इसमें कोई दोराय नहीं है कि जीवन चुनौतियोंं से भरा हुआ है। काम या स्कूल जैसे रोजमर्रा के दबाव से लेकर महामारी या किसी प्रियजन को खोना जैसी अप्रत्याशित घटनाओं तक, हम अपने पूरे जीवन में तनावों के प्रकार को अनुभव करते है। इस तरह की घटनाएं आपके मानसिक स्वास्थ्य को तो नुकसान पहुंता ही सकती है बल्कि आपकी त्वचा पर भी दिख सकती है, जिससे आपकी स्किन पर कई तरह का प्रभाव पड़ सकता है।
जब मन या शरीर व्यथित हो जाता है, तो हमारा मस्तिष्क ऐसे हार्मोन उत्पादित करता है जो हमारी एडर्नल ग्रंथियों से कोर्टिसोल, एक तनाव हार्मोन, को निकलने के लिए प्रेरित करते हैं। हमारी त्वचा में इस तनाव हार्मोन के लिए रिसेप्टर्स होते हैं, और उनकी सक्रियता के परिणामस्वरूप हमारी त्वचा में विभिन्न परिवर्तन होते हैं। सूजन का बढ़ना, घाव ठीक न होना, अधिक तेल और सीबम उत्पादन इन लक्षणों के रूप में ये परिवर्तन त्वचा पर दिखते है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी दी क्लीनिक डर्माटेक की कंसल्टेंट डॉ कल्पना सोलंकी ने। कल्पना सोलंकी बताती है कि तनाव आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपकी स्किन के लिए भी खतरनाक हो सकता।
तनाव शरीर में प्रो-इंफ्लेमेटरी रसायनों के के सिकरेशन को ट्रिगर करता है, जिससे त्वचा में सूजन हो सकती है। यह सूजन मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्या को बढ़ा सकती है।
तनाव कोर्टिसोल, “तनाव हार्मोन” के उत्पादन को उत्तेजित करता है, जो शरीर में अन्य हार्मोन के संतुलन में बाधा बन सकते है। कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर त्वचा में तेल उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे एक्ने भी हो सकते है।
लगातार तनाव त्वचा के बैरियर को कमजोर कर सकता है, जिससे यह पर्यावरणीय परेशानियों और रोगजनकों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। बैरियर त्वचा की रक्षा करता है, लेकिन इसका बैरियर खत्म होने से त्वचा में संवेदनशीलता, ड्राईनेस और रेडनेस बढ़ सकती है।
लंबे समय तक तनाव त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है। लगातार तनाव से मुक्त कणों का उत्पादन बढ़ जाता है, जो कोलेजन और इलास्टिन को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके कारण झुर्रियां, लाइन्स और त्वचा ढीली हो जाती है।
नींद समग्र स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, और यह आपके तनाव के स्तर के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, जो लोग कम तनाव स्तर का अनुभव करते हैं, वे उच्च तनाव स्तर का अनुभव करने वालों की तुलना में अधिक नींद लेते हैं। लेकिन जब आप तनावग्रस्त या चिंतित हों तो सो जाना अधिक कठिन हो सकता है।
बहुत अधिक कोर्टिसोल सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा की समस्याओं का एक बड़ा कारण है। लेकिन आप स्वस्थ आहार से अपने कोर्टिसोल के स्तर को कम कर सकते हैं। विटामिन बी, मैग्नीशियम और फैटी एसिड से भरपूर एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों, जैसे मछली, साबुत अनाज, फल और सब्जियां और स्वस्थ वसा पर अधिक ध्यान दें।
आप तनाव से बच भले ही नहीं सकते हैं, लेकिन आप इसे प्रबंधित जरूर कर सकते है। तो अप दैनिक जीवन में कुछ तनाव प्रबंधन तकनीकों को शामिल करने की कोशिश करें। इसमें ध्यान लगाना, गहरी सांस लेना, योग और जर्नलिंग जैसी तनाव राहत विधियों को आजमा सकते है।
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