खानपान की गड़बड़ी, खराब जीवनशैली कई रोगों का कारण बनती है। यह शरीर के प्रमुख अंग लिवर को भी नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण लिवर में हेपेटाइटिस रोग हो जाता है। हेपेटाइटिस रोग से दुनियाभर के लाखों लोग शिकार होते हैं। ज्यादातर मामले इस रोग की जानकारी के अभाव में होते हैं। इस रोग के प्रति लोगों को आगाह करने के लिए 28 जुलाई को हर वर्ष वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day) मनाया जाता है। यह दिवस लोगों को इस रोग से बचाव करने और स्वस्थ रहने की अपील करती है। हेपेटाइटिस के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने प्राइमस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीनियर कन्सल्टेंट ( गैस्ट्रोएंट्रोलाजी) डॉ. पल्लवी गर्ग से बात की।
हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस या वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day) मनाया जाता है। वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का उद्देश्य लिवर की बीमारी हेपेटाइटिस के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है। वायरल हेपेटाइटिस संक्रामक रोगों का एक समूह है, जिसे हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक प्रकार के वायरल हेपेटाइटिस के लिए एक अलग वायरस जिम्मेदार होता है। यह दिवस इस रोग की रोकथाम, निदान और उपचार को प्रोत्साहित करता है।
इस वर्ष वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे की थीम (World Hepatitis Day 2023 Theme) है – हमलोगों को इंतज़ार नहीं करना चाहिए। एक्शन लेना चाहिए, क्योंकि हेपेटाइटिस किसी का इंतज़ार नहीं करता है (we are not waiting, Take action because Hepatitis can’t wait)।
प्राइमस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीनियर कन्सल्टेंट ( गैस्ट्रोएंट्रोलाजी) डॉ. पल्लवी गर्ग बताती हैं, ‘हेपेटाइटिस यकृत या लीवर की सूजन (Inflammation of Liver) है। वायरल संक्रमण के अलावा इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis) में शरीर लीवर टिश्यू के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है।‘
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का अनुमान है कि वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 35 करोड़ 40 लाख लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। हर साल हेपेटाइटिस से दस लाख से अधिक जानें चली जाती हैं। वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के अनुसार लोगों को बदलाव का इंतज़ार नहीं करना चाहिए, बल्कि इस रोग से लड़ना चाहिए।
डॉ. नितिन के अनुसार, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। वायरस लीवर को प्रभावित करता है, इसलिए लिवर सिरोसिस, लीवर कैंसर और लीवर फेलियर हो सकता है। इससे ब्लीडिंग डिसऑर्डर और किडनी भी खराब हो सकती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित लोगों को शराब से बचना चाहिए, क्योंकि यह लीवर की बीमारी और विफलता को बढ़ा सकता है।
टीका कई हेपेटाइटिस वायरस से बचाने में मदद कर सकते हैं। इन वायरस वाले पदार्थों के संपर्क में आने के जोखिम को कम करना भी बहुत जरूरी है।
हेपेटाइटिस ए के लिए एक टीका उपलब्ध है, जिसमें बच्चों के 12 से 23 महीने की उम्र में टीकाकरण शुरू होता है। यह वयस्कों के लिए भी उपलब्ध है। इसमें हेपेटाइटिस बी का टीका भी है। वर्तमान में हेपेटाइटिस सी या ई के लिए कोई टीका नहीं है।
हेपेटाइटिस वायरस तरल पदार्थ, पानी और संक्रामक एजेंटों वाले खाद्य पदार्थों के संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इन पदार्थों से होने वाले संपर्क को कम कर देना चाहिए।
डॉ. पल्लवी गर्ग कहती हैं, ‘इन दिनों बाढ़ के पानी के कारण टैप वाटर के भी दूषित होने की आशंका बढ़ जाती है। हेपेटाइटिस के वायरस पानी में मौजूद हो सकते (World Hepatitis Day) हैं। स्वच्छता अपनाना ही हेपेटाइटिस ए और ई से बचने का तरीका है। इसलिए पानी उबालकर या पूरी तरह सेफ करने के बाद ही पियें। संक्रमित बर्फ़, अधपके सी फ़ूड, कच्चे फल और सब्जियां हेपेटाइटिस के संक्रमण का खतरा पैदा कर सकते हैं।’
डॉ. पल्लवी गर्ग के अनुसार, सुइयां साझा करना, रेज़र साझा करना, किसी और के टूथब्रश का उपयोग करना आदि करने से बचें। फर्श पर यदि खून बिखरा हुआ है, तो उसे नहीं छूएं। हेपेटाइटिस बी और सी यौन संबंध से फैल सकता है। यौन गतिविधियों के दौरान कंडोम जैसे इन्हिबिटर का इस्तेमाल करें।
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