ज्यादातर महिलाएं पेट की बढ़ती चर्बी से बेहद परेशान रहने लगी हैं।बढता बेली फैट न केवल कपड़ों की फिटिंग खराब करता है, बल्कि यह कई महिलाओं में कॉन्फिडेंस लेवल की कमी का कारण भी बनता है। सबसे महत्वपूर्ण शरीर पर जमा एक्स्ट्रा फैट आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में इस समस्या पर समय रहते ध्यान देना और इस पर नियंत्रण पाना बेहद महत्वपूर्ण है। अन्यथा एक समय के बाद इसे कंट्रोल कर पाना आपके लिए मुश्किल हो जाता है।
बढ़ती उम्र के साथ ये चर्बी जिद्दी होती जाती है और डाइटिंग, एक्सरसाइज जैसे तमाम कोशिशों के बाद भी इसे कम कर पाना आपके लिए आसान नहीं होता। इसलिए जब पेट पर चर्बी जमना शुरू होती है, उसी वक्त फौरन अपनी गतिविधियों की जांच करें और उन पर नियंत्रण पाएं। इसके साथ ही यदि आपको अभी तक पेट की चर्बी नहीं है, तो आप आज से ही इस पर काम करना शुरू कर दे ताकि यह भविष्य में आपकी परेशानी का कारण न बने।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने बेली फैट कम करने को लेकर कुछ टिप्स शेयर किये हैं। तो चलिए उनसे जानते हैं आखिर इस पर किस तरह नियंत्रण पाना है (tips to burn belly fat)।
सॉल्युबल फाइबर पानी को अवशोषित कर जेल फॉर्म में बदल जाते हैं, जिससे कि खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे आराम से पाचन क्रिया तक पहुंचते हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पेट पर जमी चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है, जिससे कि आपको बार बार भूख नहीं लगती और आप प्राकृतिक रूप से सीमित मात्रा में खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं। ऐसे में कम से कम कैलरी इंटेक होती हैं और शरीर पर एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता।
सॉल्युबल फाइबर के लिए फल, सब्जी, दाल और बार्ली और ज्वार एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। इन सभी खाद्य पदार्थों को अपने नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं और खुद को फिट रखें।
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रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देते हैं। शरीर में इंसुलिन के बढ़ते स्तर से बॉडी फैट स्टोर करने लगती है। वहीं ये फैट पेट के आसपास के हिस्से को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। इसलिए एक्सपर्ट के अनुसार रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त व्हाइट ब्रेड, केक, व्हाइट राइस, पिज़्ज़ा, जैसे खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज रखना आवश्यक है। यह हॉर्मोन्स को असंतुलित कर देते हैं और वेट गेन का कारण बनते हैं। साथ ही साथ बॉडी पर जमी एक्स्ट्रा चर्बी भी इनकी देन हो सकती है।
नींद सभी मामलों में आपके लिए बेहद आवश्यक होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित स्टडी के अनुसार जो व्यक्ति नींद के उचित घंटों को पूरा नहीं करते उनमें, 7 से 8 घंटे की नींद पूरा करने वाले व्यक्ति की तुलना में मोटापे और बेली फैट फैट स्टोर करने का अधिक खतरा होता है।
स्लीप एप्निया की स्थिति जब सोते सोते सांस खुद-ब-खुद रुक जाती है, इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति में पेट के आसपास चर्बी विकसित करने का खतरा अधिक होता है। यदि आप इससे बचना चाहती हैं, तो कम से कम 7 घंटे की नींद लेना अनिवार्य है।
वेट मैनेजमेंट के लिए प्रोटीन को एक आवश्यक पोषक तत्व के रूप में जाना जाता है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में एक प्रकार का हार्मोन रिलीज होता है, जो हमें संतुष्टि प्रदान करता है। जिससे कि बार-बार भूख नहीं लगती और हम आवश्यकता अनुसार ही भोजन करते हैं।
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बीएमआई चेक करेंनेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो प्रोटीन मेटाबॉलिक रेट को भी बढ़ावा देता है, जिससे शरीर में जमे एक्स्ट्रा फैट को बर्न करना आसान हो जाता है।
अध्ययन में यह भी पता चला कि जो लोग अधिक मात्रा में प्रोटीन लेते हैं, उनमें पेट के आसपास के हिस्से में चर्बी जमा होने का खतरा भी बेहद कम होता है। अंडा, डेयरी प्रोडक्ट, मछली और सोया जैसे खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेगा।
एरोबिक एक्सरसाइज आने की कार्डियो सेहत को बढ़ावा देने और कैलरी बंद करने के लिए सबसे प्रभावी एक्सरसाइज में से जाने जाते हैं। कार्डियो एक्सरसाइज का अभ्यास आपको पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसका रिजल्ट आपकी इंटेंसिटी पर निर्भर करता है। इतना ही नहीं फ्रीक्वेंसी और ड्यूरेशन भी फैट बर्न करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। इस विषय पर अपने ट्रेनर से बात करें और नियमित रूप से कार्डियो एक्सरसाइज में भाग लें।
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