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अचानक बढ़ने लगा है वजन, तो इन 4 चीजों को चेक करें, एक्सपर्ट बता रहे हैं इनसे डील करने का तरीका

वजन अचानक यूं ही नहीं बढ़ता, यह आपकी लाइफस्टाइल और सेहत में हो रहे बदलावों की ओर इशारा करता है। इसलिए जब भी वजन अचानक बढ़ने लगे, तो आपको इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
Published On: 19 Mar 2024, 08:00 am IST
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मोमोज़ में मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा पाई जाती है, जो मोटोप का कारण बनने लगता है। चित्र : शटर स्टॉक

शरीर के वज़न का अचानक बढ़ जाना चिंता का कारण बनने लगता है। हांलाकि उम्र बढ़ने के साथ शरीर के वज़न में उतार चढ़ाव आना सामान्य है। फिर भी शरीर के वज़न को मेंटेन करने के लिए कोई मील्स को स्किप करने लगता है, तो कोई एक्सरसाइज़ की मदद लेता है। मगर वेटलॉस जर्नी की शुरूआत करने से पहले वेटगेन के कारणों को जानना बेहद ज़रूरी है, जिससे शरीर हेल्दी वेटलॉस में मदद मिलती है। जानते हैं, वो कौन से कारण है, जिससे शरीर में तेज़ी से वज़न बढ़ने लगता है (Causes of sudden weight gain)

इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि रेडी टू ईट फूड का इनटेक बढ़ाने से शरीर में कई समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है और उन्हीं में से एक है मोटापा। प्रोसेस्ड फूड में शुगर और ऑयल की उच्च मात्रा शरीर में वेटगेन की समस्या को बढ़ाते हैं। इसके चलते महिलाओं को होर्मोनल इंटेंलेंस, थायरॉइड और कुपोषण का सामना करना पड़ता है। इससे शरीर में कैलोरीज़ जमा होने लगती हैं, जो मोटापे को बढ़ाती हैं। इसके लिए आहार में लो फैट फूड शामिल करें। साथ ही सॉल्यूबल फाइबर का इन्टेक बढ़ाने से भी मोटापे से बचा जा सकता है। शरीर में हेल्दी वेट को मेंटेन करने के लिए वज़न की रेगुलर मॉनिटरिग करें और वेटगेन का कारण जानने का प्रयास करें।

जानते हैं, वो कौन से कारण है, जिससे शरीर में तेज़ी से वज़न बढ़ने लगता है

1. प्रोटीन की कमी

इस बारे में युनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के एक रिसर्च में पाया गया कि प्रोटीन की कमी मोटापे का कारण साबित हेती है। दरअसल, प्रोटीन की कमी बढ़ने से बार बार भूख लगने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके चलते ओवरइटिंग और अनहेल्दी फूड इनटेक वेटलॉस को बढ़ाते हैं। डायटीशिन के अनुसार प्रोटीन की कमी से वॉटर रिटेंशन बढ़ता है, जिससे मोटापे का सामना करना पड़ता है।

Jaanein protein deficiency ke nuksaan
प्रोटीन की कमी बढ़ने से बार बार भूख लगने की समस्या का सामना करना पड़ता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2. तनाव का बढ़ना

शरीर में तनाव के चलते डिप्रेशन, हाईब्लड प्रेशर और इनसोमनिया के अलावा वेटगेन का सामना करना पड़ता है। एनआईएच की 2015 की एक स्टडी के अनुसार तनाव के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है। कोर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है। शरीर में नियमित तौर पर इसका स्तर मौजूद रहने से शरीर में पोषण का स्तर उचित बनी रहता है। मगर स्टेरॉयड जैसी दवाओं के माध्यम से शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से वजन में भी बढ़तरी होने लगती है।

3. हॉर्मोनल बदलाव

डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि पीरियड साइकिल की शुरूआत से लेकर पीसीओएस, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज तक महिलाओं को होर्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं में पुरूष हार्मोन एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ना फेशियल, हेयर, अनियमित पीरियड और वेटगेन का कारण बनता है।

इसके अलावा मेनोपाज़ के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में गिरावट आने से भी वेटगेन होने लगता है। वे महिलाएं, जो एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित होती हैं, उनके वज़न में भी तेज़ी से बढ़ोतरी होती है।

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मेनोपाज़ के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में गिरावट आने से भी वेटगेन होने लगता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. होइपोथायरॉइडइज्म

शरीर में थायरॉइड जब अंडरएक्टिव स्थिति में होता है, तो उस कारण से शरीर में थायरॉइड ग्लैंण्ड कम होर्मोन बना पाती है। इसका असर मेटबॉलिज्म पर दिखने लगता है। मेटाबॉलिज्म वीक होने से कैलोरीज़ आसानी से बर्न नहीं हो पाती। इसके चलते महिलाओं को वेटगेन का सामना करना पड़ता है।

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जानें इससे बचने के उपाय

1. सॉल्यूबल फाइबर का इन्टेक बढ़ाएं

आहार में घुलनशील फाइबर का इनटेक बढ़ाने से पाचनतंत्र मज़बूत होता है और भूख भी नियंत्रित रहती है। वेटलॉस जर्नी को आसान और हेल्दी बनाने के लिए डाइट में साबुत अनाज, चिया सीड्स, सब्जियों व फलों को शामिल करें। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर, हृदय संबधी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

2. खाने की हैबिट्स को हेल्दी बनाएं

दिनभर अनहेल्दी फूड आइट्म्स को खाने से बचें। फ्राइड फूड और बैवरेजिज से शरीर में कैलोरीज़ जमा होने लगती है, जिससे इंस्टेट वेटगेन का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार वेटगेन से बचने के लिए हेल्दी स्नैकिंग अपनाएं। साथ ही मौसमी फलों और सब्जियों को आहार में सम्मिलित करें।

Healthy snacking se weight control karein
वेटगेन से बचने के लिए हेल्दी स्नैकिंग अपनाएं।चित्र- अडोबी स्टॉक

3. करेक्ट पोर्शन में खाएं

बार बार होने वाली क्रेविंग से बचने के लिए हेल्दी मील्स लें। इससे शरीर में हेल्दी वेट मेंटेन करने में मदद मिलती है। एक ही समय में अधिक मात्रा में खाने से बचें। छोटी और हेल्दी मील्स को अपने रूटीन में शामिल करें। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और शरीर में पोशक तत्वों की कमी को भी पूरा किया जा सकता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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