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Office chair butt : कहीं आपके नितंबों को कमजोर और चपटा तो नहीं कर रही 9 टू 5 की डेस्क जॉब, जानिए बचाव के तरीके

ऑफिस चेयर बट के नाम से जानी जाने वाली एक समस्या है, जो लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उत्पन्न होती है। अगर आप बिना किसी हरकत के अपने डेस्क पर घंटों बैठे रहती हैं, तो इससे मांसपेशियों में कमज़ोरी आ सकती है, खास तौर पर ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से कमजोर हो जाते हैं।
Published On: 26 Apr 2025, 06:22 pm IST
जब लोग बिना किसी शारीरिक हरकत के लंबे समय तक बैठे रहते हैं, जिससे ग्लूट्स की प्राकृतिक मांसपेशियों की टोन और आकार प्रभावित होती हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

क्या आपको मालूम है 9 टू 5 की डेस्क जॉब पीठ दर्द और अतिरिक्त चर्बी का कारण बन सकती है? क्या आप जानती हैं ऑफिस में लगातार बैठे रहने की आदत आपके नितंबों को प्रभावित कर सकती हैं? जी हां, ऑफिस चेयर बट के नाम से जानी जाने वाली एक समस्या है, जो लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उत्पन्न होती है। अगर आप बिना किसी हरकत के अपने डेस्क पर घंटों बैठे रहती हैं, तो इससे मांसपेशियों में कमज़ोरी आ सकती है, खास तौर पर ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से कमजोर हो जाते हैं।

यही कारण है कि आपको थोड़े थोड़े देर में खड़े होने, स्ट्रेच करने या घूमने के लिए नियमित ब्रेक की सलाह दी जाती है। अपनी फिटनेस रूटीन में ग्लूट को मज़बूत बनाने वाले व्यायामों को शामिल करें, इस तरह आपको फ्लैट बट से बचने में मदद मिल सकती है (Office chair butt)।

पहले जानिए ऑफिस चेयर बट क्या है (Office chair butt)?

शारीरिक सक्रियता शरीर को कई रूपों में नुकसान पहुंचा सकती है, जर्नल ऑफ़ लाइफस्टाइल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इस तरह की जीवनशैली और लंबे समय तक ऑफिस में बैठे रहने की आदत टाइप 2 डायबिटीज़, मोटापा, क्रोनरी आर्टरी डिजीज और मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर के लिए एक जोखिम कारक बन जाती है। सोशल मीडिया पर एक शब्द ट्रेंड कर रहा है, “ऑफिस चेयर बट”।

फिजियोथेरेपिस्ट शाजिया शादाब कहती हैं, “इसका इस्तेमाल उस घटना का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें ऑफिस की कुर्सी पर लंबे समय तक बैठने से मांसपेशियों में असंतुलन पैदा होता है, खास तौर पर ग्लूट्स (नितंब) में। इससे मांसपेशियां चपटी, कमजोर या अविकसित दिखाई देती हैं।” यह आमतौर पर तब होता है जब लोग बिना किसी शारीरिक हरकत के लंबे समय तक बैठे रहते हैं, जिससे ग्लूट्स की प्राकृतिक मांसपेशियों की टोन और आकार प्रभावित होती हैं।

इससे शरीर का लचीलापन बना रहता है और पाचन संबधी समस्याएं भी हल होने लगती है। चित्र:शटरस्टॉक

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि, जो लोग दो घंटे तक लगातार बैठकर कंप्यूटर पर काम करते हैं, इन्हें शरीर के सभी अंगों में असुविधा का अनुभव होता है, खास तौर पर पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे, जांघ और नितंब के क्षेत्रों में।

ऑफिस चेयर बट कैसा दिखता है?

ऑफिस चेयर बट निम्नलिखित शारीरिक परिवर्तनों में प्रकट हो सकता है:

फ्लैट ग्लूट्स: ऑफिस चेयर बट का सबसे आम संकेत ग्लूट की मांसपेशियों का चपटा होना है। जब आप लंबे समय तक बीती रहती हैं, तो मांसपेशियां कमजोर और अविकसित हो सकती हैं। इससे नितंबों का आकार चपटा दिखाई देता है।

खराब पॉश्चर: लंबे समय तक बैठना, खास तौर पर खराब पॉश्चर के साथ बैठने से, रीढ़ और कूल्हों के संरेखण प्रभावित हो सकते हैं। इस स्थिति में आपको कुछ ऐसे लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे झुके हुए या गोल कंधे, और आगे की ओर झुकी हुई श्रोणि, जिससे पीठ का निचला हिस्सा अत्यधिक मुड़ सकता है। कूल्हे अधिक सिकुड़े हुए या अत्यधिक तंग दिखाई दे सकते हैं, जो ग्लूट्स के सपाट होने पर और अधिक जोर दे सकता है।

ऑफ़िस चेयर बट से बचाव के तरीके?

