टॉक्सिक बिहेवियर (toxic behavior) को ज्यादातर लोग फिजिकल एब्यूज समझते हैं। क्या आपको भी ऐसा ही लगता है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अपनी डे टू डे लाइफ में हम सभी कई ऐसे लोगों से मिलते हैं, जिनका बिहेवियर बेहद टॉक्सिक होता है, परंतु हम उसे नॉर्मल बिहेवियर मान चुके हैं। हालांकि, हमारे मान लेने से चीजें नार्मल नहीं हो जाती, वहीं ऐसे व्यवहार का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
पर्सनल डेवलपमेंट कोच मानिक कौर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए ऐसे 5 टॉक्सिक बिहेवियर बताए हैं, जिन्हें हम आम तौर पर नॉर्मल समझ लेते हैं। तो यदि आपके साथ कोई व्यक्ति ऐसा व्यवहार (toxic behavior) रख रहा है, या आप किसी के साथ ऐसा करते हैं, तो यह टॉक्सिक है इसपर फौरन काम शुरू करें।
आजकल दूसरों का मजाक बनाना लोगों के लिए बिल्कुल नॉर्मल हो गया है। फैमिली, फ्रेंड्स यहां तक की स्ट्रेंजर्स भी बिना सोचे समझें किसी का भी मजाक बना देते हैं। हालांकि, हो सकता है सामने वाले का इंटेंशन आपको हर्ट करना न हो, परंतु कौन सी बात कब किसको बुरी लग जाए और उन जोक्स का व्यक्ति के मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है, इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते हैं। लोगों पर जोक्स बनाना, उनके अपीयरेंस को लेकर मजाक बनाना, उनके लैंग्वेज पर टिप्पणी देना, आदि यह सभी टॉक्सिक बिहेवियर में शामिल है। इन्हें नॉर्मलाइज न करें इससे दूसरों की भावनाओं को चोट पहुंच सकती है।
कई लोग सेल्फ लव के नाम पर बेहद सेल्फिश होते जाते हैं, ऐसे लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं और दूसरों की भावनाओं को लगातार ठेस पहुंचाते रहते हैं। सेल्फ लव का मतलब यह नहीं होता कि आप दूसरों की भावनाओं की कदर करना छोड़ दें। यदि कोई व्यक्ति आपको नुकसान पहुंचा रहा है, आपकी भावनाओं का मजाक बना रहा है, तो जाहिर सी बात है आपको उनसे पहले खुद के बारे में सोचना चाहिए।
पर बेफिजूल में सेल्फ लव के पीछे छिप कर अपने फैमिली, फ्रेंड्स और पार्टनर को हर्ट करना एक टॉक्सिक बिहेवियर है। यदि आपके आसपास कोई ऐसा करता है, या आप स्वयं ऐसा कर रही हैं तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें।
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बहुत से लोग खुद को स्ट्रेट दिखाने के लिए सामने वाले व्यक्ति की भावनाओं की कदर किए बिना उन्हें कुछ भी कह देते हैं। हालांकि, ऑनेस्ट और स्ट्रेट होने में कोई बुराई नहीं है, परंतु यदि यह स्वभाव दूसरों को बेवजह हर्ट कर रहा है, तो यह उचित नहीं है। हर बात को कहने का एक सही समय और तरीका होता है, अगर इसे फॉलो करते हुए किसी भी बात को सामने वाले व्यक्ति से कहा जाए तो यह ज्यादा उचित रहेगा।
दूसरों के साथ रूड होना, उनकी भावनाओं की कदर न करना, यह सभी टॉक्सिक बिहेवियर में शामिल है। वहीं इसे हमने नॉर्मल बना दिया है, साथ ही हम सभी कहीं न कहीं इसे अप्रिशिएट भी करते हैं। यदि आप ऐसा कुछ भी अनुभव कर रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें।
बहुत से लोग अपनी एरोगेंसी को कॉन्फिडेंट समझते हैं। ऐसे लोगों को लगता है, कि किसी बात को लेकर दूसरों के साथ बत्तमीजी करना, ऊंचे आवाज में बात करना, लोगों को रिस्पेक्ट न करने से वे अधिक कॉन्फिडेंट दिखेंगे, परंतु यह स्वभाव एरोगेंट है न कि कॉन्फिडेंट। इस एरोगेंट कॉन्फिडेंस की वजह से दूसरों की भावनाओं को चोट पहुंच सकती है, इसके अलावा सामने वाला व्यक्ति खुलकर अपनी बात को प्रकट नहीं कर पाता।
यदि आपके साथ भी कोई ऐसा कर रहा है, तो इस पर फौरन रोक लगाएं क्योंकि ऐसा बर्ताव बेहद टॉक्सिक होता है, और आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
ऊपर बताए गए टॉक्सिक बिहेवियर वाले व्यक्तियों में सबसे टॉक्सिक बात यह होती है, कि वे अपने उन व्यवहारों को लोगों पर थोपना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि लोग उनके टॉक्सिक बिहेवियर को नॉर्मल समझे और उसे अपना लें। यदि आप ऐसे लोगों को कुछ भी बताने तथा समझने की कोशिश करती है, तो वे उल्टा आपको मैनिपुलेट करना शुरू कर देते हैं। ऐसे व्यक्ति बेहद डोमिनेटिंग हो सकते हैं, जिनसे बचना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
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