Workplace Anxiety: वर्कप्लेस एंग्जाइटी से हैं परेशान, तो इन टिप्स को करें अपने रूटीन में शामिल
दिन का अधिकतर समय लोग ऑफिस में बिताते हैं, जिसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक वक्त में कई प्रोजेक्ट असाइन हो जाना और सीनियर्स की बढ़ती एक्सपेक्टेशंस वर्कप्लेस स्ट्रेस लेवल को बढ़ा देता है, जो एंग्जाइटी का कारण बनने लगता है। इसके चलते कुछ लोग शॉर्ट टेम्पर (short temper) हो जाते हैं, तो कुछ सिरदर्द या बदन दर्द की समस्या से दो चार रहते हैं। घर की अनगिनत जिम्मेदारियों के साथ ऑफिस का दिनों दिन बढ़ने वाला स्ट्रेस महिलाओं में अधिकतर वर्कप्लेस एंग्जाइटी (Workplace anxiety) का कारण साबित होता है। अगर आप भी ऐसी स्थिति में खुद को हेल्पलेस महसूस कर रही हैं, तो जीवनशैली में बदलाव लाना आवश्यक है। जानते हैं, वो टिप्स जिनकी मदद से वर्कप्लेस एंग्जाइटी को किया जा सकता है दूर (Tips to deal with workplace anxiety
)।
इस बारे में बातचीत करते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि वर्कप्लेस एंग्ज़ाइटी के कारण लोग अक्सर काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं और नकारात्मक विचारों से घिर जाते हैं। खुद को इस समस्या से बाहर निकालने के लिए अपने लक्ष्य को निर्धारित करें और मेंटल हेल्थ को उचित बनाए रखने के लिए नकारात्मकता के प्रभाव से दूर रहें। खुद को सेल्फ मोटिवेट करें और कार्यक्षेत्र में आने वाली छोटी मोटी समस्याओं को चुनौती के रूप में स्वीकार करके आगे बढ़ने का प्रयास करें। कई बार कम्युनिकेशन गैप भी वर्कप्लेस एंग्ज़ाइटी (Workplace anxiety) को बढ़ा देता है। ऐसे में बातचीत करके किसी भी समस्या को सुलझाने की दिशा में अवश्य कार्य करना चाहिए।
इन टिप्स की मदद से वर्कप्लेस एंग्जाइटी करें दूर (Tips to deal with workplace anxiety)
1. टाइम मैनेजमेंट है ज़रूरी
अगर आप अपने कार्यों को समय से पूरा कर लेती है, तो आपकी आधी चिंताएं खुद ब खुद खत्म होने लगती है। दरअसल, लोग अपना अधिकतर समय सोशल मीडिया पर विताते हैं, जिसका असर वर्क पर रिफलेक्ट होने लगता है। ऐसे में असाइन किए हुए टास्क को डेडलाइन का इंतज़ार किए बगैर समय से पहले खत्म करने की कोशिश करें।
2. सोशल एंगेजमेंटस बढ़ाएं
वे लोग जो अधिकतर समय अकेले बिताते हैं, उनमें मायूसी और उदासी बढ़ने की संभावना बढ़ने लगती है। ऐसे में दोस्तों के साथ समय बिताना शुरू करें। इससे मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है और आपका नेचर फ्रेंडली होने लगता है। दोस्तों के साथ घूमे फिरें और क्वालिटी टाइम स्पैंण्ड करें।
3. निगेटिव सेल्फ टॉक से बचें
कई बार हु खुद को इतना कमज़ोर मान लेते हैं और अपने आप से शिकायतें इस कदर बढ़ जाती हैं कि निगेटिव सेल्फ टॉक करने लगते हैं। अपनी खूबियों को पहचानें और छोटी छोटी सफलताओं को भी सेलिब्रेट करना शुरू करें। इससे सेल्फ कॉफिडेंस बढ़ने लगता है, जिससे आप जीवन में सफलता आसानी से हासिल कर सकते हैं।
4. टॉक्सिक कोवर्कर्स से दूरी बनाकर चलें
हर वर्कप्लेस पर कुछ लोग ऐसे भी मिलते ही, जिनकी सोच पूरी तरह से नकारात्मक होती है। ऐसे लोगों से डिस्टेंस मेंटेन करके रखें। उनकी संगत में रहने से वे आपको आपके मार्ग से भटकाने का काम करने लगते हैं। इससे आप अपने लक्ष्य से पिछड़ जाते हैं और एंग्ज़ाइटी (Workplace anxiety) का शिकार होने लगते हैं।
4. एक्सरसाइज़ को न करें इग्नोर
सर्दियों के मौसम में लोग वकआउट को अक्सर स्किप कर देते है। इसके चलते न केवल आप वेटगेन का शिकार हो जाते हैं बल्कि इससे मेंटल हेल्थ (mental health) भी प्रभावित होती है। हर पल रिलैक्स रहने वाले लोग एक्सरसाइज़ न करने से तनाव का शिकार होने लगते हैं। नियमित एक्सरसाइज़ से शरीर फिट रहता है और रक्त का स्त्राव भी उचित बना रहता है। ऐसे में खुद को एंग्ज़ाइटी (Workplace anxiety) की समस्या से बचाने के लिए एक्सरसाइज़ करना न भूलें।
5. भरपूर नींद लें
रात में 8 से 10 घण्टे की नींद व्यक्ति के दिमाग को रिलैक्स रखने में मदद करती है। ऐसे में पूरी नींद लें और नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सोने से कुछ देर पहले फोन का इस्तेमाल करने से बचें। इससे नींद न आने की समस्या को हल किया जा सकता है। स्लीन पैटर्न बनाने से काम की क्वालिटी भी बढ़ने लगती है।
ये भी पढ़ें- खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, खराब नींद भी कर सकती भी बन सकती है हृदय रोग का कारण