उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक परेशान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां टैटू बनवान से 14 लोग बीमार हो गए, जबकि दो एचआईवी (HIV positive) संक्रमित हो गए। सूईं के माध्यम से एचआईवी फैलने की ये बड़ी घटना है। जिसकी पुष्टि पीड़ितों की टेस्ट रिपोर्ट में हुई है। अगर आप भी टैटू बनवाने की शौकीन हैं, तो ये खबर आपको भी परेशान कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप एचआईवी के संभावित कारणों और टैटू (HIV from tattoo) से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों (Side effects of tattoo) के बारे में विस्तार से जानें।
आज की मॉडर्न जनरेशन कोई भी ट्रेंड फॉलो करने से पीछे नहीं हटती। लोग आजकल हर वो चीज अपनाना चाहते हैं जो उन्हें मॉडर्न और दूसरों से अलग दिखाने में मदद करे। इसी तरह आजकल टैटू का प्रचलन भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बड़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई टैटू बनवाना पसंद कर रहा है। पर क्या आप जानते हैं कि अनसेफ तरीके से टैटू करवाना आपकी जान भी जोखिम में डाल सकता है!
हाल ही में एक खबर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से सामने आई कि टैटू करवाने के बाद 14 लोग बीमार हो गए। दरअसल, टैटू करवाने के बाद सभी लोग अचानक बीमार पड़ने लगे। सभी टेस्ट नेगेटिव आने पर जब संदेह दूर करने के लिए उनका एचआईवी टेस्ट करवाया गया, तो टैटू कराने वाले दो लोग एचआईवी संक्रमित निकले। टैटू कराने वाले व्यक्तियों में जो बात समान थी वह ये कि सभी ने एक ही जगह से टैटू करवाया था। टैटू बनाने वाले ने शायद एक ही सुई (Niddle) का इस्तेमाल सभी के लिए किया था जिसके कारण सभी संक्रमित हुए।
एचआईवी एक प्रकार का वायरस होता है जिसके कारण व्यक्ति का इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है। इसके फैलने के पीछे इंफेक्टेड व्यक्ति से फिजिकल टच में आना, इंफेक्टेड नीडल उपयोग करना आदि हैं।
टैटू करवाने के लिए सूईं का प्रयोग किया जाता है। अगर टैटू आर्टिस्ट एक ही सूईं को बार-बार दूसरों पर भी उपयोग कर रहा है, और अगर वह सूईं किसी एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति पर उपयोग कर चुकी है, तो इससे अन्य व्यक्तियों में भी यह संक्रमण फैल सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि टैटू बनवाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके लिए इस्तेमाल की जा रही सूईं सेफ और अनयूज्ड है।
1. ब्लडबॉर्न डिजीज
मायो क्लिनिक के अनुसार अगर टैटू बनाने के लिए आपकी त्वचा पर इंफेक्टेड और अनक्लीन नीडल या अन्य चीज का प्रयोग किया जाए, तो इसके कारण आप कई ब्लडबॉर्न डिजीज का शिकार बन सकते हैं। जिसमें हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) शामिल है।
2. एमआरआई रिएक्शन
कई मामलों में पाया गया है कि टैटू या परमानेंट मेकअप के कारण सूजन और जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। मायो क्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार कई बार टैटू भी एमआरआई रिएक्शन का कारण बन जाते हैं। ऐसी स्थति में टैटू पिगमेंट एमआरआई (मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) के अनुसार काम नही कर पाता जिससे सूजन और जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
1. आप टैटू किसी ऐसे व्यक्ति से करवाएं जिसके पास लाइसेंस के साथ कई सालों का अनुभव हो।
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कस्टमाइज़ करें2. ध्यान दें कि टैटू आर्टिस्ट डिस्पोजल और सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखे।
3. टैटू आर्टिस्ट टैटू बनाते वक्त सही इंक और नीडल का प्रयोग करें, यह भी जरूरी है।
4. यह भी जरूरी है कि टैटू करवाने से पहले डॉक्टर से स्किन टेस्ट जरूर करवाएं।
5. अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव है तो डॉक्टर की सलाह पर ही टैटू करवाएं
6. टैटू करवाने के बाद टैटू आर्टिस्ट द्वारा सुझायी गई गाइडलाइंस फॉलो करें।
7. अगर टैटू बनवाने के बाद आपकी त्वचा पर कोई परेशानी होती है, तो त्वचा विशेषज्ञ के पास जाएं या टैटू आर्टिस्ट से बात करें।
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