ओवर शेयरिंग की आदत सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं से आपके उपर हावी हो सकती है। एक ओर, व्यक्तिगत अनुभव और भावनाओं को शेयर करने से रिश्तों में संबंध, सहानुभूति और विश्वास को बढ़ावा मिल सकता है। यह लोगों को खुदको दूसरों के सामने अभिव्यक्त करने की अनुमति देता है और वे दूसरों से समझ और समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर जब कोई अपने जीवन के, संघर्षों और कमजोरियों को दूसरों के सामने व्यक्त करता है, तो कई बार लोग इसे अलग तरीके से लेना शुरू कर देते हैं, और उसे आपके खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको अपनी बाउंड्री का ध्यान (oversharing) रखना है, कि कौन सी बात आपको कब और किसके सामने बोलनी हैं, और कौन सी बात आपको किसी से नहीं कहनी।
ओवर शेयरिंग के प्रभाव जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम की सीनियर कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट डॉ. मुनिया भट्टाचार्य से बात की। डॉक्टर ने ओवर शेयरिंग के नकारात्मक प्रभाव पर बात करते हुए, इसे कम करने के कुछ टिप्स भी दिए हैं (oversharing side effects)। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
कई बार ओवर शेयरिंग के नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अपने बारे में अत्यधिक बात करना दूसरों को असहज कर सकता है, खासकर यदि आपके द्वारा दी गई जानकारी उनके समझ से अलग हो। हर किसी के सोचने समझने की शक्ति अलग-अलग होती है, ऐसे में जरूरी नहीं की हर कोई आपको और आपकी बातों को समझ सके।
इससे प्राइवेसी और बाउंड्रीज का उल्लंघन भी हो सकता है, इसका असर दोनों के रिश्ते पर पड़ता है, और रिश्ता स्ट्रेसफुल हो सकता है। इसके अलावा, ओवरशेयरिंग अवांछित ध्यान या निर्णय को आकर्षित कर सकती है, खासकर सोशल मीडिया के ट्रेंडिंग ओवर शेयरिंग जमाने में जहां व्यक्तिगत जानकारी व्यापक दर्शकों के लिए आसानी से उपलब्ध है।
ओवर शेयरिंग होने से कई बार दूसरे लोग आपको जज करना शुरू कर देते हैं, जो आपके लिए एंजायटी का कारण बन सकता है। ऐसे में सामने वाले व्यक्ति को इतनी ही बात बताएं जीतने की जरूरत हो। अधिकांश ऐसा होता है को दूसरे को अपनी भावनात्मक चीजें बताते बताते उनके साथ इंटिमेसी क्रिएट कर लेते हैं, पर असल में सामने वाला ऐसा नहीं सोच रहा होता जिसकी वजह से आपको बाद में परेशानी हो सकती है।
किसी भी व्यक्ति के साथ ओवर शेयरिंग करने से आप सामने वाले व्यक्ति के मन में खुद के लिए एक जजमेंट और क्रिटिसिज्म छोड़ देती हैं, वहीं आप मैनिपुलेशन और एक्सप्लोइटेशन के लिए वल्नरेबल हो जाती हैं। कई बार आपके द्वारा बताई गई चीजों को लेकर सामने वाला व्यक्ति उसे आपके खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। इसलिए हमेशा किसी भी बात को ओवर शेयर करने से बचना चाहिए।
जब आप किसी से कोई भी बात बताने जाती हैं, तो इससे पहले आपको से 2 सेकंड पॉज लेकर इस बारे में सोचना चाहिए। ऐसा करने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी की सामने वाले व्यक्ति को कितनी बात बतानी है। अक्सर हम बिना सोचे समझे कई ऐसी बातें कह जाते हैं, जिसे लेकर बाद में हमें पछतावा होता है।
यदि आपमें लिसनिंग स्किल्स नहीं है, तो जाहिर सी बात है आप लोगों से ओवर शेयरिंग करती होंगी। अपनी इस आदत में सुधार करने के लिए लोगों की बात को सुने और जरूरत पड़ने पर बोलें। जब आप बोलने के साथ दूसरों की बात को सुनती और समझती हैं, तो आप एक बेहतर तरीके से कम्युनिकेट कर पाती हैं, और ओवर शेयरिंग से बच जाती हैं।
यदि आपको ज्यादा बोलने और किसी भी बात को ओवर शेयर करने की आदत है, तो ऐसे में आपको सामने वाले व्यक्ति से भी उनके बारे में पूछना चाहिए। कई बार हम खुदके बारे में बात करते हुए, दूसरों का हाल चाल तक पूछना भूल जाते हैं। इसका प्रभाव आपके रिश्ते पर भी नजर आ सकता है। ऐसे में अपनी बात रखने के साथ ही दूसरों से भी बातें करें और उनके बारे में भी जानें।
अपने दिमाग में अपनी पर्सनल बातों को लेकर एक बाउंड्री सेट करें। दिमाग में टॉपिक्स की एक लिस्ट तैयार कर लें, जिसमें खुदसे जुड़ी बातें सोचें की आपको कौन सी बात लोगों को कहनी है और कौन सी बात नहीं। इससे आपको मालूम रहेगा की कौन सी बात किसको और कब कहनी है।
ओवर शेयरिंग पर्सन के साथ ही सोशल मीडिया पर भी की जा सकती है और जब आप अपसेट या इमोशनल होती हैं, तो ऐसे में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए यदि आपको कोई भावनात्मक पोस्ट दिखाई देता है तो आप उसे अपने स्टोरी और लोगों को शेयर करती है। फिर उनके पूछने के बाद कई बार आप अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया से जुड़े दोस्तों के साथ भी शेयर करती हैं। ऐसा करने से बचें (over sharing) यह और ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
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