अनहेल्दी क्रेविंग बढ़ाकर वेट लाॅस मुश्किल बना देता है इन 3 हाॅर्मोन्स का असंतुलन, जानिए इन्हें कैसे बैलेंस करना है

हम सभी यह जानते हैं कि हमारी सेहत के लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। इसके बावजूद हम अनहेल्दी फूड्स के प्रति आकर्षित होते हैं और उन्हें लगातार खाते रहते हैं। इसके पीछे हॉर्मोन्स की भूमिका हो सकती है।
Apni craving ko control kare
मैग्नीशियम युक्त स्लीप सप्लीमेंट लेने से आपको गहरी नींद लेने में मदद मिलती है। चित्र:शटरस्टॉक
संध्या सिंह Updated: 2 Jan 2024, 15:19 pm IST
  • 145

हाॅर्मोन आपके शरीर में कई चीजों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आपके सोने, उठने, काम करने, स्वास्थ्य और यहां तक कि खाने के लिए भी आपके हॉर्मोन आपको प्रेरित करते हैं। हॉर्मोन का संतुलन और असंतुलन दोनों ही आपकी सेहत बहुत गहरे से प्रभावित करता है। आप अपनी सेहत के लिए फिक्रमंद हैं और किसी भी मीठी, नमकीन या ऑयली चीज़ से परहेज करते हैं। इसके बावजूद कभी-कभी क्रेविंंग इतनी ज्यादा बढ़ जाती कि सारे कंट्रोल खत्म हो जाते हैं। आइए जानते हैं उन महत्वपूर्ण हाॅर्मोन्स (Hormones effect on craving) के बारे में जो आपकी वेट लॉस जर्नी को बर्बाद कर देते हैं।

हाॅर्मोन असंतुलन ऐसे खाद्य पदार्थों को न कहना लगभग असंभव बना देते हैं, जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। आइए उन तीन हाॅर्मोनों के बारे में जानें जो आपकी क्रेविंग को प्रभावित करते हैं, और आपको उन्हें नियंत्रित करने के लिए क्या करना है।

इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की डॉ राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी से। उन्होंने सेहत पर हॉर्मोन असंतुलन के प्रभाव और 3 जरूरी हाॅर्मोन के बारे में जानकारी दी।

kaise karein hormone ko santulan

हाॅर्मोन असंतुलन ऐसे खाद्य पदार्थों को न कहना लगभग असंभव बना देते हैं, जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

अनहेल्दी खाने की क्रेविंग के लिए जिम्मेदार हैं इन 3 हाॅर्मोन्स में आया असंतुलन

1 तनाव बढ़ाने वाला कोर्टिसोल हॉर्मोन (Cortisol) 

कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है, इसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। ये हार्मोन एडर्नल ग्लैंड के द्वारा छोड़े जाते हैं, जो आपकी किडनी के ऊपर होते हैं। जब आप अधिक तनाव में होते हैं, तो एडर्नल ग्लैंड कोर्टिसोल छोड़ती हैं (चाहे ये तनाव किसी भी कारण हो रिलेशिनशिप को लेकर या किसी डेडलाइन को लेकर)।

समस्या तब होती है जब वे तनाव दूर नहीं होते। कई लोग अधिक समय तक तनाव का सामना कर रहते हैं। तनाव जितना हावी होता है, जंक फूड के लिए क्रेविंग उतनी ही बढ़ती जाती है।

लगातार उच्च कोर्टिसोल का स्तर आपकी भूख को बढ़ा सकता है और अधिक खाने और वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। हार्मोन शरीर की ऊर्जा बनाए रखने में भी मदद करता है और पेट की जिद्दी चर्बी के लिए जिम्मेदार हो सकता है, जिसे कम करना बहुत मुश्किल होता है।

कोर्टिसोल को कैसे प्रबंधित करें

डॉ राजेश्वरी कहती हैं, “तनाव ऐसी चीज़ नहीं है जिसे हम अपने जीवन से पूरी तरह खत्म कर सकते हैं। इसके बजाय, इससे निपटने का एक तरीका ढूंढना चाहिए। ताकि यह आपके जीवन को ज्यादा प्रभावित न कर पाए। ध्यान लगाने का प्रयास करें, योगाभ्यास शुरू करें, नींद को प्राथमिकता दें और भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैट कै सेवन करें।”

2 भूख बढ़ा देता है लेप्टिन हॉर्मोन (Leptin) 

लेप्टिन एक हार्मोन है जो वसा कोशिकाओं और छोटी आंत मुख्य रूप से एंटरोसाइट्स में मिलता है। यह भूख को दबाकर ऊर्जा संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब आप खाना खाते हैं, तो पेट भरने पर ये हार्मोन आपके मस्तिष्क को संकेत देता है कि पेट भर चुका है और आपको खाना बंद करना चाहिए। लेकिन जब ये संचार ठीक से नहीं चलता है, तो आपके मस्तिष्क तक पेट भरने का संकेत नहीं पहुंच पाता। जिससे आप लगातार खाते रहते हैं और वजन बढ़ जाता है।

लेप्टिन को कैसे बैलेंस करें

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

नींद सामान्य रूप से लेप्टिन के स्तर और भूख का एक महत्वपूर्ण रेगुलेटर है। वेल्ड ग्रेप (Veld grape) जैसी चाजें आपके भूख के हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा पर्याप्त योगा और लाइफस्टाइल को स्वस्थ करके आप अपने भूख के हार्मोन को नियंत्रित कर सकते है।

stress ke karan ho sakti hai craving
तनाव जितना हावी होता है, जंक फूड के लिए क्रेविंग उतनी ही बढ़ती जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3 ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (Glucagon-like peptide-1)

यह एक ऐसा हाॅर्मोन है जो तब उत्पन्न होता है जब भोजन छोटी आंत में प्रवेश करता है और हमारे दिमाग को बताता है कि हमारा पेट भर गया है। यह भूख और तृप्ति की भावनाओं को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 का स्वस्थ स्तर क्रेविंग को कम करने, भोजन का सेवन करते समय सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाने और अधिक खाने से रोकने में मदद कर सकता है। जीवनशैली की खराब आदतें जैसे कम या खराब नींद लेना और मीठा, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाना इसके स्तर को अव्यवस्थित कर देता है और क्रेविंग को बढ़ा देता है।

कैसे करें ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 हाॅर्मोन को संतुलित

अधिक फाइबर विशेष रूप से फर्मेंटिड या प्रीबायोटिक फाइबर खाने से हार्मोन का स्तर बढ़ता है। प्रतिदिन 21-38 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। कुछ उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ (जैसे एवोकाडो, दाल और छोले) आपके आहार में शामिल करें।

ये भी पढ़े- क्या डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं शकरकंद? न्यूट्रीशनिस्ट दे रही हैं इसका जवाब

  • 145
लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

पीरियड ट्रैकर

अपनी माहवारी को ट्रैक करें हेल्थशॉट्स, पीरियड ट्रैकर
के साथ।

ट्रैक करें
अगला लेख