Pigmentation during pregnancy : प्रेगनेंसी भी है चेहरे की झाइयों का एक बड़ा कारण, जानिए इससे कैसे बचना है

गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर महिलाओं में स्किन हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है। इसके कारण चेहरे, होंठ के ऊपरी भाग, प्रजनन अंगों पर काले धब्बे हो जाते हैं। ऐसा क्यों होता है और क्या इसका उपचार भी है, जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।
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हाइपरपिग्मेंटेशन गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजेन के अधिक प्रोडक्शन के कारण हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 25 Jun 2023, 11:00 am IST
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गर्भावस्था के दौरान स्किन हाइपरपिग्मेंटेशन आम है। यह अक्सर एंडोक्रिनोलॉजिकल परिवर्तनों के कारण होता है। आम तौर पर लिनिया नाइग्रा(linea nigra), आर्म पिट, एरिओला का काला पड़ना, जेनिटल एरिया का काला पड़ना होता है। इसके कारण मेलास्मा यानी कि स्किन का डार्क होना (Melasma) भी शामिल है। हाइपरपिग्मेंटेशन माथे, गालों और ऊपरी होंठ के ऊपर काले धब्बों के रूप में भी दिखाई दे सकते हैं। ये पैच भूरे रंग से लेकर गहरे भूरे रंग के भी हो सकते हैं। यह गर्भावस्था के चौथे महीने से शुरू हो जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसके बचाव और उपचार (pigmentation during pregnancy) भी किये जा सकते हैं।

क्या है गर्भावस्था का मास्क (Pregnancy Mask)

ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी जर्नल के अनुसार, पिगमेंटेशन दो प्रकार का हो सकता है- मेलास्मा (Melasma) और क्लोएस्मा (Chloasma) । मेलास्मा एक त्वचा विकार है, जिसमें त्वचा में मेलानोसाइट्स (रंग पैदा करने वाली कोशिकाएं) किसी कारण से अधिक कलर का उत्पादन करती हैं। गर्भावस्था में इसे अक्सर क्लोस्मा, या गर्भावस्था का मास्क (Pregnancy Mask) कहा जाता है। क्लोएस्मा कॉस्मेटिक चिंता का विषय है। यह किसी भी तरह से आपके बच्चे को प्रभावित नहीं करता है या गर्भावस्था की किसी अन्य जटिलता का संकेत नहीं देता है।

क्या है प्रेगनेंसी में हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण (Hyperpigmentation Causes)

जर्नल ऑफ़ मेडिकल केस रिपोर्ट के शोधकर्ता एंथनी मेसिंडे के अनुसार, गर्भावस्था में स्किन हाइपरपिग्मेंटेशन आम है। इसकी प्रकृति पूरी तरह से सौम्य (Benign) होता है। हाइपरपिग्मेंटेशन एस्ट्रोजेन के अधिक प्रोडक्शन के कारण हो सकता है। यह प्रोजेस्टेरोन या मेलानोसाइट-उत्तेजक हार्मोन के बढ़े हुए स्तर के कारण भी होता है। शरीर के कई क्षेत्रों जैसे लिनिया अल्बा और एरिओला में हाइपरपिग्मेंटेशन मेलानोसाइट्स के डिस्ट्रीबूशन के कारण हो सकता है। इनके अलावा शरीर के न्य भागों पर भी हाइपरपिग्मेंटेशन का असामान्य पैटर्न देखा जा सकता है।

क्या है इसका उपचार (Hyperpigmentation Treatment)

ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी जर्नल के अनुसार, बच्चे को जन्म देने के बाद हाइपरपिग्मेंटेशन बढ़ता नहीं है। यदि आप किसी प्रकार का उपचार करा रही हैं, तो यह जल्दी खत्म हो सकता है। बिना उपचार के इसे पूरी तरह से ख़त्म होने में कई महीने का समय लग सकता है।

गर्भावस्था के दौरान यदि कोई महिला इसकी शिकार हो जाती है, तो उसे अपने डॉक्टर और स्किन एक्सपर्ट से जरूर बात करनी चाहिए। विशेषज्ञ की बताई मेडिसिन से यह ठीक हो सकता है। कुछ विशेषज्ञ गर्भावस्था के दौरान हाइपरपिग्मेंटेशन का इलाज करने की सलाह नहीं देते हैं। क्योंकि कुछ उपचार विधियां प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित या प्रभावी नहीं हो सकती हैं।

