‘मॉइस्चराइजर की जरूरत तो सर्दियों में होती है’- अगर आप भी यह मानती हैं तो आप अपनी स्किन को बहुत नुकसान पहुंचा रही हैं। मॉइस्चराइजिंग सिर्फ चेहरे के लिए ही नहीं, पूरे शरीर की त्वचा के लिए आवश्यक है।
हार्वर्ड हेल्थ स्कूल की 2008 की स्टडी बताती है क्यों मॉइस्चराइजर हर मौसम में हमारी त्वचा का बेस्ट फ्रेंड है। स्टडी के अनुसार मॉइस्चराइजर में 60 प्रतिशत पानी होता है और बाकी फैटी अल्कोहल, जो नमी को स्किन पर होल्ड करके रखता है। इसके अलावा अधिकांश मॉइस्चराइजर में विटामिन ई, ग्लिसरीन और विटामिन सी भी होता है।
ज्यादातर लोग मानते हैं कि तेल की कमी से स्किन ड्राई होने लगती है और क्रीम, लोशन इत्यादि त्वचा को ऑयली बनाते हैं। जबकि यह धारणा गलत है। त्वचा ड्राई पानी की कमी से होती है। और मॉइस्चराइजर त्वचा को हाइड्रेट करते हैं। हालांकि उनमें ऑयल भी होता है जो त्वचा के ऊपर परत बना लेता है। लेकिन कोई भी लोशन या मॉइस्चराइजर त्वचा को ऑयली नहीं बनाता।
यह तो आप जानती ही होंगी कि हमारी त्वचा नए सेल्स बनाती है और मृत सेल्स को रिमूव करती है। हमारी गर्दन, चेहरे और कान की स्किन बाकी शरीर से ज्यादा कोमल होती है, क्योंकि हर महीने यह स्किन बदलती है। मॉइस्चराइज करने पर स्किन रिपेयर जल्दी होता है, जिससे नए सेल्स जल्दी बनते हैं।
यह आपकी स्किन को लम्बे समय तक जवान रखता है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी के शोध के अनुसार ड्राई स्किन में झुर्रियां जल्दी आती हैं। रूखी त्वचा जल्दी डैमेज होती है और खिंचाव पड़ने पर टिश्यू डैमेज हो जाते हैं।
अगर आप नियमित रूप से त्वचा को मॉइस्चराइज करती हैं, तो आप झुर्रियों को दो से पांच साल तक डिले कर सकती हैं।
अगर आपके चेहरे पर ब्लेमिशेस या दाग धब्बे हैं तो आपको सुबह और शाम स्किन को मॉइस्चराइज करना चाहिए। जैसा कि हमने बताया मॉइस्चराइजर स्किन को हील और रिपेयर करने में सहायक होता है, जिससे दाग-धब्बे कम होते हैं।
ड्राई स्किन फ्रिक्शन के कारण आसानी से डैमेज हो जाती है। इस रगड़ने और कटने के कारण बैक्टीरिया इंफेक्शन आसानी से हो सकता है। स्किन इंफेक्शन के साथ साथ रैशेस भी रूखी स्किन में होते हैं।
त्वचा को मॉइस्चराइज करने से इन्फेक्शन का खतरा कम होता है और त्वचा स्वस्थ रहती है।
हर स्किन टाइप के लिए मॉइस्चराइजर जरूरी है, लेकिन एक ही प्रकार का मॉइस्चराइजर हर स्किन के लिए सही नहीं होता।
ड्राई स्किन के लिये क्रीम बेहतर उपाय होता है, क्योंकि यह गाढ़ी होती है जो नमी को लॉक करती है। वैज्ञानिक भाषा में क्रीम को वॉटर इन ऑयल मिक्सचर कहा जाता है। क्योंकि इसमें पानी कम और फैटी अल्कोहल ज्यादा होती हैं।
ऑयली स्किन के लिए लोशन का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि उसमें पानी की मात्रा ज्यादा और फैटी अल्कोहल कम होती है। यह नमी प्रदान करते हैं, लेकिन त्वचा को चिकना नहीं बनाते।
सेंसिटिव स्किन है तो हाइपोएलर्जेनिक मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
ज्यादातर ब्रांड्स सर्दी और गर्मी के लिए अलग-अलग मॉइस्चराइजर बनाती हैं, जिसे आप चुन सकती हैं। गर्मियों के लिए बनाए लोशन में ऑयल कंटेन्ट कम होता है और एसपीएफ होता है जिससे आपको सनस्क्रीन अलग से नहीं लगानी पड़ती। सर्दियों के लिए बने लोशन में ऑयल ज्यादा होता है क्योंकि सर्दियों में त्वचा ज्यादा रूखी हो जाती है।
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कस्टमाइज़ करेंआप अपनी स्किन टाइप और जरूरत के अनुसार मॉइस्चराइजर चुन सकती हैं। लेकिन इसे स्किप कभी ना करें।