खबर आ रही है कि सिद्धू मूसेवाला की मां 58 की उम्र में मां बनने वाली हैं। सिद्धू की मौत के बाद उनके पेरेंट्स ने एक बड़ा फैसला लिया है। सिद्धू की मां चरण कौर ने 58 वर्ष की उम्र में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के तहत कंसीव किया है, और वे जल्द ही बच्चे को जन्म देंगी। हालांकि तकनीक के विकास ने बढ़ती उम्र में भी प्रेगनेंसी को संंभव कर दिखाया है (sidhu moose wala mother pregnancy)। मगर इस तरह की प्रेगनेंसी में कुछ जोखिम होते हैं। इसलिए इस दौरान होने वाली मां और उनकी देखभाल करने वालों को कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए (old age pregnancy)।
हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ फर्टिलिटी और गर्भाशय की क्षमता कम होती जाती है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा बढ़ा सकती है। 50 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी के दौरान कुछ बातों का बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर गाइनेकोलॉजिस्ट और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अरुणा कालरा से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, कुछ खास प्रेगनेंसी टिप्स।
1. 50 की उम्र के बाद यदि महिलाएं कंसीव करती हैं, तो उनमें ट्विंस और ट्रिपलेट्स होने की संभावना अधिक होती है।
2. इस उम्र में महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।
3. 50 वर्ष की उम्र में प्रेग्नेंट हो रही हैं, तो इस दौरान प्रीमेच्योर बर्थ की संभावना भी अधिक होती है।
4. इस दौरान महिलाएं प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का सामना कर सकती हैं।
5. बढ़ती उम्र में नाॅर्मल डिलीवरी की संभावना बहुत कम होती है और ज्यादातर महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी से गुजरना पड़ता है।
6. इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही मिसकैरेज का खतरा बढ़ा सकती है।
7. बढ़ती उम्र में बेबी प्लान करने से पहले डॉक्टर महिलाओं को कुछ जरूरी टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। ताकि होने वाले बच्चे में क्रोमोसोम संबंधी समस्याएं, जैसे डाउन सिंड्रोम के खतरे का आकलन किया जा सके।
अगर आप 50 की उम्र में प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको प्रीकनसेप्शन काउंसलिंग लेना जरूरी है। इसमें एक्सपर्ट और डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले फायदे और कॉम्प्लिकेशंस के बारे में बताते हैं। इसके माध्यम से आप अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए एक सही डिसीजन ले पाती हैं।
50 की उम्र के बाद यदि प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो नियमित जांच बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। कंसीव करने से पहले और कंसीव करने के बाद नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहें, ताकि आपकी स्थिति को सही और प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सके। बढ़ती उम्र के साथ प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर, जेस्टेशनल डायबिटीज आदि का खतरा बढ़ जाता है, इन सभी स्थितियों से डील करने के लिए डॉक्टर की निगरानी में रहना बहुत जरूरी है।
अधिक उम्र की प्रेगनेंट महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के विकास के बढ़ते जोखिम के कारण, शीघ्र परीक्षण और उपचार की आवश्यकता होती है। महिलाओं को शुरुआत से ही इन समस्याओं के प्रति अधिक सचेत रहना चाहिए, क्योंकि बाद में ये मां एवं बच्चे दोनों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
50 से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कंजेनिटल डिसेबिलिटी स्क्रीनिंग करवाना आवश्यक है। इसमें डाउन सिंड्रोम और अन्य जन्मजात विकलांगताओं जैसे क्रोमोसोमल असामान्यताओं की संभावना के लिए परीक्षण शामिल है। ऐसे में महिलाएं अपने बच्चे की सेहत और ग्रोथ के प्रति पूरी तरह से जागरूक रहती हैं।
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