क्या आप घुटनों में दर्द और सूजन से परेशान हैं? हो सकता है इसलिए क्योंकि आप अपने नी मसल्स को बिल्कुल भी स्ट्रैच नहीं कर रहीं हैं। अगर आप ये स्ट्रैचेस नहीं कर रही हैं, तो ये आपके लिए मुसीबत की बात है।
जिस तरह आप अपने बाकी मसल्स को स्ट्रेच करती हैं उस तरह अपने घुटनों को फ्लेक्स करना भी जरूरी है, जिससे आपके घुटनों का लचीलापन बढ़े।
वॉकहार्ड हॉस्पिटल, मुम्बई के ओर्थपेडिक और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ मुदित खन्ना कहते हैं, “हमें ये समझने की जरूरत है कि हम सिर्फ घुटनों को स्ट्रेच नहीं करते, बल्कि उसके आस-पास के और मसल्स भी स्ट्रेच करते हैं।”
हमारा घुटना क्वाडस और हैमस्ट्रिंग्स जैसे कई और मसल्स की मदद से स्थिर रहता है। अगर आप स्ट्रेच न करें तो समय के साथ इन मसल्स की लंबाई कम हो जाएगी जिसके कारण आपको स्टिफनेस का सामना करना पड़ेगा। इससे न सिर्फ आपके हैमस्ट्रिंग्स में दर्द होगा, बल्कि पीठ तक दर्द पहुंच जाएगा। घुटनों के सही काम करने लिए आपको इनकी पूरी लंबाई की जरूरत है। तो कम से कम अपने घुटनों को रोजाना दो बार स्टार्च करें। ये आपके घुटनों को और लचीला बनाएगा, आपका पोश्चर बेहतर करेगा और आपकी पीठ को भी मजबूत बनाएगा।
अपने घुटनों की मोबिलिटी बढ़ाने और घुटनों का दर्द कम करने के लिए ये 5 नीज स्ट्रेचेस करें
जब आप लंज करते हैं, तो वह आपके घुटनों पे दबाव डालता है और आपके मसल्स को उसका प्रभाव सहने के लिए तैयार करता है।
लंज फ्लेक्स करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और एक घुटने को दूसरे वाले के आगे ले जाएं। ध्यान रहे कि पीछे वाला पैर बिल्कुल सीधा ही रहे। आगे वाला घुटना, आपकी थाइ और पैर के निचले हिस्से के बीच 90-डिग्री एंगल बनाएगा।
इस पोज में 10 सेकंड रुकें और फिर पैर बदल लें।
क्या आप जानती हैं कि क्वाड मसल्स अगर टाइट हों, तो आपके घुटनों पर एक्सरसाइज का ज्यादा दबाव पड़ता है। यही कारण है कि क्वाड्स को ढीला करने से घुटनों में कम समस्या आएगी।
सीधे खड़े हों और एक हाथ से सहारे के लिए कुर्सी या दीवार पकड़ लें। बाएं घुटने को मोढ़ें और एड़ी को पकड़ लें। बाएं हाथ से एड़ी को पकड़ कर खींचें। 10 सेकंड खींचें और फिर पैर बदल लें।
यह पोज आपकी मोबिलिटी को तो बढ़ाता ही है साथ ही घुटनों को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों को भी रिलैक्स करता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंबटरफ्लाई पोज के लिए मैट पर पाल्थी मारकर बैठ जाएं। पीठ और सर सीधे रखें। तलवों को जोड़ें और थाइस के जितना करीब हो सके ले जाएं। घुटनों को बाहर को ओर स्ट्रेच करें। नीचे की ओर झुकें जब तक आपको थाइस में स्ट्रेच न महसूस हो।
क्रेम्प्स से बचने के लिए यह एक स्ट्रेच काफी है। यह एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है, जिससे सभी जोड़ों में अच्छे से लुब्रिकेशन पहुंचता है।
इस स्ट्रेच के लिए मैट पर लेटे और पैरों को सीधा रखें। अब घुटनों को मोढ़े बिना पैरों को ऊपर की ओर ले जाएं। इस पोज को कम से कम 10 सेकंड के लिए होल्ड करें।
चाहें क्वाड्स हो या हैमस्ट्रिंग, लेटरल लंजेस सभी मांसपेशियों को स्ट्रेच करती हैं। इससे आपके घुटने ज्यादा लचीले बनते हैं।
लेटरल लंजेस करने के लिए पैरों को कंधो की दूरी पर रख कर सीधे खड़े हों। पैरों को 45 डिग्री के कोण पर ले जाएं और एक ओर घुटने मोड़ते हुए झुकें। थाइस में स्ट्रेच महसूस होना चाहिए। कम से कम 5 सेकंड होल्ड करके साइड बदल लें।
डॉ. खन्ना कहते हैं, “लोगों में यह अवधारणा है कि स्ट्रेचिंग सिर्फ वार्म अप के लिए ही होती है। आप वाक या सायकिल चलाने के बाद भी स्ट्रेच कर सकते हैं। वर्कआउट के बाद भी 5 से 10 मिनट स्ट्रेच कर सकते हैं। स्ट्रेच मांसपेशियों के लिए बहुत आवश्यक है।”
तो लेडीज, ध्यान से नी स्ट्रेचेस को अपने एक्सरसाइज रूटीन का हिस्सा बनाएं।