कैसे करें बचाव (Hyperpigmentation Prevention)

जर्नल ऑफ़ मेडिकल केस रिपोर्ट के अनुसार, जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर इससे बचाव किया जा सकता है।

1 तेज़ सनलाइट से बचें (Prevent from Sunlight)

सूर्य की रोशनी हाइपरपिग्मेंटेशन को बढ़ा सकती है। यूवीए और यूवीबी किरणों के संपर्क में आने से स्किन टैन होने लगती है। इसलिए काफी देर तक तेज़ धूप में रहने से खुद का बचाव करें। दोपहर की धूप से बचें। इसके बजाय किसी पेड़ या छतरी के नीचे आराम करने का प्रयास करें। कड़ी धूप में व्यायाम करने से बचें। सुबह जल्दी या शाम को बाहर निकलें जब सूरज कम हो।

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टैनिंग से बचने का आपका विश्वसनीय तरीका क्या है?

2 सनस्क्रीन लगाएं (Sunscreen for Hyperpigmentation)

यह जरूरी नहीं है कि सूरज निकलने पर प्रेगनेंसी के दौरान घर के अंदर रहना होगा। एसपीएफ़ 30+ के साथ बढ़िया गर्भावस्था सुरक्षित सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। उन उत्पादों की तलाश करें, जिनमें जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम डाइऑक्साइड या अन्य मिनरल सनस्क्रीन होते हैं। ये रासायनिक अवरोधकों पर निर्भर होते हैं। फिजिकल ब्लॉकिंग सनस्क्रीन व्यापक सुरक्षा प्रदान करते हैं और स्किन को कम परेशान कर सकते हैं।

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एसपीएफ़ 30+ के साथ बढ़िया गर्भावस्था सुरक्षित सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

3 यूवी सुरक्षा वाले कपड़े (UV protective clothes for Hyperpigmentation)

सन कवर के लिए यूवी सुरक्षा वाले कपड़े इस्तेमाल करें। एसपीएफ़ रैश गार्ड या धूप से बचाव करने वाले कपड़े। बाहर गर्मी में ढीले-ढाले कपड़े पहनें, जो आरामदायक होने के साथ-साथ त्वचा की रक्षा भी कर सकते हैं। चौड़ी किनारियों वाली टोपियां पहनें। स्टाइलिश धूप का चश्मा जितना बड़ा हो, उतना बेहतर।

4 नॉन-कॉमेडोजेनिक उत्पादों का प्रयोग (Non Comedogenic Product for Hyperpigmentation)

फेस वॉश, लोशन और सीरम त्वचा को परेशान करते हैं और मेलास्मा को बदतर बना (pigmentation during pregnancy) सकते हैं। इसकी बजाय सौम्य उत्पादों का प्रयोग करें। नॉन-कॉमेडोजेनिक, सुगंध-मुक्त या स्किन विशेषज्ञ के बताये प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। गैर-कॉमेडोजेनिक या हाइपोएलर्जेनिक फ़ाउंडेशन, कंसीलर, पाउडर और अन्य उत्पादों का इस्तेमाल करें

5 घर पर बने मास्क को आज़माएं (Homemade mask for Hyperpigmentation)

नींबू के रस, खीरे के रस, एप्पल साइडर विनेगर, बेसन, शहद से तैयार मास्क का प्रयोग करें। इनके रस में मौजूद एसिड त्वचा की ऊपरी परत के पिगमेंट को दूर करने में मदद कर सकता है

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नींबू के रस, खीरे के रस, एप्पल साइडर विनेगर, बेसन, शहद से तैयार मास्क का प्रयोग करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

6 संतुलित भोजन और सप्लीमेंट लें (Balanced Diet and supplement for Hyperpigmentation)

मेलास्मा हार्मोनल असंतुलन का परिणाम भी हो सकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले आहार और सप्लीमेंट लें। हाइड्रेटेड रहें, भरपूर ताजे फल और सब्जियों वाला आहार लें। हर रात पर्याप्त नींद लें।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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