को उपर की ओर रखें और बाजूओं को स्ट्रेच करें। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। आंखों को बंद कर लें और 30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहें।
अब शरीर को सामान्य मुद्रा में लेकर आएं और ढ़ीला छोड़ दें। कुछ सेकण्ड आराम करने के बाद बांई टांग को पीछे की ओर लेकर जाएं।
इसे रोज़ाना करने से शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ने लगेगा और आपकी बॉडी फिट रहेगी।
पाचन संबधी समस्याओं से लेकर पेल्विक मसल्स में होने वाली दिक्कतों तक हर चीज़ के लिए आनंद बालासन एक बेहतरीन विकल्प है। इसे रोज़ाना करने से पीठ दर्द से राहत मिलती है और ब्लड सर्कुलेशन भी नियमित तौर पर होने लगता है।
इस येग मुद्रा को करने के लिए मैट पर ज़मीन के बल लेट जाएं। अब दोनों टांगों को उपर की ओर लेकर जाएं और सीधा कर लें।
धीरे धीरे टांगों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ लें। इस दौरान दोनों पैरों कें मध्य गैप बनाकर रखें।
1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने के बाद टांगों को सीधा कर लें। इससे टांगों की मांसपेशियों में मज़बूती आने लगेगी।
आनंद बालासन को 2 से 3 बार दोहराएं।
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