मिलिए सिंड्रेला प्‍लांट से, यूके वैज्ञानिकों के अनुसार जो कर सकता है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज

यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों का मानना है कि सिंड्रेला नामक पौधा ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में सक्षम है।
यूके वैज्ञानिकों के अनुसार जो कर सकता है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज।चित्र- शटरस्टॉक।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 5 Nov 2020, 09:39 am IST
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स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्‍यादा होने वाला कैंसर है। इस घातक कैंसर के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए दुनिया भर में बहुत से जागरुकता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इस संदर्भ में ब्रिटेन में वैज्ञानिक समुदाय ने एक बड़ी खुशखबरी साझा की है। उन्हें “सिंड्रेला” नामक एक पौधा मिला है, जो स्तन कैंसर का मुकाबला कर सकता है।

यह पौधा स्तन कैंसर के इलाज के लिए आशाजनक परिणाम दिखा रहा है

यह पौधा पहले से चिकित्सकीय रूप से उपयोगी नहीं होने के कारण खारिज कर दिया गया था। पर ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने इस पर लगातार शोध की तो जाना कि यह वाकई प्रभावशाली है। क्योंकि यह न केवल स्तन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है, बल्कि सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित भी नहीं करता। भविष्य में होने वाली कीमोथेरेपी के लिए पहला ऐसा उपचार है।

‘अरबोडोप्सिस थेलियाना’ वैज्ञानिक नाम या थेल क्रेस जिसे अक्सर माउस-इयर क्रेस के रूप में जाना जाता है- एक छोटा, वीट प्लांट है, जो चट्टानी, रेतीले और बीहड़ इलाकों में उगता है। इस पौधे से कैंसर की जल्दी रिकवरी की आशा लगाई जा रही है। रासायनिक उपचार के अधीन स्तन कैंसर के रोगियों के लिए कम साइड इफेक्ट्स यानी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद भी नहीं है।

ब्रेस्‍ट कैंसर महिलाओं में सबसे ज्‍यादा होने वाले कैंसर में शुमार है। चित्र: शटरस्‍टॉक
ब्रेस्‍ट कैंसर महिलाओं में सबसे ज्‍यादा होने वाले कैंसर में शुमार है। चित्र: शटरस्‍टॉक

लंदन के रॉयल होलोवे यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एलेसेंड्रा डेवोट का कहना है, “यह पौधा, पौधों की दुनिया में सिंड्रेला’ की तरह है – किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह इतना खास है, लेकिन इसने हमारे शोध के माध्यम से अपना असल असर दिखाया। इस खोज का कैंसर के साथ-साथ अन्य बीमारियों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव होगा।”

प्लांट बायोलॉजिस्ट, जो 2006 से इस शोध का संचालन कर रहे हैं ने कहा, “ब्रूनल और एक्सेटर के मेरे सहयोगियों के साथ, मैं वास्तव में उत्साहित हूं कि इस बेजोड़ पौधे के स्तन कैंसर कोशिकाओं पर अद्भुत प्रभाव को खोजा गया है। यह साबित करता है कि गैर-औषधीय गुणों वाले पौधे भी कैंसर के इलाज के लिए काम कर सकते हैं।”

अध्ययन से पता चलता है कि सामान्य कोशिकाएं इस पौधे से प्रभावित नहीं होतीं

ब्रुनेल यूनिवर्सिटी लंदन में डॉ अमांडा हार्वे के साथ प्रोफेसर डेवोट की टीम और एक्सेटर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलस स्मिरनॉफ के सहयोग से बनी टीम ने प्लांट हॉर्मोन से उपचारित सिंड्रेला की पत्तियों को जागृत किया। इन पत्तियों में जैस्मोनेट (चमेली में पाया जाने वाला एक पदार्थ जो तनाव के लिए पौधों की प्रतिक्रियाओं को बढ़ाता है) और स्तन कैंसर की कोशिकाओं का प्रवेश कराया।

उन्होंने पाया कि यद्यपि कैंसर कोशिकाएं बढ़ना बंद हो गईं, सामान्य कोशिकाएं अप्रभावित रहीं। उनका रिसर्च और उसका निष्कर्ष बीते सप्ताह पीयर-रिव्यू जर्नल ‘न्यू फाइटोलॉजिस्ट’ में प्रकाशित हुए हैं।

डॉ हार्वे और प्रोफेसर स्मरनॉफ ने कहा, “मेटाबोलिक इंजीनियरिंग और बायो टेक्नोलॉजी में प्रगति को देखते हुए, यह माना जा सकता है कि हमारे इस शोध से औद्योगिक स्तर पर भी बायोएक्टिविटिस के उत्पादन और विश्लेषण की सुविधा होगी।

“हम पौधों पर बेस्ड रसायनों के लिए प्रोफेसर डेवोट के साथ काम और सहयोग को जारी रखेंगे, ताकि स्तन कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ अन्य बीमारियों के लिए भी उपचार खोजा जा सके। उम्मीद है अधिक फण्ड इकट्ठा कर के हम समाज को व्यापक रूप से लाभ पहुंचाने वाली इस रिसर्च को आगे बढ़ा सकेंगे।

तो, ऐसा लगता है कि स्तन कैंसर के इलाज के लिए आशा की एक किरण है। जिसका श्रेय और किसी को नहीं बल्कि सिंड्रेला पौधे को ही जाता है।

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