मौसम के बदलाव के संकेत जहां सबसे पहले नजर आते हैं, वह है आपकी त्वचा। जबकि अगर ध्यान दें, बालों में भी मौसम बदलते (Weather changes) ही बदलाव नजर आने लगता है। कुछ लोग जहां इस मौसम में ग्रीसी बालों (Greasy hair) का अनुभव करते हैं, वहीं ज्यादातर इस दाैरान हेयर फॉल (Hair Fall) बढ़ जाने की समस्या से परेशान होने लगते हैं। फिर शुरू होती है हेयर केयर के लिए अलग-अलग उपायों को अपनाने की दौड़। जबकि हर उपाय हर एक पर काम नहीं कर पाता। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बालों की समस्याओं को पहचान कर खास अपने लिए आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic hair oil) आजमाएं। सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे घर पर (how to make homemade ayurvedic hair oil) ही तैयार कर सकती है। हम बता रहे हैं कैसे।
बदलते वातावरण, धूल, गंदगी, सूरज की हानिकारक किरणों और पोषक तत्वों की कमी के कारण आप इन दिनों ज्यादा हेयर फॉल का अनुभव कर सकती हैं। इसे समय रहते नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। अन्यथा धीरे-धीरे बाल कमजोर और पतले होने लगते हैं। जो आगे चलकर बाल्डनेस का भी कारण बन सकता है।
पर इनका उपचार केमिकल युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट्स नहीं हैं। इनके इस्तेमाल से ये और ज्यादा डैमेज हो सकते हैं। साथ ही इससे बालों की नमी भी छिन जाती है। जबकि आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो न केवल आपके बालों का झड़ना रोक सकती हैं। साथ ही बालों की नमी को भी लॉक करती हैं।
आयुर्वेद बालों के लिए नारियल तेल, कड़ी पत्ता, मेंहदी और तुलसी जैसी हर्ब्स के इस्तेमाल की सलाह देता है। इनमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट आपके बालों का तनाव कम करते हैं और उन्हें ग्रोथ में मदद करते हैं।
कोकोनट ऑयल
मेथी के दाने
करी पत्ता
कलौंजी
तुलसी
मेहंदी
एलोवेरा
गुड़हल का फूल (hibiscus)
काली मिर्च
मेथी की साग
1 सबसे पहले कड़ी पत्ता और मेहंदी के पत्तों को उसके तने से अलग कर लें और एलोवेरा को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
2 अब एक पैन या कड़ाही लें और उसे मध्यम आंच पर चढ़ाएं। उसमें 5 से 7 चम्मच नारियल का तेल डालें।
3 तेल गर्म हो जाए, तब उसमें सबसे पहले मेथी के दाने और कलौंजी डालें और इसे चलाती रहें।
4 जब उबलते हुए 30 सेकंड हो जाएं, तब उसमें कड़ी पत्ता, मेहंदी और एलोवेरा डाल कल इसे मिलाएं।
5 अब ऊपर से तुलसी, काली मिर्च, गुड़हल का फूल और मेथी साग डाल दें और इन सभी को 5 से 7 मिनट तक अच्छी तरह तेल में पकाएं।
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कस्टमाइज़ करें6 उसके बाद इसमें लगभग आधा लीटर नारियल का तेल डालें और इसे इन सभी इनग्रीडिएंट के साथ 25 से 30 मिनट तक पकने दें।
7 जब यह पक जाए, तो फिर कुछ देर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा हो जाने पर तेल को छान कर अलग कंटेनर में निकाल लें।
8 उचित परिणाम के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे से बने इस तेल का इस्तेमाल हफ्ते में कम से कम 2 बार जरूर करें।
रिसर्चगेट द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार कोकोनट ऑयल बालों से जुड़ी समस्याओं के लिए एक सबसे अच्छा विकल्प है। यह बालों मैं मौजूद प्राकृतिक प्रोटीन को बनाए रखता है और इसे शाइनी, मुलायम और हेल्दी बनाता है।
वहीं कड़ी पत्ता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और आयरन बालों को जड़ से मजबूती देते हैं। साथ ही बाल झड़ने की समस्या को कम करने में मदद करते हैं।
बात यदि तुलसी की करें तो यह हेयर फॉलिकल्स को पुर्नजीवित करती है और बालों को जड़ से मजबूती देती है। यह स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और इसे ठंडक प्रदान करता है। इसके खास गुण बालों को उम्र से पहले सफेद होने से बचाते हैं और डेंड्रफ की समस्या का भी निदान कर सकते हैं।
इनके अलावा आयुर्वेदिक हर्बल ऑयल बनाने के लिए कलौंजी भी एक खास सामग्री है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी हेयर ग्रोथ को बूस्ट करती हैं। साथ ही ये स्कैल्प के सेल्स को प्रीमेच्योर एजिंग से बचाती हैं। जिससे बालों की रीग्रोथ में मदद मिलती है।
मेहंदी के गुणों से तो आप सभी अवगत होंगी। परंतु फिर भी आप की तसल्ली के लिए बता दें कि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार मेहंदी के पत्तों में एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी पाई जाती है। जो स्केल्स में होने वाले इन्फेक्शन की संभावना को कम कर देती हैं।
इसके साथ ही यह एंटीबायोटिक का भी एक अच्छा स्रोत है और अल्कलाइन बैलेंस को बनाए रखती हैं। वहीं यह बालों के लिए भी प्राकृतिक कंडीशनर का काम करती हैं और बालों को डैमेज होने से बचाती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार मेथी के बीज आयरन और प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत हैं। यह दोनों पोषक तत्व वालों के ग्रोथ के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं मेथी में फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे कंपाउंड भी होते हैं। साथ ही इसमें मौजूद पोटेशियम हेयर फॉल से लेकर बालों से जुड़ी अन्य कई समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है।
एलोवेरा विटामिंस का एक अच्छा स्रोत है और वहीं इसकी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी बालू पर इसके प्रभाव को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। यह हेयर डैमेज को रिपेयर करने में मदद करता हैं।
इसके साथ ही एलोवेरा बालों को आवश्यक नमी प्रदान करता है। एलोवेरा में मौजूद एलोनिन बालों के विकास को बढ़ावा देने का एक प्राथमिक कारक है। एलोवेरा स्कैल्प को ठंडक देती है और होने वाले संक्रमण की संभावना को भी काफी हद तक कम कर देती है।
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