अल्जाइमर और डिमेंशिया दो ऐसे रोग हैं, जो मस्तिष्क के कामकाज को बुरी तरह प्रभावित कर देते हैं। यह संज्ञानात्मक कामकाज (cognitive functioning) को प्रभावित कर देते हैं। इसके कारण व्यक्ति का सोचना, याद रखना और तर्क करना जैसे गुण प्रभावित हो जाते हैं। यह व्यक्ति के दैनिक जीवन और गतिविधियों में हस्तक्षेप करता है। हाल में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि जैतून के तेल यानी ऑलिव आयल के सेवन से डिमेंशिया के कारण मरने का जोखिम कम (olive oil for dementia) हो सकता है।
जैतून के तेल यानी ऑलिव आयल को लंबे समय से सुपरफूड (superfoods Olive oil) माना जाता है। स्वस्थ आहार के रूप में इसके नियमित सेवन से लंबे समय तक जीवित रहने में मदद मिल सकती है। एक नए अध्ययन से पता चलता है कि ऑलिव आयल डिमेंशिया से मरने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के अध्ययन में यह सामने आया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मार्जरीन और कमर्शियल मेयोनेज़ जैसे फैट की बजाय ऑलिव आयल का उपयोग किया जाये, तो डिमेंशिया से मरने का खतरा कम हो सकता है।
डिमेंशिया के कारण कई प्रकार की परेशानी हो सकती है। यह मेमोरी सहित अन्य मानसिक क्षमताओं को बहुत अधिक प्रभावित कर देती है।
इसके कारण डेली रूटीन का काम भी बाधित हो सकता है। मस्तिष्क की ये परेशानी शारीरिक परिवर्तनों के कारण होती हैं। इसके कारण अल्जाइमर रोग सबसे अधिक होता है।
आहार के कारण डिमेंशिया से होने वाली मृत्यु के बीच संबंध होने की जांच करने के लिए लोगों पर अध्ययन (olive oil for dementia) किया गया। वैज्ञानिकों ने तीन दशकों में 90,000 से अधिक अमेरिकी नागरिकों के डाइट पर आधारित क्वेश्चनेयर और डेथ रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इनमें से 4,749 लोगों के मरने का कारण डिमेंशिया दर्ज किया गया।
उन्होंने पाया कि जो लोग प्रतिदिन आधा चम्मच से अधिक ऑलिव आयल का सेवन करते हैं, उनमें डिमेंशिया से मरने का जोखिम कम था। यह जोखिम उन लोगों की तुलना में 28 प्रतिशत कम था, जिन्होंने कभी ऑलिव आयल नहीं खाया या शायद ही कभी खाया हो ।
अध्ययन से यह भी पता चला कि प्रतिदिन एक चम्मच मार्जरीन या मेयोनेज़ को ऑलिव आयल से बदलने पर मनोभ्रंश से मरने का जोखिम 8-14 प्रतिशत के बीच कम हो जाता है।
हार्वर्ड टी एच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की पोस्ट डॉक्टरल फेलो ऐनी-जूली टेक्सियर के अनुसार, अध्ययन प्लांट बेस्ड ऑयल ऑलिव आयल के सेवन पर जोर देता है। नियमित रूप से आधा चम्मच तेल का सेवन न केवल हृदय स्वास्थ्य बल्कि संभावित रूप से मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी मजबूती प्रदान करता है।
मार्जरीन और मेयोनेज़ जैसे फैट की बजाय ऑलिव आयल जैसे नेचुरल प्रोडक्ट सुरक्षित विकल्प हैं। इससे घातक डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ऑलिव ऑयल में ऐसे गुण हैं, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं। इसमें कुछ एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड ब्लड ब्रेन की बाधा को पार कर सकते हैं। इसका संभवतः मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव (olive oil for dementia) पड़ता है। यह भी संभव है कि ऑलिव ऑयल हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाकर अप्रत्यक्ष रूप से मस्तिष्क स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
हालांकि शोधकर्ता इस दिशा में और अधिक शोध को जरूरी मानते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन के निष्कर्ष इस बात को मजबूती से कहते हैं कि अन्य फैट के इस्तेमाल के स्थान पर ऑलिव ऑयल का उपयोग हेल्दी डाइट का जरूरी आहार बन सकता है।
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