बढ़ती गर्मी और मानसून दोनों बन सकते हैं बुखार का कारण, एक्सपर्ट बता रहे हैं आप इससे कैसे बच सकते हैं

हाल के दिनों में बुखार के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। मौसमी बदलाव और इन्फेक्शियस डिजीज का प्रसार इसमें मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। एक्सपर्ट से जानते हैं कारण और बचाव के उपाय।
Syphilis se badhne lagti hai fever ki samasya
पैरट फीवर एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है, जो क्लैमाइडिया परिवार के बैक्टीरिया के कारण होता है। चित्र- शटर स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:31 am IST
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हाल के कुछ दिनों में बुखार के मामले में अचानक वृद्धि हुई है। बुखार के साथ ही खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण (Fever Symptoms) भी रोगियों में देखे जा रहे हैं। संक्रामक रोग (Infectious Disease) बुखार का कारण बन सकता है। गैर-संचारी रोग (Non communicable Disease) जैसे कि मेलिग़नेंसी (Malignancy) इसके कारण बन सकते हैं। बुखार के मामलों में बढ़ोत्तरी (Fever cause) की वजह जानने के लिए हमने बात की उजाला सिग्न्स ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के फाउंडर और सीईओ डॉ. शुचिन बजाज से।

क्या कहते हैं बुखार के आंकड़े (Fever Cases)

डॉ. शुचिन कहते हैं, ‘इन दिनों संक्रमण के कारण बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आमतौर पर बुखार लगभग 5-7 दिनों तक रहता है। हालांकि बुखार तीन दिन के अंत में चला जाता है। खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। इनमें से ज्यादातर मामले एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस (H3N2 Influenza Virus) के हो सकते हैं। बुखार आने के और भी कई कारण हो सकते हैं।”

ये कारण भी हो सकते हैं बुखार के लिए जिम्मेदार (Fever Causes)

1 इंफेक्शन (Infection)

मौसम में लगातार बदलाव होने के कारण अलग-अलग तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें बैक्टीरियल इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन, जैसे कि साधारण सर्दी जुकाम, फ्लू(Flu), डेंगू (Dengue), मलेरिया (Malaria), कोविड-19 (Covid-19) और अन्य इंफेक्शन बुखार की वजह हो सकते हैं।

2 अन्य रोग (Other Diseases) 

कई सामान्य और गंभीर रोग जैसे टाइफाइड (Typhoid), निमोनिया (Pneumonia), मेनिनजाइटिस (Meningitis), हिपेटाइटिस (Hepatitis) , टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis), अल्सर (Ulcer), किडनी संक्रमण (Kidney Infection) आदि भी बुखार के कारण हो सकते हैं।

3 वैक्सीनेशन (Vaccination)

डॉ. शुचिन के अनुसार, कभी-कभी टीकाकरण या टीका के बाद भी अस्थायी रूप से बुखार आ सकता है। यह एक सामान्य प्रतिक्रिया है, जो शरीर टीका के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में दिखा सकती है।

4 आपातकालीन परिस्थितियां (Emergency)

हाई टेम्प्रेचर, गर्मी की छुट्टियां, अन्य मौसमी बदलाव, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं (Natural Calamity Causes Fever) भी बुखार के मामलों में वृद्धि का कारण बन सकती हैं।

बुखार से बचाव के लिए ये 5 उपाय किये जा सकते हैं (5 ways to prevent Fever)

1 हाइड्रेशन (Hydration)

अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर से पसीना निकलता रहता है। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। यह बुखार भी ला सकता है। इसलिए पर्याप्त पानी पीते रहें। शरीर को हाइड्रेटेड रखें। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद (Hydration for strong immune System) करता है।

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अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर से पसीना निकलता रहता है। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।चित्र:शटरस्टॉक

2 स्वच्छता और हाइजीन (Sanitation and Hygiene) 

हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। हाथ को बार-बार साफ़ करें। बुखार से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में रहने से बचें।

3 स्वस्थ आहार (Healthy Diet)

पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें। शक्तिशाली इम्यून सिस्टम के लिए विटामिन के स्रोत वाले आहार (Vitamins for Strong Immune System) लें। भोजन में प्रोटीन, फल, सब्जियां और पूरे अनाज (Whole Grain) शामिल करें।

4 स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle)

नियमित व्यायाम करें। पर्याप्त नींद लें। तंबाकू और अनुबंधित दवाओं का सेवन न करें और स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यानाभ्यास और आराम का समय दें

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5 चेहरे को छूने से बचें (Avoid Touching Face) 

हाथों को बार-बार धोएं। जरूरत महसूस करने के बावजूद चेहरे को छूने से बचें। चेहरे को छूने से नाक और मुंह के माध्यम से संक्रमण फैलने के अधिक आसार होते हैं। आंतरिक अंगों को भी साफ़-सुथरा रखें

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हाथों को बार-बार धोएं। जरूरत महसूस करने के बावजूद चेहरे को छूने से बचें। चित्र- शटर स्टॉक

फीवर ट्रीटमेंट (Fever Treatment)

डॉ. शुचिन के अनुसार, यदि बुखार 100 से नीचे रह रहा है, तो तुरंत एंटी बायोटिक नहीं दें। टेम्प्रेचर अधिक होने पर हेल्थकेयर प्रोवाइडर की परामर्श पर एंटीबायोटिक दें। बुखार कम रहने पर देसी उपचार से ही काम चलायें। तुलसी का काढ़ा, अदरक और पुदीने की चाय इसमें फायदेमंद साबित हो सकती है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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