दशकों से फिटनेस फ्रीक महिलाओं से यही कहा जाता रहा है कि मांसल शरीर अच्छा नहीं होता है। इससे महिला मोटी दिख सकती है। पर यह सही नहीं है। मांसल शरीर भी फिट होता है। मांसल शरीर में लीन मास अधिक होता है। लीन मास बढ़ाने के लिए ‘ सिंपल कार्डियो ही नहीं, भारी वजन उठाना और मांसपेशियों को बढ़ाने वाले एक्सरसाइज करना भी सही है। मांसल शरीर के लिये महिलाओं को जिम में फ्री वेट सेक्शन में भाग लेना चाहिए। जिन महिलाओं को बॉडी बिल्डिंग का शौक है, वे फिटनेस सेशन का 100% कार्डियो रीजन में न बिताएं। इसकी बजाय वे पावर बढ़ाने वाले व्यायाम (Toned muscles for females) कर सकती हैं।
शरीर के मास को दो प्रमुख घटकों में बांटा जा सकता है। शरीर में वसा (ऊर्जा भंडार) और लीन मास। लीन मास के अंतर्गत मांसपेशियों, अंगों और बोन्स भी आते हैं। इनमें से प्रत्येक का अलग बायोलॉजिकल महत्व है।
लीन मास की गणना शरीर के कुल वजन और शरीर में फैट के वजन के बीच के अंतर के रूप में की जाती है। वसा को छोड़कर शरीर के हर चीज के वजन के रूप में इसे देखा जाता है। स्वस्थ माने जाने वाले लीन मास की सीमा लगभग 70% – 90% है। इसमें महिलाएं 70 प्रतिशत और पुरुष इससे ऊपर हैं।
मांसपेशी बनाने के लिए एक्स्ट्रा कैलोरी की आवश्यकता होती है। मसल्स ग्रोथ के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स बनाना जरूरी है। इसके लिए मूल रूप से दिन भर में कैलोरी बर्न से अधिक कैलोरी इंटेक की आवश्यकता होती है। यदि इस आंकड़े का पालन नहीं किया जाता है, तो कैलोरी की कमी शरीर पर बोझ डालता है। जब आप अपनी एनर्जी रिक्वायरमेंट के तहत भोजन कर रही होती हैं, तो आपके शरीर की प्राथमिकता लीन मास बनाना नहीं होता है। इसकी प्राथमिकता ऊर्जा बचाना और शरीर का फंक्शन करना होता है। इसलिए आवश्यकता से अधिक कैलोरी लेना वेट लिफ्टिंग ट्रेनिंग के लिए जरूरी होता है।
बॉडी बिल्डिंग या लीन मास बढ़ाने के लिए महिलाओं को मैक्रोन्यूट्रिएंट का सेवन भी समझदारी से करना होगा। मसल्स ग्रोथ और रिकवरी को बढ़ाने के लिए हर दिन महिलाओं को अपने शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम लगभग 1.6-2.2 ग्राम प्रोटीन लेना होगा।
बाकी कैलोरी कार्ब्स और वसा के बीच बांट कर लेना चाहिए। अधिकांश महिलाओं के लिए प्रति दिन लगभग 55-70 ग्राम फैट का लक्ष्य होना चाहिए। उनके सेवन का बाकी हिस्सा कार्ब्स के लिए होना चाहिए।
लीन मास बढ़ाने की कोशिश करते समय कार्बोहाइड्रेट को सीमित करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। मीडियम से हाई कार्बोहाइड्रेट का सेवन प्रदर्शन और लाभ दोनों में मदद करता है!
मांसपेशियों के ग्रोथ के लिए प्रशिक्षण सबसे अधिक जरूरी है। इसके लिए खुद को लगातार चुनौती देते रहना जरूरी है। प्रशिक्षण के दौरान शरीर पर पड़ने वाले तनाव में धीरे-धीरे वृद्धि करना चाहिए। इसके लिए तय किये गए ट्रेनिंग सेटों की संख्या बढ़ाना, प्रत्येक सेट में रिपीटीशन की संख्या बढ़ाना हो सकता है।
किसी व्यायाम को करने के लिए अधिक रेसिस्टेंस लगाना भी इसके अंतर्गत हो सकता है। विविधता महत्वपूर्ण है। अधिक रेसिस्टेंस जोड़ना, यानी वजन बढ़ाना बेहतर परिणाम देता है।
मसल्स बिल्डिंग पर ध्यान देते समय मन को स्थिर करना भी जरूरी है। यदि मन में कई तरह के विचार चल रहे होते हैं, तो इसका सीधा प्रभाव वर्कआउट पर पड़ता है। यदि वेट लिफ्टिंग के साथ कोई महिला काम कर रही है, तो विचार संतुलन बिगाड़ सकते हैं। हैवी वेट से चोटों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए अपना पूरा ध्यान उन मांसपेशी समूहों पर रखें, जिन्हें आप लक्षित कर रही हैं। इससे आप पूरे सत्र के दौरान बेहतर शेप में बनी रहेंगी। इससे आपको अधिकतम लाभ मिलेंगे।
खासकर जब आप लीन मांसपेशियों के निर्माण के लिए अपने शेड्यूल में कुछ गंभीर रूप से चुनौतीपूर्ण वर्कआउट शामिल कर रही हैं। इसलिए हमेशा अपने सेशन की योजना बनाएं। इससे शरीर के उस हिस्से को दोबारा लक्षित करने से पहले पर्याप्त रिकवरी हो सके। अपने सत्रों को आवश्यकता से अधिक लंबा न करें। बहुत अधिक व्यायाम जोड़ने की बजाय, उचित संख्या में सेट करें। प्रत्येक सप्ताह कम से कम 1 पूर्ण रिलैक्सेशन डे जरूर शामिल करें। शरीर को जरूरी आराम देने से लगातार एनर्जेटिक बने रहा जा सकता है।
रिकवरी के लिए नींद भी जरूरी है। नींद की कमी शरीर की मांसपेशियों के ऊतकों के निर्माण की क्षमता को प्रभावित करती है। इससे ताकत कम हो जाती है। अधिकांश लोगों के लिए प्रत्येक दिन 7-9 घंटे की नींद जरूरी है। यदि आप नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं मिलती है, तो यह बॉडी बिल्डिंग को प्रभावित करेगा। इसलिए पर्याप्त नींद जरूर लें ।
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