कलरिंग से डैमेज हो रहे हैं बाल, तो उन्हें हेल्दी बनाए रखने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

कलरिंग के बाद बालों में आने वाले बदलाव एकाएक चिंता का कारण साबित होने लगते हैं। ऐसे में बालों की देखभाल करना बेहद आवश्यक है। हेयर कलरिंग के बाद बालों को हेल्दी और मुलायम बनाने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो।
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पोषण संबंधी कमियों या स्वास्थ्य समस्याओं का सबसे पहले लझण आपको बाल ही दिखाते है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 11 Mar 2024, 16:24 pm IST
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बालों को नया और अनोखा लुक देने के लिए लोग कई प्रकार के तरीके अपनाते हैं। कोई हेयर स्आइलिंग से बालों को इनोवेटिव लुक देता है, तो किसी को हेयर कलर पसंद है। दरअसल, इन दिनों हेयर कलरिंग काफी ट्रेंडिंग है। मगर बालों को नया लुक देने के अलावा उनकी देखरेख भी बेहद ज़रूरी है। अक्सर वे लोग जो हेयर कलर अप्लाई करते है, उन्हें बालों में रफनेस, स्कैल्प इचिग और हेयरफॉल का सामना करना पड़ता है। इससे बालों में रूखापन बढ़ने लगता है और हेयर स्ट्रक्चर को प्रभावित करने लगता है (color hair care tips )

कलरिंग के बाद बालों में आने वाले बदलाव एकाएक चिंता का कारण साबित होने लगते हैं। ऐसे में बालों की देखभाल के लिए उचित उपाय करना बेहद आवश्यक है। हेयर कलरिंग के बाद बालों को हेल्दी और मुलायम बनाने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो।

इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ स्वाति मोहन का कहना है कि हेयर कलर में बालों के रंग को हल्का करने के लिए ब्लीच की अधिक मात्रा इस्तेमाल की जाती है। इससे बालों को नमी को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा बालों में टूटने और झड़ने की समस्या भी बढ़ जाती है। वे लोग जो बालों को बार बार रिकलर करते हैं। उससे स्कैल्प का पीएच लेवल असंतुलित होने लगता है। ऐसे में बालों की लैंथ को 8 सप्ताह से पहले दोबारा कलर करने से बचना चाहिए। बालों को हेल्दी रखने के लिए हेयर कलर करवाने से बचें। इससे बालों में मॉइश्चर लॉस की समस्या बढ़ने लगती है और बालों के टैक्सचर को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा बालों की स्मूदनेस बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जेल, स्प्रे और वैक्स के प्रयोग से भी बचना चाहिए।

Baalon ko colour kyu na karein
कलर करने के बालों के शाफ्ट के इन्नर और आउटर स्ट्रक्चर में परिवर्तन आने लगता है। चित्र शटरस्टॉक

हेयर कलर कैसे बालों को पहुंचाते हैं नुकसान

बालों पर अप्लाई किए जाने वाले कलर में कैमिकल्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इससे बालों में मौजूद सॉफ्टनेस कम होने लगती है और नेचुरल मेलेनिन को प्रभावित करता है। इसके चलते बालों का रंग सफेद हो जाता है। एनआईएच की रिपोर्ट के अुनसार कलरिंग करने से बालों में मौजूद प्रोटीन और लिपिड की मात्रा का स्तर कम होने लगता है। इससे बालों के शाफ्ट के इन्नर और आउटर स्ट्रक्चर में परिवर्तन आने लगता है, जिससे बालों को नुकसान होने लगता है। बालों का टूटना, झड़ना और रूखापन बढ़ने लगता है।

हेयर कलर के बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ चित्रा का कहना है कि हेयर कलर में अमोनिया पाया जाता है, जो बालों की सेहत को नुकसान पहुंचाता है। हेयर कलरिंग के लिए केमिकल्स की मदद से क्यूटिकल्स में कलर को इंसर्ट किया जाता है। इससे बालो की जड़े कमज़ोर होने लगती है और हेयरफॉल की समस्या का सामना करना पड़ता है। बाल बाल डाई लगाने से बालों का पीएच लेवल कम होने लगता है। साथ ही प्राकृतिक मेलेनिन में कमी आती है, जिसके चलते ग्रे हेयर की समस्या बढ़ जाती है।

हेयर कलरिंग को बनाए रखने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें

1. कलर प्रोटेक्टेंट शैम्पू (Color protectant shampoo)

