आप अपनी त्वचा की देखभाल कैसे करती हैं, इसका प्रभाव आपकी त्वचा पर दिख सकता है। यदि सही तरीके से स्किन केयर (Skin Care) करती हैं, तो यह दाग-धब्बों से रहित और चमकदार (Glowy Skin) दिख सकती है। कभी-कभार जानकारी के अभाव में हम कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिनके फेस पर साइड इफेक्ट (Side Effects) दिखने लगते हैं। चाहे वह नेचुरल प्रोडक्ट (Natural Beauty Products) ही क्यों न हो। जैसे कि फिटकरी। यह प्रभावशाली ढंग से स्किन केयर करता है, लेकिन जानकारी के अभाव में इसके कुछ साइड इफेक्ट (Alum or Fitkari Side Effects) भी होते हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट बताती हैं, ‘फिटकरी प्रकृति में शुद्ध और अशुद्ध दोनों रूपों में पाया जाने वाला मिनरल है। यह एक मिनरल साल्ट है, जो नेपाल, बिहार, पंजाब और काठियावाड़ क्षेत्र में पाया जाता है। यह एक रंगहीन, गंधहीन, क्रिस्टल मास वाला और मीठे कसैले स्वाद वाला दानेदार पाउडर है। यह भारत के अलावा, मिस्र, इटली, इंग्लैंड और जर्मनी में भी पाया जाता है। इसमें एलूमीनियम, हाइड्रोजन, सल्फर और ऑक्सीजन पाया जाता है।’
डॉ. नीतू भट्ट के अनुसार, स्किन के लिए यह एक एंटीबैक्टीरियल एजेंट (Antibacterial Agent Alum) हो सकता है। इसमें एंटीप्लेटलेट (प्लेटलेट को एक जगह जमा होने से रोकता है) गुण हो सकता है। यह एंटी ओबेसिटी (Anti Obesity Alum), एंटी-हेमोरेजिक एजेंट हो सकता है। यह एंटी इन्फ्लामेटरी, एंटीडैंड्रफ गुण वाला है। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है। फिटकरी का उपयोग त्वचा को साफ़ करने के लिए भी किया जा सकता है।
डॉ. नीतू भट्ट बताती हैं, ‘यदि इस्तेमाल करने का सही तरीका मालूम नहीं हो, तो स्किन पर इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं।’
फिटकरी कोशिकाओं के सिकुड़ने का कारण बनती है। यह त्वचा से आयल सोख सकती है। यह एक्स्ट्रा आयल निकालकर मुंहासों को कम कर सकती है। लेकिन जब यह अत्यधिक नमी सोख लेती है, तो यह स्किन को ड्राई (Dry Skin) कर सकती है।
फिटकरी के प्रति कुछ लोग संवेदनशील होते हैं। स्किन पर प्रयोग से उन्हें खुजली, दानेदार स्किन और लालिमा (Red Rashes) हो सकती है। इसके कारण त्वचा पर पित्ती (red and itching skin) हो सकती है। कुछ लोगों में जीवन-घातक एलर्जी (Life Threatening Reactions) प्रतिक्रिया भी हो सकती है।
फिटकरी के कारण आंख के आसपास तरल पदार्थ (Fluid Accumulation) जमा हो सकता है। इससे आंखों के आसपास की स्किन फूली हुई दिखने लगती है। इसके कारण त्वचा का अल्सर (Skin Ulcer) की संभावना भी बढ़ जाती है।
फिटकरी वाटर रिटेंशन (Alum Causes Water Retention) का कारण बन सकती है। इससे चेहरा फूला हुआ दिख सकता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि खुद से फिटकरी का उपयोग न करें। इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
फिटकरी का उपयोग फिटकरी पाउडर (Alum Powder) या घोल के रूप में किया जा सकता है। यदि आप फेस स्किन या शरीर के किसी भी भाग की स्किन के लिए उपयोग करना चाहती हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें। वे आपकी जरूरत के अनुसार आपको खुराक बतायेंगे।
कोई भी हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले किसी योग्य डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। किसी योग्य चिकित्सक की सलाह के बिना एलोपैथ ट्रीटमेंट के चल रहे उपचार को आयुर्वेदिक या हर्बल उपचार से न बंद करें या न बदलें।
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