कई सेक्सुअल डिजीज को पूरी तरह क्योर नहीं किया जा सकता है। ऐसी ही एक बीमारी है हर्पीस। हर्पीस को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, पर कुछ ट्रीटमेंट से इसके लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि एंटीवायरल दवाएं न केवल अन्य विकल्पों की तुलना में इसे तेजी से ठीक करती हैं, बल्कि वे इसे दोबारा होने से भी रोकने में मदद करती हैं। जब इसका ठीक से इलाज किया जाता है, तो दूसरों को संक्रमित करने का जोखिम बहुत कम हो जाता है। इसके लिए घरेलू उपचार, ओवर-द-काउंटर दवाएं, प्रिस्क्रिप्शन दवाएं और वैकल्पिक उपचारों को भी अपनाया जा (Herpes Treatment) सकता है। सबसे पहले जानते हैं, क्या होता है हर्पीस (Herpes)।
हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV), जिसे हर्पीस के नाम से जाना जाता है। यह सामान्य संक्रमण है, जो दर्दनाक छाले या अल्सर (Herpes causes Ulcer) का कारण बन सकता है। यह मुख्य रूप से स्किन के संपर्क से फैलता है। इसे पूरी तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता है।
हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस दो प्रकार के होते हैं।
टाइप 1 (HSV-1) यह ज्यादातर ओरल कॉन्टैक्ट से फैलता है। मुंह में या उसके आसपास संक्रमण का यह कारण बनता है। यह जनन अंगों में भी इन्फेक्शन और घाव का कारण बन सकता है।
टाइप 2 (HSV-2) यह यौन संपर्क से फैलता है और जननांग इन्फेक्शन (Vaginal Infection) का कारण बनता है।
दर्द से राहत पाने के लिए हर्पीस के घरेलू उपचार का उपयोग किया जा सकता है। जैसे-जैसे हर्पीस के घाव ठीक होने लगते हैं, ये अधिक आरामदायक बना सकते हैं।
ओरल या हर्पीस का प्रकोप होने पर कई चीजों को किया जा सकता है
कोल्ड कम्प्रेस या ठंडे सेक का प्रयोग किया जा सकता है। दर्द को कम करने के लिए घावों पर कपड़े से ढका हुआ आइस पैक रोजाना 15 मिनट के लिए कई बार रखें। कोल्ड प्रेस से बचने के लिए आइस पैक हिलाते रहें।
घावों को छूने और रगड़ने से बचें। ऐसा करने से संक्रमण त्वचा के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है। घाव को साफ रखें। गंदे हाथों से छूने पर घाव बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं। बाथरूम जाने के बाद या दवा लगाने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।
हर्पीस के प्रकोप के दौरान तनाव दर्द के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। हल्के व्यायाम करके या ध्यान, योग और मन-शरीर चिकित्सा का अभ्यास करके तनाव को कम किया जा सकता है। हर्पीस फैलने के जोखिम को कम करने के लिए किस और सेलाइवा के संपर्क में आने वाली वस्तुओं को साझा करने से बचें। पीने के स्ट्रॉ और खाने के बर्तन को अलग रखें।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि ओरल हर्पीस वेजाइना तक फैल सकता है। वेजाइनल हर्पीस मुंह तक फैल सकता है। संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए ओरल सेक्स के दौरान कंडोम और डेंटल डैम का उपयोग करें। यदि आप सक्रिय हर्पीस प्रकोप से पीड़ित हैं, तो सेक्स से पूरी तरह बचें।
दाद के प्रकोप से दर्द को कम करने और तेजी से ठीक होने में मदद के लिए ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं उपलब्ध हैं। अब्रेवा (डोकोसानॉल) नामक एक ओटीसी दवा भी है, जिसमें एंटीवायरल गुण हैं।
ये स्किन के माध्यम से दी जाती है, जिसका सुन्न करने वाला प्रभाव होता है। इनमें लिडोकेन जैसे एस्परक्रीम और एनबसोल, कपूर और फिनोल और बेंज़ोकेन जैसे ओराजेल और कार्मेक्स कोल्ड सोर युक्त क्रीम या मलहम शामिल हैं।
टाइलेनॉल या एसिटामिनोफेन ओरल पेन किलर है, जो हर्पीस के दर्द को कम कर सकता है। एडविल या इबुप्रोफेन और एलेव नेप्रोक्सन जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं लालिमा और सूजन को कम कर दर्द से राहत दे सकती हैं।
इसके अलावा हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम, अब्रेवा डोकोसानॉल क्रीम, लाइसिन मलहम भी प्रभावी है।
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