scorecardresearch

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स से पीड़ित हैं एक्ट्रेस हिना खान, जानिए इस समस्या को आपको कैसे डील करना चाहिए

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज पेट से जुड़ी हुई एक समस्या है। कई लोगों को बहुत बार खाना खाने के बाद या भूखे रहने पर एसिड रिफ्लक्स, अपच या सीने में जलन का अनुभव हो सकता है।
Published On: 15 Mar 2024, 06:17 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
hina khan
एक्ट्रेस हिना खान गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स नाम की एक बीमारी से पीड़ित हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

एक्ट्रेस हिना खान गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स नाम की एक बीमारी से पीड़ित हैं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट करके दी है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक फोटो शेयर की, जिसमें उनकी हथेली में एक खजूर रखा हुआ दिख रहा है। इसके साथ ही उन्होंने एक कैप्शन लिखकर बताया कि उन्हें गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज है। जिसके कारण अगर वो रमजान में रोज़े रखेंगी, तो उनकी हालत और अधिक गंभीर हो सकती है। उन्होंने लिखा कि उनकी माता जी ने कहा है कि अजवा खजूर इसमें मदद कर सकता है। साथ ही उन्होनें लोगों से इसको ठीक करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी मांगे हैं।

क्या है गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (What is Gastroesophageal reflux disease)

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज पेट से जुड़ी हुई एक समस्या है। कई लोगों को बहुत बार खाना खाने के बाद या भूखे रहने पर एसिड रिफ्लक्स, अपच या सीने में जलन का अनुभव हो सकता है। लेकिन क्या इन सभी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों को गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स की समस्या होगी? ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि आप प्रति सप्ताह दो बार से अधिक एसिड रिफ्लक्स लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स हो सकता है।

Gastroesophageal reflux disease
कई लोगों को बहुत बार खाना खाने के बाद या भूखे रहने पर एसिड रिफ्लक्स, अपच या सीने में जलन का अनुभव हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

यह डिजीज तब होती है जब ईसोफैगस (esophagus) में गैस्ट्रिक जूस की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। सोनम सिंह जो कि एक गट, पीसीओएस, थायराइड, वेट लॉस एक्सपर्ट हैं, उन्होंने इसे मैनेज करने के लिए कुछ सुक्षाव दिए हैं।

क्या हैं गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण (Symptoms of Gastroesophageal reflux disease)

इस डिजीज में आपको बार-बार सीने में जलन का सामना करना ही पड़ता है। साथ ही आपको कुछ और दिक्कतें भी हो सकती हैं। जैसे –

मुंह में खट्टा स्वाद
खाना पेट से वापस मुंह में आना
बार-बार डकार आना
दांतों के इनेमल का घिस जाना
सूखी खांसी या गला बार-बार साफ करने की जरूरत महसूस होना
ब्लोटिंग होना
सांस लेने में कठिनाई
अस्थमा की समस्या

 

View this post on Instagram

 

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

A post shared by ???? ???? (@realhinakhan)

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स होने के क्या कारण हो सकते है (Causes of Gastroesophageal reflux disease)

मोटापा या अधिक वजन– बहुत अधिक वजन, विशेष रूप से पेट के आसपास, पेट पर दबाव बढ़ा सकता है और रिफ्लक्स को बढ़ा सकता है।

गर्भावस्था– प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल में बदलाव और पेट पर दबाव बढ़ने से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स के लक्षण दिख सकते हैं।

स्मोकिंग– धुम्रपान एसोफेजियल स्फिंक्टर को कमजोर करता है और पेट में एसिड उत्पादन बढ़ाता है, जिससे रिफ्लक्स की संभावना अधिक होती है।

खाने की खराब आदतें– अधिक भोजन करना, खाने के तुरंत बाद लेट जाना या लेटे रहना, या सोने के समय के करीब खाना खाने से रिफ्लक्स का खतरा बढ़ सकता है।

जानिए कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स को आप कैसे मौनेज कर सकती हैं

1 संयम से और धीरे-धीरे खाएं

जब पेट अत्यधिक भर जाता है, तो ईसोफैगस (esophagus) में रिफ्लक्स बढ़ सकता है। यदि संभव हो, तो अपनी दिनचर्या में ग्रेजिंग (grazing) नामक एक प्रैक्टिस को शामिल करने पर विचार करें। जहां आप तीन बार में अधिक भोजन खाने के बजाय दिन भर में अधिक बार कम भोजन खाते हैं।

Gastroesophageal reflux disease
यह डिजीज तब होती है जब ईसोफैगस में गैस्ट्रिक जूस की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 कुछ खाद्य पदार्थों से बचें

एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित लोगों को केवल फीका खाना ही खाना चाहिए, यह धारणा बिल्कुल गलत है। पहले के समय में शायद लोग ऐसा करते थे, लेकिन आज परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। इसलिए आपको बेस्वाद खाना खाने की बजाय कुछ चीजों को अपने खाने से हटाने के बारे में सोचना चाहिए। पुदीना, वसायुक्त खाद्य पदार्थ, मसालेदार भोजन, टमाटर, प्याज, लहसुन, कॉफी, चाय, चॉकलेट, शराब।

3 खाने के बाद सीध लेटना नहीं है

खाना खाने के बाद खड़े होने या बैठने पर, गुरुत्वाकर्षण पेट के एसिड को वहीं रखने में मदद करता है जहां वह है। सलाह दी जाती है कि सोने से कम से कम तीन घंटे पहले खाना खत्म कर लें, दोपहर के भोजन के तुरंत बाद नैप लेने से बचें और देर रात का खाना या मीड नाइट क्रेविंग से बचें।

4 बहुत अधिक वजन है तो उसे कम करें

अधिक वजन के कारण लोवर एसोफेजियल स्फिंक्टर को सहारा देने वाली मांसपेशियों की संरचना में खिंचाव हो सकता है, जिससे स्फिंक्टर को बंद रखने वाला दबाव कम हो जाता है। इस कमज़ोरी के परिणामस्वरूप रिफ्लक्स और सीने में जलन हो सकती है।

5 खाना खाने के बाद तेजी से न चलें

खाने के बाद कुछ घंटों तक बहुत अधिक मेहनत वाले व्यायाम से बचें। रात के खाने के बाद टहलना ठीक है, लेकिन अधिक ज़ोरदार एक्सरसाइज, खासकर अगर इसमें झुकना शामिल है, तो ये आपके ईसोफैगस में एसिड भेज सकता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख