वेजाइनल बर्निंग के पीछे जिम्मेदार हो सकते हैं ये 4 कारण, जानें कैसे करना है बचाव

ज्यादातर महिलाओं में यूरिन पास करते वक्त या यूरिन पास करने के बाद वेजाइनल बर्निंग की शिकायत होती है। जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय।
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यहां जानें योनि में जलन होने के कुछ मुख्य कारण। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 30 Aug 2023, 18:30 pm IST
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कई बार हमें वेजाइना में जलन का अनुभव होता है। हालांकि, ज्यादातर महिलाओं में यूरिन पास करते वक्त या यूरिन पास करने के बाद वेजाइनल बर्निंग की शिकायत होती है। वहीं कई महिलाएं उठते बैठते और नियमित गतिविधियों को करते हुए भी इसका अनुभव करती हैं। वेजाइना में जलन की वजह से महिलाओं की नियमित दिनचर्या पर भी असर पड़ता है, महिलाएं चिड़चिड़ापन और असहज महसूस करने लगती हैं।

इस स्थिति के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए हेल्थ शॉट्स ने ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ अंजलि कुमार से सलाह ली। डॉक्टर ने वेजाइनल बर्निंग के कुछ आम कारण और इससे बचाव के जरूरी उपाय बताएं हैं। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर अधिक विस्तार से (how to stop vaginal burning)।

यहां जानें योनि में जलन होने के कुछ मुख्य कारण

1. यीस्ट इंफेक्शन

यीस्ट इंफेक्शन तब होता है जब आपके वैजाइना में ईस्ट ओवरग्रोथ करते हैं और इन्फ्लेमेशन और इचिंग का कारण बनते हैं। इस दौरान हुए इन्फ्लेमेशन के कारण वाल्व और वैजाइना में दर्द, जलन और सूजन का अनुभव हो सकता है। यीस्ट इंफेक्शन में वेजाइनल डिसचार्ज काफी गाढ़ा हो जाता है और यह कॉटेज चीज जैसा नजर आ सकता है। यह स्थिति वेजाइनल बर्निंग का कारण बनती है, खासकर यूरिन पास करते वक्त असहनीय जलन का अनुभव हो सकता है।

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यूटीआई की स्थिति में आ सकती है पेशाब से गंध। चित्र शटरस्टॉक।

कैसे करें ट्रीट :

ईस्ट इन्फेक्शन के बढ़ने का इंतजार न करें। फौरन डॉक्टर से मिलें और अपना ट्रीटमेंट शुरू करवाएं, अन्यथा यह ब्लैडर तक पहुंच उसे भी संक्रमित कर सकती है। हां, आप इसे बढ़ाने से रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में पीकर खुद को हाइड्रेटेड रख सकती हैं। साथ ही साथ हाइजीन का विशेष ध्यान रखें ताकि यह और ज्यादा न फैले।

2. यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन

यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन वेजाइनल बर्निंग का एक सबसे सामान्य कारण है, जिसका अनुभव लगभग सभी महिलाओं ने कभी न कभी जरूर किया होगा। यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन तब होता है जब हानिकारक बैक्टीरिया आपके यूरिनरी ट्रैक में इंटर कर उसे संक्रमित करते हैं। इस स्थिति में आपकी यूरिनरी ट्रैक्ट की लाइनिंग में सूजन आ जाता है और जलन का अनुभव होता है। वहीं यूरिन पास करते हुए जलन काफी ज्यादा बढ़ जाता है और दर्द में बदल सकता है।

यूटीआई की स्थिति में आपको बार-बार यूरिन पास करने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा वेजाइना में खुजली और जलन साथ ही साथ यूरिन से अधिक गंध आना और हल्के गुलाबी रंग के यूरिन निकलने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं इस दौरान पेट और लोअर बैक में दर्द का अनुभव होता है।

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कैसे करें ट्रीट :

कई बार यूटीआई की समस्या आसानी से 2 से 3 दिन में घर पर ही ठीक हो जाती है। इसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पी खुद को हाइड्रेटेड रखना है, साथ ही साथ क्रैनबेरी सप्लीमेंट लेने से मदद मिलती है। परंतु यदि आपके लक्षण नियंत्रित नहीं हो रहे हैं, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिल सलाह लें। डॉक्टर एंटीबायोटिक की मदद से इसे ट्रीट करते हैं।

3. बैक्टीरियल वेजिनोसिस

बैक्टीरियल वेजोनोसिस की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब आपकी वेजाइना में किसी प्रकार के बैक्टीरिया का अधिक ग्रोथ होने लगता है। इस स्थिति में गुड बैक्टीरिया और बेड बैक्टीरिया के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। जिसकी वजह से वल्वा में इचिंग, गंध के साथ अधिक वेजाइनल डिसचार्ज और वेजाइना से भी अधिक गंध आने जैसे लक्षण का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा डिस्चार्ज के बाहर निकलते वक्त वेजाइनल ओपनिंग के पास जलन और खुजली का अनुभव होता है। इस स्थिति में कुछ महिलाएं यूरिन पास करते वक्त और कुछ नियमित गतिविधियों को करते हुए भी जलन का अनुभव करती हैं।

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कैसे करना है ट्रीट :

अधिकांश मामलों में यह समस्या खुद व खुद ठीक हो जाती है, केवल आपको हाइजीन मेंटेन करते हुए खुद को हाइड्रेटेड रखने की आवश्यकता होती है। परंतु यदि इसके लक्षण लगातार बने हुए हैं, तो आपको डॉक्टर से मिल प्रिसक्राइब एंटीबायोटिक की मदद से इसे ट्रीट करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

yeest ya kaindida kee sankhya maatra adhik badh jaatee hai to aapako pyoobik heyar mein khujalee ho sakatee hai.
यीस्ट या कैंडिडा की संख्या मात्रा अधिक बढ़ जाती है तो आपको प्यूबिक हेयर में खुजली हो सकती है।चित्र-शटरस्टाक

4. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज

क्लैमीडिया, जेनिटल हर्पीज़, ट्राइकोमोनिएसिस, गोनोरिया जैसी एसटीडी की समस्या वेजाइना और वल्वा में जलन पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा इस स्थिति में कई अन्य लक्षण देखने को मिलते हैं जिन्हें समय रहते ट्रीट करना बेहद महत्वपूर्ण है, अन्यथा यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

कैसे करें ट्रीट :

सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज की स्थिति में आपको जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिल इस स्थिति की जांच करवानी चाहिए और आवश्यक दवाइयों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप खुद से केवल हाइजीन मेंटेन कर सकती हैं। अपने मन से दवाइयां न लें और वेजाइना के साथ किसी प्रकार का छेड़छाड़ करने से बचें। सबसे महत्वपूर्ण यदि इसे बढ़ने से रोकना चाहती हैं, तो इसके ठीक होने से पहले सेक्स न करें।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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