बालों को कलर करवाने के बाद साधारण शैम्पू के स्थान पर कलर्ड शैम्पू का ही प्रयोग करें। इससे हेयर कलर जल्दी फेड होने की संभावना कम हो जाती है। साथ ही बाल मुलायम बने रहते है। दरअसल, कलर प्रोटेक्टेंट शैम्पू का इस्तेमाल करने से बालों में कलर लॉक हो जाता है। इससे साधारण शैम्पू में मौजूद सल्फेट से बालों की रक्षा की जा सकता है और बाल मुलायम बने रहते हैं।

2. शैम्पू के बाद कंडीशनिंग (Hair conditioning)

बालों की स्मूदनेस को बनाए रखने के लिए कंडीशनिंग करना ज़रूरी है। लीव इंन कंडीशनर या डीप कंडीशनिंग करने से बालों में मॉइश्चर लॉक हो जाता है। इससे बालों का रूखापन कम होने लगता है और बाल हाइड्रेट रहते हैं। सेमी वेट बालों की लेंथ पर लगाकर कुछ देर बाद बालों को धोने से रूखेपन की समस्या का जोखिम कम हो जाता है और बालों का कलर मेंटेन रहता है

Balon ke liye conditioner ka santulit istemal bahut jaruri hai.
बालों के लिए कंडीशनर का संतुलित इस्तेमाल जरुरी है। चित्र: शटरस्टॉक

3. प्रोटीन जेल (Protein gel)

बालों को कलरिंग से पहले प्रोटीन जेल अवश्य अप्लाई करें। इससे बालों पर केमिकल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इससे फ्रीजी हेयर की संभावना कम होने लगती है। फॉलिकल्स की मज़बूती को बढ़ाने और हेयर पिगमेंट की समस्या को हल करने के लिए प्रोटीन का इस्तेमाल बेहद आवश्यक है। किसी भी प्रकार के कलर को अप्लाई करने से पहले प्रोटीन जेल को बालों की रूट्स से लेकर लेन्थ में अवश्य अप्लाई करें।

4. हेयर ऑयलिंग (Hair oiling)

बालों के रूखेपन को दूर करने के लिए सप्ताह में 2 बार हेयर ऑयलिंग अवश्य करें। इससे फ्रीजीनेस से बचा जा सकता है और बालों की शाइन मेंटेन रहती है। बालों को ग्लॉसी लुक देने के लिए हेयर ऑयलिंग करें और 30 मिनट के बाद बालों को धो लें।

इन बातों का रखें ख्याल

1. क्लोरीनयुक्त पानी के प्रयोग से बचें

बालों को धोने के लिए क्लोरीनयुक्त पानी का प्रयोग करने से बाल रूखे और कमजोर बनने लगते है। इससे हेयरफॉल का खतरा बना रहता है। स्वीमिंग के दौरान बालों को कवर करें। पूल के पानी में पाई जाने वाली क्लोरीज की मात्रा हेयर डैमेज का कारण साबित होती है।

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2. बालों को बार बार धोने से बचें

सप्ताह में 2 से 3 बार कलर्ड हेयर को धोने से बालों में मौजूद नेचुरल ऑयल धीरे धीरे कम होने लगता है। फॉलिकल्स में मौजूद प्रोटेक्टिव ऑयल बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है। इसके अलावा बालों को धोने के लिए कलर प्रोटेक्टेंट सल्फर फ्री शैम्पू का प्रयोग करें।

Heating tools aapke baalo ko nuksaan pahunchata hai
अगर आप इन टूल्स को बालों के संपर्क में लाती है, तो इससे बालों का रूखापन बढ़ने लगता है। चित्र:एडॉबीस्टॉक

3. हेयर स्टाइनिंग टूल्स इस्तेमाल न करें

बालों की नमी को बरकरार रखने के लिए बालों का सुखाने से लेकर उन्हें अलग लुक देने के लिए हेयर स्टाइनिंग टूल्स से बचें। इससे बालों का टूटना, झड़ना और स्पिल्ट एंडस की समस्या से बचा जा सकता है। बालों को सीधा करने के लिए की जाने वाली प्रेसिंग बालों को हीट से डैमेज करती है। इससे कलरिंग पर भी उसका प्रभाव पड़ता है।

4. सनलाइट से बचाएं

बालों को यूवी रेज़ के प्रभाव से बचाने के लिए ढ़ककर रखें। धूप में निकलने से पहले हैट या स्कार्फ से बालों को ढ़कें। इससे बालों का रंग लंबे वक्त तक बना रहता है। इसके अलावा बालों में बढ़ने वाले रूखेपन की समस्या को कम किया जा सकता है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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