एलर्जी होना बहुत आम है, धूल से लेकर कई विटामिन्स तक लोगों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं। पौधों के पोलन ग्रेन्स एलर्जी का सबसे प्रमुख कारण होते हैं। लेकिन सिट्रस एलर्जी (citrus allergy) कोई आम एलर्जी नहीं होती। आइये समझते हैं क्या है सिट्रस एलर्जी, क्या हैं इसके लक्षण और आप कैसे इससे बच सकती हैं।
हमारा इम्यून सिस्टम हमें बाहरी पदार्थों से बचाने का काम करता है। जहां कीटाणुओं से लड़ने के लिए यह एंटीबाडी बनाता है। कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं, जिन्हें अलर्जन कहते हैं। जिनके शरीर मे प्रवेश करते ही हिस्टामिन हॉर्मोन निकलता है। यह हॉर्मोन ही एलर्जी के लक्षण पैदा करता है।
सिट्रस एलर्जी असल में सिट्रिक एसिड से एलर्जी होती है, जो खट्टे फल जैसे सन्तरा, नींबू, माल्टा, कीनू और मौसमी में पाया जाता है। अब आमतौर पर सिट्रिक एसिड हमारे लिए खतरनाक नहीं होता। यही कारण है कि हमारा शरीर उसके प्रति कोई रिएक्शन नही करता। लेकिन कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम सिट्रिक एसिड को खतरनाक समझने लगता है।
इस प्रक्रिया को क्रॉस-रिएक्टिविटी कहते हैं। यानी इम्यून सिस्टम सिट्रिक एसिड को कोई अलर्जन समझ कर हिस्टामिन बनाने लगता है।
यह रिएक्शन बहुत सामान्य से लेकर बहुत गंभीर हो सकते हैं। गंभीर रिएक्शन को अनाफायलैक्सिस कहते हैं।
सिट्रस एलर्जी सिर्फ फल खाने से ही नहीं होती, फल के छिलकों और एसेंशियल ऑयल से भी हो सकती है।
सामान्य एलर्जी के लक्षण-
1. प्रभावित त्वचा पर लालामी
2. त्वचा में जलन
3. जीभ, होंठ और गले मे भयंकर खुजली
4. त्वचा पर पपड़ी पड़ना
5. सूजन
6. गले के अंदर सूजन और छाले
7. त्वचा पर दाने या रैशेस
अनाफायलैक्सिस के लक्षण-
1. गुच्छों में छाले पड़ना
2. त्वचा एकदम लाल और गर्म हो जाना
3. गले और मुंह में सूजन जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है
4. अस्थमा
5. उल्टियां और डायरिया
6. ब्लड प्रेशर एकदम से कम हो जाना
अगर यह लक्षण नजर आएं, तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाएं। यह एलर्जी पैदा होने के साथ ही होती है, इसलिए बच्चों में इसका खास ख्याल रखना पड़ता है।
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कस्टमाइज़ करें1. अगर आपको सिट्रस एलर्जी है, तो सबसे बेहतर है कि आप एलर्जी वाले फलों से दूर रहें।
2. अगर आपको सिट्रस एलर्जी का रिएक्शन बहुत हल्का होता है और आप फल खा लेते हैं, तो छिलकों से दूर रहें। छिलकों में ऑयल होता है जिससे एलर्जी होती है।
3. हमेशा अपने पास एन्टी हिस्टामिन दवा रखें। ताकि इमरजेंसी में आप रिएक्शन को कंट्रोल कर सकें।
बच्चों में सिट्रस एलर्जी का खास ख्याल रखना चाहिए। अगर बच्चा बहुत छोटा है जो फल खाने पर अजीब महसूस होने की शिकायत न कर सके, तो आप को ही खास ख्याल रखना होगा।
सिट्रस एलर्जी ही नहीं, सभी तरह की एलर्जी बच्चों में अत्यधिक रिएक्शन करती हैं। किसी खतरे से बचने के लिए बेहतर है आप बच्चे का प्रिक टेस्ट करवाएं। प्रिक टेस्ट में डॉक्टर बच्चे की उंगली में सुई की मदद से अलर्जन भेजते हैं। अगर 15 से 20 मिनट में उंगली में लालामी या दाने हो जाते हैं तो मतलब है कि बच्चा एलर्जिक है।
प्रिक टेस्ट करवाना आपको सभी एलर्जी की जानकारी देता है, जिससे भविष्य में जानलेवा स्थिति बनने से रोक सकता है।