ब्रेस्ट पर स्ट्रेच मार्क्स आना सामान्य है। ज्यादातर महिलाएं इसका अनुभव करती हैं। यह कई कारणों से हो सकता है। प्यूबर्टी, वजन बढ़ना और घटना, प्रेगनेंसी जैसी स्थिति ब्रेस्ट स्ट्रेच मार्क का कारण हो सकती है। क्या आप भी स्तनों पर दिखाई देने वाले इन निशानों को लेकर असहज हैं! तो परेशान न हों, क्योंकि हमारे पास इन्हें हटाने के उपाय हैं। आइए जानते हैं ब्रेस्ट स्ट्रेच मार्क्स हटाने के कुछ आसान उपाय।
स्तनों पर से निशान हटाने वाले इन आसान उपायों के बारे में जानने से पहले क्यों न इनके कारणों की भी पड़ताल कर ली जाए।
उत्तर प्रदेश की अनाटॉमिस्ट डॉक्टर वैभवी शर्मा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये ब्रेस्ट स्ट्रेच मार्क्स होने के कारण बताए हैं और साथ ही इससे जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी है। उन्होंने बताया कि स्ट्रेच मार्क्स होना किसी तरह की परेशानी की बात बिल्कुल भी नही है। यह खुद में ही काफी खूबसूरत होते हैं।
हालांकि, लोग इससे निजात पाने के लिए तरह-तरह के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं, परंतु आपको बता दें कि कोई भी होम रेमेडी इसे तुरंत और पूरी तरह खत्म नही कर सकती। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं आखिर क्यों होते है ब्रेस्ट स्ट्रेच मार्क्स।
प्यूबर्टी के दौरान हार्मोन्स में होने वाले बदलाव ब्रेस्ट टिशु के ग्रोथ को काफी ट्रिगर करते हैं। ब्रेस्ट टिशु के बढ़ने से ब्रेस्ट स्किन स्ट्रेच करती है जिस वजह से स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं।
ब्रेस्ट पर स्ट्रेच मार्क्स होने का एक सबसे बड़ा कारण प्रेगनेंसी भी है। प्रेगनेंसी के 6 हफ्ते बाद एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने से ब्रेस्ट और मिल्क डक्ट ग्रो करने लगते हैं। ऐसे में स्ट्रेच मार्क होना बिल्कुल सामान्य है।
वजन बढ़ने से ब्रेस्ट में फैट टिशू भी बढ़ने लगता है, वहीं ब्रेस्ट साइज बढ़ने के कारण स्ट्रेच मार्क्स आ जाते हैं। दूसरी ओर वजन घटने से कोलेजन कम हो जाता है, जिस वजह से स्किन इलास्टिसिटी लूज होने लगती है और स्ट्रेच मार्क्स आ सकते हैं।
स्ट्रेच मार्क्स खुद ब खुद उत्पन्न नहीं होते, परंतु यदि आपके पेरेंट्स को स्ट्रेच मार्क्स हैं, तो यह आपको भी हो सकते हैं। अगर ऐसा है तो आपको अपने स्तनों की स्किन का और ज्यादा ख्याल रखना चाहिए।
शुरुआत में स्ट्रेच मार्क्स लाल और पर्पल रंग के नजर आते हैं और काफी हल्के दिखाई देते हैं। परंतु समय के साथ स्ट्रेच मार्क्स की रंगत फेड होने लगती है। वहीं जब स्ट्रेच मार्क्स लंबे समय तक बने रहते हैं, तो वह हल्के सफेद होने लगते हैं और धीरे-धीरे दिखाई देना भी बंद हो जाते हैं।
आप इसे टॉपिक ट्रीटमेंट की मदद से कम कर सकती हैं। कई ऐसे DIY हैक्स हैं जिनका इस्तेमाल इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। इन हैक्स में आप कोको बटर, कोकोनट ऑयल, टाइगर ग्रास, ग्लाइकोलिक एसिड, अनियन एक्सट्रैक्ट युक्त स्ट्रेच मार्क क्रीम और विटामिन सी को शामिल कर सकती हैं। ये सभी प्रोडक्ट्स स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए काफी प्रभावी होती हैं।
मसाज करने से ब्लड फ्लो और कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ता है। साथ ही यह स्ट्रेच मार्क को कम करने में भी मददगार है। अपने ब्रेस्ट को कम से कम रोजाना 30 सेकंड तक मसाज जरूर दें। मसाज करते वक़्त कोकोनट ऑयल और विटामिन सी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
ठीक वैसे ही जैसे आप अपने चेहरे पर स्क्रब का इस्तेमाल करती हैं, अपने ब्रेस्ट को भी हफ्ते में दो बार एक्सफोलिएट जरूर करें। यह कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही स्किन अपीयरेंस को भी इंप्रूव करता है।
कोकोआ बटर में विटामिन ई मौजूद होता है, जो कि त्वचा की सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। कोकोआ बटर से अपने ब्रेस्ट को मसाज दें, यह स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में काफी इफ्फेक्टिव साबित हो सकता है।
यह क्रीम स्किन इलास्टिसिटी को इंप्रूव करती है और स्ट्रेच मार्क्स के दाग को कम करने में भी मदद करती है।
इस थेरेपी को लेकर किए गए रिव्यू की मानें तो यह स्ट्रेच मार्क्स को हटाने में काफी असरदार होता है। इसमें स्किन फेस लेजर का इस्तेमाल करके स्कार्स टिशू को ब्रेक किया जाता है। इसके साथ ही यह उस एरिया के ब्लड फ्लो को काफी ज्यादा बढ़ा देता है, जिस वजह से स्ट्रेच मार्क्स काफी हद तक कम हो जाते हैं।
एसिड पील ट्रीटमेंट में पील त्वचा की ऊपरी सतह को एक्सफोलिएट करके रिमूव कर देती है, जिससे स्ट्रेच मार्क काफी हद तक कम नजर आते हैं।
माइक्रोडर्माब्रेशन एक स्ट्रांग एक्सफोलिएशन मेथड है, जो कोलेजन प्रोडक्शन को इंप्रूव करता है और स्ट्रेच मार्क्स को हल्का कर देता है।
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