फ्रोजन शोल्डर है दर्दनाक स्थिति, इन 4 एक्सरसाइज के अभ्यास से मिलेगी राहत

फ्रोजन शोल्डर एक ऐसी स्थिति है जो कंधे में किसी चोट या उम्र बढ़ने के साथ हो सकती है। इस स्थिति में आपको भयंकर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हम यहां उससे निपटने के उपाय बता रहे हैं।
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इससे दर्द होता है और कंधे की मूवमेंट करने में परेशानी होती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 15 Jan 2024, 08:00 am IST
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फ्रोजन शोल्डर जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपका एक या दोनों कंधे इस तरह अकड़ जाते हैं कि लगता है वे जम गए हैं। इसमें कंधे में मूवमेंट कम हो जाती है। जिससे आपके लिए अपने डेली रुटीन वर्क को करना भी मुश्किल हो जाता है। इस दर्दनाक स्थिति से उबरने के लिए चलिए इसके कारणों के बारे में जानते हैं।

समझिए क्यों होता है फ्रोजन शोल्डर

फोर्टिस अस्पताल, वाशी में ऑर्थोपेडिक्स और रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन के निदेशक डॉ. प्रमोद भोर बताते हैं कि फ्रोजन शोल्डर, जिसे एडहेसिव कैप्सुलिटिस या शोल्डर की सिकुड़न भी कहा जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है जहां सिनोवियल मेंमबरेन (एक नरम ऊतक जो कंधे के जोड़ के चारों ओर एक सुरक्षात्मक कैप्सूल बनाता है) सूज जाता है। यह मोटा होकर सिकुड़ जाता है। ये ऊतक स्कार बन जाते हैं, जिससे ऊपरी बांह को घूमने के लिए कम जगह मिलती है।

इससे दर्द होता है और कंधे की मूवमेंट करने में परेशानी होती है। यह अक्सर उन लोगों में होता है, जिन्हें अन्य सूजन संबंधी समस्याएं होती हैं। अन्य लोगों में चोट या लंबे समय से किसी मूवमेंट के न होने, जैसे कि दर्दनाक चोट या सर्जरी के बाद, फ्रोजन शोल्डर हो सकता है।

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यह अक्सर उन लोगों में होता है, जिन्हें अन्य सूजन संबंधी समस्याएं होती हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

फ्रोजन शोल्डर के शुरुआती लक्षण क्या है

इसके लंक्षणों को पूरी तरह से सामने आने में 2 साल तक का समय लग सकता है, लेकिन इसके कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं –

बिना किसी चोट के कंधो में दर्द होने लगता है।

हाथों को सिर के ऊपर उठाने में दर्द होने लगता है।

हाथ को शरीर के पार फैलाने या पीठ के पीछे तक ले जाने में कठिनाई होने लगती है।

सामान्य अकड़न भी हो सकती है। जिससे आपको हाथों और भूजाओं को हिलाने में दिक्कत हो सकती है।

यहां हैं वे एक्सरसाइज जो फ्रोजन शोल्डर को ठीक करने में आपकी मदद कर सकती हैं (exercises to deal with frozen shoulder)

1 स्पाइन फ्लेक्सन

किसी समतल सतह पर लेटें, जैसे थेरेपी टेबल। अपने पैर सीधे रखें, इससे आपके शरीर की एक सीधी रेखा बनेगी।

बाजुओं को शरीर के किनारों पर आराम दें।

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एक हाथ की मदद से अपने फ्रोजन शोल्डर वाले हाथ को हवा में सीधा उठाएं और पीछे की ओर फर्श पर ले जाएं। सही वाला हाथ को दूसरे हाथ की कोहनी पर रखें और पीछे ढकेलें।

2 टॉवल स्ट्रेच

तीन फुट लंबे तौलिये का एक सिरा अपनी पीठ के पीछे रखें और दूसरे हाथ से विपरीत सिरे को पकड़ें।

तौलिये को तिरछा करके पकड़ें। प्रभावित बांह को ऊपर की ओर खींचने के लिए अपनी सही भुजा का उपयोग करें।

इसे आप एक एडवांस तकनीक के आधार पर भी कर सकते है।

तौलिये के निचले हिस्से को प्रभावित हाथ से पकड़ें और अप्रभावित हाथ से इसे पीठ के निचले हिस्से की ओर खींचें।

ऐसा दिन में 10 से 20 बार करें।

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मांसपेशियों स्ट्रेच करने से मिलते हैं बहुत लाभ। चित्र : शटरस्टॉक

3 क्रॉस-बॉडी करना

आप इस एक्सरसाइज को करने के लिए बैठे या खड़े रहें।

अपनी प्रभावित भुजा को कोहनी से ऊपर उठाने के लिए अपनी अच्छी भुजा का उपयोग करें, और कंधे को फैलाने के लिए हल्का दबाव डालते हुए इसे अपने शरीर के ऊपर लाएं।

15 से 20 सेकंड तक स्ट्रेच बनाए रखें। ऐसा प्रतिदिन 10 से 20 बार करें।

4 आर्मपिट स्ट्रेच

अपनी अच्छी भुजा का उपयोग करते हुए, प्रभावित भुजा को कंधे की ऊंचाई वाले शेल्फ पर उठाएं।

आर्मपिट को खोलते हुए धीरे से अपने घुटनों को मोड़ें। अपने घुटने को थोड़ा गहरा मोड़ें, धीरे से आर्मपिट को फैलाएं और फिर सीधा करें।

प्रत्येक घुटने को मोड़ने के साथ, थोड़ा और आगे खींचें, लेकिन इसे जबरदस्ती न करें।

ऐसा हर दिन 10 से 20 बार करें।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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