40 के बाद ज्यादातर लोगों को करना पड़ता है हेयर लॉस का सामना, जानिए इसके सबसे आम कारण और बचाव के तरीके

हेयर स्टाइल, हार्मोनल बदलाव और कुछ दवाएं बाल झड़ने की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं। जानते हैं 40 की उम्र के बाद महिलाओं को बाल झड़ने की समस्या का सामना क्यों करना पड़ता है और इससे कैसे डील करें ।
Hair loss 40 ke baad kyu badhta hai
शरीर में विटामिन, मिनरल, फोलेट और बायोटिन की कमी बाल झड़ने की समस्या को बढ़ा देती है।चित्र:अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 15 Mar 2024, 20:00 pm IST
  • 140

कई समस्याओं के कारण 40 की उम्र के बाद महिलाओं को हेयरलॉस की समस्या का सामना करना पड़ता है। हेयर स्टाइल, हार्मोनल बदलाव और कुछ दवाएं भी बाल झड़ने की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं। आमतौर पर लोग हेयरफॉल को रोकने के लिए कई प्रकार के शैम्पू, कंडीशनर और स्प्रे का प्रयोग करने लगते हैं, मगर बाल झड़ने की समस्या ज्यों की त्यों ही बनी रहती है। दरअसल, कुछ समस्याएं बाहरी हो सकती हैं, तो कुछ आंतरिक भी हो सकती हैं। जानते हैं 40 की उम्र के बाद महिलाओं को बाल झड़ने की समस्या का सामना क्यों करना पड़ता है और इससे कैसे डील करें (Causes of hair loss after 40’s)।

40 के बाद महिलाओं में बढ़ती है हेयरलॉस की समस्या

इस बारे में कंसल्टेंट डर्माटोलॉजिस्ट डॉ पवन सिंह का कहना है कि शरीर में विटामिन, मिनरल, फोलेट और बायोटिन की कमी बाल झड़ने की समस्या को बढ़ा देती है। इसके अलावा जेनेटिक्स, होर्मोनल असंतुलन और केमिकल्स का प्रयोग इस समस्या को बढ़ा देता है। शरीर में विटामिन बी2 यानि राइबोफ्लेविन की कमी के चलते हेयरलॉस का सामना करना पड़ता है। ये दो एंजाइम्स का मिश्रण है, जिससे जड़ों को मज़बूती मिलने लगती है।

Jaanein kyu baal adhik tootte hain.
हेयर स्टाइल, हार्मोनल बदलाव और कुछ दवाएं भी बाल झड़ने की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं बाल झड़ने के कारण

1. जेनेटिक्स

एक्सपर्ट के अनुसार बालों का झड़ना जेनेटिकल हो सकता है। इस समस्या को एंड्रोजेनिक एलोपीसिया या फीमेल पैटर्न हेयरलॉस भी कहा जाता है। इसके चलते क्राउन एरिया पर हेयरलॉस होने लगता है, जिसके चलते महिलाओं की मांग चौड़ी नज़र आने लगती है। ये समस्या 40 या 50 की उम्र के मध्य महिलाओं में बढ़ने लगती है। इसके अलावा मेनोपॉज के दौरान भी हेयरलॉस का सामना करना पड़ता है।

2. पोषक तत्वों की कमी

प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं के शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी बढ़ जाती है। इससे शरीर में दर्द, हेयरलॉस और वेटगेन की समस्या का सामना करना पड़ता है। शरीर में विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्वों की उचित मात्रा रहने से मेलेनिन का स्तर नियमित रहता है, जिससे फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है। बालों के टैक्सचर को हेल्दी बनाए रखने के लिए आहार में विटामिन बी 12, कॉपर, आयरन और जिंक की मात्रा को शामिल करें।

3. होर्मोनल असंतुलन

प्रेगनेंसी, पिल्स इनटेक और मेनोपॉज के दौरान शरीर में कई परिवर्तन आने लगते हैं। होर्मोनल बैलेंस बिगड़ने लगता है, जिससे शरीर में मिलानोसाइट स्टीम्यूलेटिंग होर्मोन और कार्टिसोल का स्तर कम होने लगता है। इससे न केवल हेयरलॉस बढ़ता है बल्कि ग्रे हेयर की समस्या का सामना करना पड़ता है।

4. डायबिटीज़

वे महिलाएं जो टाइप 2 डायबिटीज़ का शिकार है, उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित मात्रा में न हो पाने और ऑक्सीजन का प्रवाह बाधिक होने से हेयरलॉस बढ़ने लगता है। इसके अलावा माइक्रोवस्कुलर और मैक्रोवस्कुलर वेसल्स को नुकसान होने से हेयरलॉस बढ़ने लगता है।

Diabetes ke kaaran kyu jhadte hain baal
माइक्रोवस्कुलर और मैक्रोवस्कुलर वेसल्स को नुकसान होने से हेयरलॉस बढ़ने लगता है। चित्र: अडोबी स्टॉक

5. तनाव का बढ़ना

40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में शारीरिक और इमोशनल तनाव का स्तर बढ़ने लगता है। इसके अलावा तनाव संबधित हार्मोन कार्टिसोल के लेवल में बदलाव आने से भी हेयरलॉस का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को नियंत्रित करने से हेयरफॉल को रोका जा सकता है।

जानें किन टिप्स को फॉलो करें

1. हेयर स्टाइलिंग से बचें

बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए हेयर स्टाइलिंग को अवॉइड करें। दरअसल, टूल्स की मदद से बालों को स्टाइल करने से बालों की नमी छिन जाती है। इससे बालों का रूखापन बढ़ने लगता है, जो हेयरफॉल का कारण साबित होता है।

2. केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें

हेयरलॉस की समस्या को सुलझाने के लिए केमिकल के इस्तेमाल को सीमित करें। बालों पर प्रयोग किए जाने वाले कैमिकल से भरपरू शैम्पू, कंडीशन और सीरम में सल्फर की मात्रा पाई जाती है, जिससे बालों को नुकसान होने लगता है।

hair treatment me istemal kiye jane wale chemical nuksandeh hain.
हेयरलॉस की समस्या को सुलझाने के लिए केमिकल के इस्तेमाल को सीमित करें। चित्र : शटरस्टॉक

3. उचित आहार लें

नियमित डाइट शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने में मदद करती हैं। बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों को आहार में सम्मिलित करें। इसके अलावा शरीर को निर्जलीकरण से बचाने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे बाल भी स्वस्थ बने रहते हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

4. डॉक्टरी सलाह लें

लंबे वक्त से बाल झड़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें। डॉक्टरी जांच की मदद से बालों के झड़ने का कारण और उससे बचने के उपाय के बारे में जानकारी एकत्रित करने में मदद मिलती है।

ये भी पढ़ें- Skin Tag : क्या स्किन टैग कैंसर कारक हो सकते हैं? डर्मेटोलॉजिस्ट से जानिए इन्हें हटवाने के कुछ चिकित्सकीय तरीके

  • 140
लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख