हाल के कुछ दिनों में बुखार के मामले में अचानक वृद्धि हुई है। बुखार के साथ ही खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण (Fever Symptoms) भी रोगियों में देखे जा रहे हैं। संक्रामक रोग (Infectious Disease) बुखार का कारण बन सकता है। गैर-संचारी रोग (Non communicable Disease) जैसे कि मेलिग़नेंसी (Malignancy) इसके कारण बन सकते हैं। बुखार के मामलों में बढ़ोत्तरी (Fever cause) की वजह जानने के लिए हमने बात की उजाला सिग्न्स ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के फाउंडर और सीईओ डॉ. शुचिन बजाज से।
डॉ. शुचिन कहते हैं, ‘इन दिनों संक्रमण के कारण बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आमतौर पर बुखार लगभग 5-7 दिनों तक रहता है। हालांकि बुखार तीन दिन के अंत में चला जाता है। खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। इनमें से ज्यादातर मामले एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस (H3N2 Influenza Virus) के हो सकते हैं। बुखार आने के और भी कई कारण हो सकते हैं।”
मौसम में लगातार बदलाव होने के कारण अलग-अलग तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें बैक्टीरियल इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन, जैसे कि साधारण सर्दी जुकाम, फ्लू(Flu), डेंगू (Dengue), मलेरिया (Malaria), कोविड-19 (Covid-19) और अन्य इंफेक्शन बुखार की वजह हो सकते हैं।
कई सामान्य और गंभीर रोग जैसे टाइफाइड (Typhoid), निमोनिया (Pneumonia), मेनिनजाइटिस (Meningitis), हिपेटाइटिस (Hepatitis) , टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis), अल्सर (Ulcer), किडनी संक्रमण (Kidney Infection) आदि भी बुखार के कारण हो सकते हैं।
डॉ. शुचिन के अनुसार, कभी-कभी टीकाकरण या टीका के बाद भी अस्थायी रूप से बुखार आ सकता है। यह एक सामान्य प्रतिक्रिया है, जो शरीर टीका के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में दिखा सकती है।
हाई टेम्प्रेचर, गर्मी की छुट्टियां, अन्य मौसमी बदलाव, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं (Natural Calamity Causes Fever) भी बुखार के मामलों में वृद्धि का कारण बन सकती हैं।
अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर से पसीना निकलता रहता है। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। यह बुखार भी ला सकता है। इसलिए पर्याप्त पानी पीते रहें। शरीर को हाइड्रेटेड रखें। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद (Hydration for strong immune System) करता है।
हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। हाथ को बार-बार साफ़ करें। बुखार से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में रहने से बचें।
पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें। शक्तिशाली इम्यून सिस्टम के लिए विटामिन के स्रोत वाले आहार (Vitamins for Strong Immune System) लें। भोजन में प्रोटीन, फल, सब्जियां और पूरे अनाज (Whole Grain) शामिल करें।
नियमित व्यायाम करें। पर्याप्त नींद लें। तंबाकू और अनुबंधित दवाओं का सेवन न करें और स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यानाभ्यास और आराम का समय दें।
हाथों को बार-बार धोएं। जरूरत महसूस करने के बावजूद चेहरे को छूने से बचें। चेहरे को छूने से नाक और मुंह के माध्यम से संक्रमण फैलने के अधिक आसार होते हैं। आंतरिक अंगों को भी साफ़-सुथरा रखें।
डॉ. शुचिन के अनुसार, यदि बुखार 100 से नीचे रह रहा है, तो तुरंत एंटी बायोटिक नहीं दें। टेम्प्रेचर अधिक होने पर हेल्थकेयर प्रोवाइडर की परामर्श पर एंटीबायोटिक दें। बुखार कम रहने पर देसी उपचार से ही काम चलायें। तुलसी का काढ़ा, अदरक और पुदीने की चाय इसमें फायदेमंद साबित हो सकती है।
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