बरसात और ह्यूमिडिटी बढ़ा देती हैं कई तरह के त्वचा संक्रमणों का जोखिम, जानिए इनसे कैसे बचना है

क्या आपको भी बरसात में खुजली और इरिटेश जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं, तो इस दौरान त्वचा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। हम बता रहे हैं इसके लिए कुछ प्रभावी और खास टिप्स।
itching and rashes in rainy season
बरसात में बढ़ जाता है स्किन इन्फेक्शन का खतरा। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 7 Jul 2023, 09:30 am IST
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बरसात का मौसम नमी और ह्यूमिडिटी को अपने साथ लेकर आता है। इस दौरान हर जगह बैक्टीरिया एवं फंगस पनपना शुरू हो जाते हैं, जिसकी वजह से तमाम प्रकार के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। उनमें से स्किन इन्फेक्शन एक आम समस्या है, इसलिए इस दौरान जितना हो सके उतना सावधानी बरतने की कोशिश करें। बरसात के मौसम में अलग-अलग प्रकार के स्किन इन्फेक्शन का खतरा होता है, इनमें से सबसे आम है खुजली की समस्या। इसके अलावा त्वचा पर रैशेज, बम्प्स इत्यादि का खतरा होता है।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मारेंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम की डर्मेटोलॉजिस्ट, डॉ. सोनल बंसल से बातचीत की। उन्होंने बरसात में होने वाले त्वचा संक्रमण से बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय (Skin infection in Monsoon) बताएं हैं तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

जानें बरसात में होने वाली त्वचा संबंधी समस्यायों के कारण

बरसात में बढ़ते ह्यूमिडिटी के कारण फंगल इन्फेक्शन, रिंगवॉर्म, स्किन रैशेज और इरिटेशन का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीजों को इस दौरान अधिक देखभाल की सलाह दी जाती है, क्योंकि बरसात में उनकी त्वचा के संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। वहीं दूसरी ओर बरसात में त्वचा अधिक ऑयली हो जाती है, जिसकी वजह से स्किन ब्रेकआउट होना शुरू हो जाता है और एक्ने, पिंपल जैसी समस्याएं होने लगती है।

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धूल और गंदगी को हटाकर संक्रमण से बचाते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

जानिए बरसात में त्वचा संक्रमण से बचाव के एक्सपर्ट के बताये कुछ महत्वपूर्ण टिप्स (Skin infection in Monsoon)

अभी बारिश हो रही है, और हर कोई घर के अंदर रहकर गर्म पेय और पकौड़ों का आनंद लेना चाहता है, लेकिन यह मौसम अपने साथ त्वचा संबंधी कई समस्याएं लेकर आता है। बारिश से आने वाली नमी से हमारी त्वचा काफी ज्यादा चिपचिपी हो जाती है।

त्वचा का प्रकार और स्थिति मानसून के दौरान त्वचा की देखभाल को प्रभावित करती है। आपको अपनी त्वचा को मानसून के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए इन चरणों का पालन करना चाहिए-

1. डाइट पर दें विशेष ध्यान

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ त्वचा की समस्याओं को रोकने में बहुत मदद करते हैं। इस दौरान मौसमी फलों और सब्जियों के साथ-साथ पानी का भी भरपूर सेवन करें। लस्सी, नींबू पानी या नारियल पानी पीने से आपका शरीर ठंडा रहेगा। उच्च प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन त्वचा को प्रोटेक्ट करते हुए बालों को मजबूती प्रदान करेगा और एक्ने जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं में कारगर साबित होगा।

2. हाइजीन पर दें विशेष ध्यान

हर दिन कम से कम दो बार जरूर नहाएं खासकर यदि आप ह्यूमिड एरिया में रहती हैं। उच्च आर्द्रता के कारण अधिक पसीना आता है, जिससे फंगल संक्रमण, गर्मी के चकत्ते, पसीने से होने वाला सूजन, खुजली आदि हो सकता है। त्वचा एवं बालों पर अतिरिक्त प्रदूषकों के जमा होने से रूसी और मुहांसे में भी वृद्धि होती है। यदि आप इनमें से किसी भी समस्या का अनुभव कर रही हैं तो जितनी जल्दी हो सके त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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टैनिंग से बचने का आपका विश्वसनीय तरीका क्या है?

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सनस्क्रीन का इस्तेमाल स्किन को सुरक्षित रखता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. क्लींजिंग, मॉइस्चराइजिंग, सनस्क्रीन

ये तीन उपाय हर मौसम में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मानसून के दौरान ये अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि अत्यधिक नमी त्वचा को और भी अधिक तैलीय बना सकती है, जिससे त्वचा संबंधी संक्रमण हो सकता है। दिन में 2 से 3 बार सैलिसिलिक एसिड बेस्ड क्लींजर का उपयोग करें।

अपने चेहरे को दिन में तीन बार से अधिक धोने से बचें, क्योंकि इससे सूखापन या कभी-कभी बहुत अधिक तैलीयपन हो सकता है। आदर्श रूप से दिन में दो बार अपनी त्वचा के प्रकार के लिए उपयुक्त मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें।

इस मैसम आपका सबसे अच्छा दोस्त सनस्क्रीन हो सकता है। भले ही सूरज न निकल रहा हो फिर भी सनस्क्रीन लगाना न छोड़ें। इसे प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में तीन या अधिक बार प्रयोग करें। पूरे चेहरे और गर्दन के लिए कम से कम दो अंगुल की लंबाई तक सनस्क्रीन निकालें।

4. मेकअप प्रोडक्ट्स का भी रखें ध्यान

जहां तक संभव हो, पाउडर या पानी आधारित मेकअप चुनें। ऑयल बेस्ड मेकअप का उपयोग करने से बचें क्योंकि ह्यूमिडिटी, नमी और पसीने के बाद यह चिपचिपा हो जाता है, रोम छिद्र बंद हो सकते हैं और मुहांसे पैदा हो सकते हैं। रात को सोने से पहले अपना मेकअप ठीक से हटाना कभी न भूलें।

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5. एक्सफोलिएशन है जरूरी

खासकर मानसून के मौसम में एक्सफोलिएशन बेहद महत्वपूर्ण है। एएचए या बीएचए का उपयोग त्वचा को धीरे से एक्सफोलिएट करने के लिए सीरम या फेस वॉश के रूप में किया जा सकता है। आप सप्ताह में दो से तीन बार अपने चेहरे पर खीरा, बेसन और मुल्तानी मिट्टी के पैक का उपयोग कर सकती हैं। वे त्वचा से अतिरिक्त तेल निकालकर बचे हुए ऑयल को ज़किन।से बाहर निकालते हैं।

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त्वया को एक्फोलिएट करें। चित्र-शटरस्टॉक

6. शूज और ज्वेलरी पर भी दें ध्यान

नकली सामग्री से बने आभूषण पहनने से बचें क्योंकि पसीना आने पर केमिकल रिएक्शन हो सकता है। हमेशा ऐसे जूते पहनना याद रखें जो आपकी त्वचा को सांस लेने दें ताकि पसीना आपके पैरों को संक्रमित न कर सके।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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