विशेषज्ञ कहते हैं, “ऑफिस चेयर बट को रोकने के लिए, ऐसी आदतें अपनाना ज़रूरी है जो अच्छी मुद्रा को बढ़ावा दें, आपकी मांसपेशियों को सक्रिय रखें और पूरे दिन आपकी बॉडी एक्टिविटी को प्रोत्साहित करें।”

1. नियमित रूप से ब्रेक लेना जरूरी है

बिना किसी एक्टिविटी के लंबे समय तक बैठे रहने से ग्लूट कमज़ोर हो जाते हैं और मुद्रा खराब हो जाती है। हर 30 मिनट में खड़े होने और हिलने-डुलने के लिए समय निकालें। टहलें, स्ट्रेच करें या बस कुछ मिनटों के लिए खड़े होकर अपने डेस्क के पास वॉक करें।

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इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। साथ ही फैट्स को कम किया जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. एर्गोनोमिक कुर्सी का उपयोग करें

एक्सपर्ट के अनुसार उचित लम्बर सपोर्ट और ऊंचाई वाली कुर्सी का इस्तेमाल करें, जिसे आसानी से एडजस्ट किया जा सके। यह अच्छी मुद्रा बनाए रखने में मदद कर सकती है, जिससे ग्लूट और पीठ के निचले हिस्से पर तनाव कम होता है। सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी आपकी पीठ के निचले हिस्से को सहारा दे और सीधी रीढ़, पैरों को ज़मीन पर सपाट और घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर रखकर बैठने के लिए प्रोत्साहित करे।

3. ग्लूट को मज़बूत करने वाले व्यायाम करें

ऑफिस बट से बचाव के लिए, सबसे जरूरी है स्ट्रेचिंग। बॉडी को स्ट्रेच करें और अपने ग्लूट्स को सक्रिय रखें, इस प्रकार उनका आकार बना रहता है। अपने साप्ताहिक फ़िटनेस रूटीन में स्क्वाट, ग्लूट ब्रिज, लंज और हिप थ्रस्ट जैसे व्यायाम शामिल करें, ताकि आपके ग्लूट्स को लक्षित कर, उन्हें उचित फायदा प्राप्त हो सके।

4. नियमित रूप से स्ट्रेच करें

मस्कुलोस्केलेटल साइंस एंड प्रैक्टिस में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, कम शारीरिक गतिविधि के साथ लंबे समय तक बैठने से हिप फ्लेक्सर मांसपेशियों की कठोरता बढ़ सकती है। आपके हिप फ्लेक्सर्स में जकड़न आपके ग्लूट एंगेजमेंट को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। इसलिए, लचीलेपन में सुधार और मांसपेशियों की कठोरता को कम करने के लिए हिप फ्लेक्सर स्ट्रेच, क्वाड स्ट्रेच और पिजन पोज़ जैसे स्ट्रेच करें।

5. बीच बीच में खड़ी होती रहें

लंबे समय तक बैठने से आपके ग्लूट्स कमज़ोर हो सकते हैं और आपको असुविधा हो सकती है। वर्चुअल मीटिंग अटैंड करते समय या मेल पढ़ते समय स्टैंडिंग डेस्क या स्टैंड का उपयोग करें। शादाब की माने तो “30 मिनट बैठने और 30 मिनट खड़े रहने का लक्ष्य रखें।”

वे लोग जो ब्रेन को रिलैक्स रखते है, उनकी वर्क प्रोडक्टिविटी में सुधार आने लगता है। चित्र – शटरस्टॉक

6. पॉश्चर पर विशेष ध्यान दें

खराब मुद्रा मांसपेशियों के असंतुलन और ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से में असुविधा का कारण बन सकती है। काम करते समय अपनी पीठ सीधी, कंधे पीछे और पैर ज़मीन पर सपाट रखें। विशेषज्ञ कहते हैं, “अपनी कुर्सी पर आगे की ओर झुकने से बचें।”

7. पूरी तरह से हाइड्रेटेड और पोषित रहें

हाइड्रेटेड रहना और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से आपकी मांसपेशियों को ठीक होने, ताकत बनाए रखने और ऐंठन को रोकने में मदद मिलती है। विशेषज्ञ कहते हैं, “पूरे दिन खूब सारा पानी पिएं और अपनी मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।”

जीवनशैली की बेहतरीन आदतों, व्यायाम और एर्गोनोमिक को मिलाकर, आप ऑफिस चेयर बट के खतरे को कम कर सकती हैं। इस प्रकार आप अपनी डेस्क जॉब के बावजूद मजबूत, टोंड ग्लूट्स बनाए रख सकती हैं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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