सर्दियां महज एक मौसम नहीं है, ये हमारी पूरी जीवनशैली का बदलाव भी है। खानपान, कपड़े और वर्कआउट रूटीन से लेकर दिनचर्या तक, सर्दियों में सब बदल जाता है। सर्दिया बेहतर हैं या बदतर इस पर सबके अपने अपने मत हो सकते हैं। लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि सर्दियां अपने साथ कई समस्याएं लेकर आती हैं। ऐसी ही एक समस्या है जोड़ो में दर्द! हो सकता है आपको ये समस्या ना हो, लेकिन आपके बुजुर्ग माता-पिता (aging parents) के लिए यह बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।
आपके माता-पिता या घर के अन्य बुजुर्गों ने जरूर शिकायत की होगी कि सर्दियों में उनके घुटनों का दर्द बढ़ गया है। लेकिन ऐसा क्यों? इस पर वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं। पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने माना कि सर्दियों में हवा का प्रेशर बदलता है। हवा का प्रेशर यानी बारोमेट्रिक प्रेशर तापमान के सीधे अनुपात में होता है।
हवा में प्रेशर कम होने पर जोड़ों के बीच मौजूद कार्टिलेज सख्त हो जाती है जिससे दर्द होता है। कुछ अन्य स्टडीज में पाया गया है कि जोड़ों में दर्द के लिए कम तापमान जिम्मेदार है। ठंडक बढ़ते ही जोड़ों के बीच मौजूद द्रव्य ठोस होने लगता है। इसके कारण जोड़ों को हिलाने में दर्द होता है।
अगर आपके पेरेंट्स को अर्थराइटिस है, तो आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि उनके जोड़ों पर डायरेक्ट हवा न लगे। इसके लिए आप नी कैप इत्यादि पहन कर रखें ताकि सीधी हवा न लगे। इसके साथ उचित गर्म कपड़े पहनना जरूरी है। कोशिश करें कि आपके माता-पिता खुद को गर्म रखने के लिये कई लेयर्स में कपड़े पहनें।
हम जानते हैं कि आपके माता-पिता अक्सर जिद्दी हो सकते हैं और उन्हें गर्म पानी से नहाने के लिए मनाना मुश्किल हो सकता है। लेकिन उनके जोड़ों के लिए ये जरूरी है। इसके साथ ही जोड़ों की सिकाई भी फायदेमंद होगा।
बढ़ा हुआ वजन भी जोड़ों पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिससे दर्द बढ़ जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि आपके माता-पिता का वजन अनियंत्रित रूप से न बढ़े।
हर दिन 15 से 30 मिनट धूप में बैठने का नियम बना लें और अपने माता-पिता के आहार में भी विटामिन डी शामिल करें। अंडे, मशरुम इत्यादि विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं।
इन टिप्स की मदद से आप अपने माता-पिता के जोड़ों के दर्द को बहुत हद तक कम कर सकती हैं। ध्यान रखें, उनका ख्याल रखना आपकी ही जिम्मेदारी है।