मानसून आने पर सभी जगह बारिश होने लगती है। पानी से भीगने और तेज हवा के झोंके से बचने के लिए हम अपने वार्डरोब से रेनकोट और छाते निकाल लेते हैं। ठीक इसी तरह मानसून में हमें अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भी उपाय करना चाहिए। बारिश शुरू होते ही संक्रमण की आशंका अधिक होने लगती है। इसलिए इसे सर्दी और खांसी का मौसम माना जाता है। इसके पीछे इम्यून सिस्टम वीक होना वजह माना जाता है। सबसे पहले जानते हैं कैसे मानसून हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित (Immunity in Monsoon) कर देती है। फिर उसे बूस्ट करने के भी उपाय जानेंगे।
जर्नल ऑफ़ इन्फेक्शन एंड इम्युनिटी (journal of infection and immunity) के अनुसार, मानसून के दौरान हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता विभिन्न कारकों के कारण प्रभावित हो जाती है। वातावरण में ह्यूमिडिटी और नमी बढ़ने से हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और फंगस आसानी से विकसित होने लगते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
लगातार बारिश होने से सड़कों के आसपास या बगीचे में जमा होने वाले पानी में मच्छर पनपने लगते हैं। ये डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के वाहक हो सकते हैं। इन मच्छर जनित बीमारियों के कारण तेज बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द भी हो सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली अवांछित बैक्टीरिया, फंगस, बीमारियों और संक्रमणों के खिलाफ एक सुरक्षात्मक घेरे के रूप में काम करती है। इसलिए जरूरी है कि आप इस मौसम में आप अपनी इम्यूनिटी पर विशेष ध्यान दें।
पौधे-आधारित खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों, विशेष रूप से विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद फाइबर पेट में गुड बैक्टीरिया को पोषण देते हैं। अच्छे बैक्टीरिया प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में मदद करते हैं। विटामिन ए, और ई, फाइबर से भरपूर पालक, ब्रोकोली, एलिसिन से भरपूर लहसुन को अपने आहार में जोड़ें।
शरीर को ऊर्जा पैदा करने, विटामिन को अवशोषित करने और हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए स्वस्थ वसा की जरूरत होती है। स्वस्थ वसा शरीर की रोगज़नक़ों के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को भी बढ़ावा देती है। कृत्रिम ट्रांस वसा और संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें (Avoid Trans Fat and Saturated Fat in Monsoon)।
अपने आहार में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा को शामिल करना चाहिए। ये वसा सूजन-रोधी हैं दिल के लिए भी अच्छे हैं। यह वजन घटाने को भी बढ़ावा देता है। ओलिव ऑयल, एवोकैडो ऑयल, बादाम, मूंगफली, काजू जैसे ड्राई फ्रूट्स, पीनट बटर जैसे मोनोसैचुरेटेड फैट लें। सूरजमुखी, तिल, कद्दू के बीज, अखरोट, फैटी फिश, सोय मिल्क पॉलीअनसैचुरेटेड वसा के स्रोतों में शामिल हैं।
नेचर जर्नल के अनुसार, किण्वित खाद्य पदार्थ पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक से काम करता है। किण्वित खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सहायता करते हैं। अपने आहार में एक छोटा कप दही रोज शामिल करें।
अतिरिक्त चीनी और इसका अत्यधिक सेवन अनावश्यक वजन बढ़ने और मोटापे का प्रमुख कारण है। एक दिन में दो चम्मच से अधिक चीनी न लें। चीनी का सेवन कम करने से वजन और सूजन कम हो सकता है और स्वस्थ हृदय को बढ़ावा देता है। चीनी की बजाय शहद का उपयोग करें।
मध्यम व्यायाम भी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को नियमित रूप से पुनर्जीवित करके प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है। तेज चलना या हल्की जॉगिंग या स्किपिंग भी कर सकती हैं। कुछ स्ट्रेच एक्सरसाइज के साथ पहले से वार्म अप करना न भूलें, ताकि शरीर को दर्द महसूस न हो। अपने शरीर के अनुकूल एक्सरसाइज का चुनाव करें। योगासन भी कर सकती हैं(Yogasana in Monsoon to Boost Immunity)।
नियमित व्यायाम से ब्लड प्रेशर कम होता है। वजन नियंत्रण में रहता है और हृदय संबंधी स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। व्यक्ति को प्रति सप्ताह 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा मजबूत प्रतिरक्षा के लिए पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना (Hydration in Monsoon to Boost Immunity) जरूरी है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का सबसे अच्छा स्रोत है।
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