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दूर होने से रिश्ते खत्म नहीं होते, जानिए सेपरेशन एंग्जाइटी को कैसे डील करना है

बच्चे होस्टल जा रहे हैं या पार्टनर का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया है, वजह कोई भी हो सकती है, पर अपनों से बिछड़ना थोड़ा तनाव तो देता ही है। पर इसे एंग्जाइटी न बनने दें।
अपनों से अलग होने की चिंता व डर को सेपरेशन एंग्ज़ाइटी कहा जाता है। चित्र: शटरस्टॉक।
ज्योति सोही Published: 11 Jan 2024, 20:00 pm IST
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क्या आप जानते हैंं कि किसी अपने से अलग होने का ख्याल भी व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। जी हां, कभी न कभी हर व्यक्ति जीवन में ऐसे दौर से होकर गुज़रता है, जहां वो किसी के इतना करीब हो जाता है कि उससे दूर होने का ख्याल भी डर का कारण बनने लगता है। दरअसल, कई कारणों से व्यक्ति के मन में बार-बार किसी अपने से बिछड़ने का ख्याल आने लगता है, जिससे तनाव बढ़ने लगता है। असल में कोई ऐसा जो दिल से आपके बेहद करीब हो और आप हर प्रकार के कार्य के लिए उस पर निर्भर होने लगें, तो उससे दूर जाने की सोच भी आपको परेशान करने लगती है। मनोविज्ञान में इस भावना को सेपरेशन एंग्जाइटी कहा जाता है। आइए जानते हैं इसे डील करने के उपाय (tips to deal separation anxiety)।

सेपरेशन एंग्ज़ाइटी किसे कहते हैं

सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ आरती आनंद का कहना है कि अपनों से अलग होने की चिंता व डर को सेपरेशन एंग्ज़ाइटी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति को हर पल किसी अपने से बिछड़ने या खोने का भय सताता है, जिससे अलगाव की चिंता बढ़ने लगती है। जैसे बच्चों में माता-पिता से बिछड़ने का डर, पार्टनर से दूर होने का भय और किसी पालतू के चले जाने की चिंता से व्यक्ति ग्रस्त हो जाता है। सेपरेशन एंग्ज़ाइटी के चलते मेंटल हेल्थ प्रभावित होने के साथ शारीरिक लक्षण भी दिखने लगते हैं।

वे लोग जो सेपरेशन एंग्ज़ाइटी के शिकार हैं, उनमें इस समस्या के अलग-अलग लक्षण नज़र आते हैं। कोई व्यक्ति हर पल किसी व्यक्ति विशेष की यादों में खोया रहता है, तो कोई सिर दर्द व उल्टी जैसी समस्या का शिकार होने लगता है।

जानते हैं सेपरेशन एंग्ज़ाइटी से निपटने के लिए किन टिप्स को फॉलो करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति में नज़र आने वाले लक्षण

डरावने सपने आना और हर पल परेशान रहना

किसी भी जगह अकेले जाने से कतराना और हर वक्त भय में रहना

पेट दर्द, उल्टी और सिरदर्द की समस्या से जूझना और शरीर में कमज़ोरी महसूस करना

किसी काम में मन न लगना और प्रोडक्टिविटी पर उसका असर दिखना

हर पल गुस्से में रहना और बात-बात पर रोना व व्यवहार में चिड़चिड़ापन बढ़ जाना।

जानते हैं सेपरेशन एंग्ज़ाइटी से निपटने के लिए किन टिप्स को फॉलो करें

1. दूसरों पर निर्भर न हो

जब आप हर कार्य दूसरों की मर्जी और उनके साथ के बिना नहीं करते हैं, तो आपके अंदर आत्मविश्वास कम होने लगता है। दरअसल, आप हर कार्य के लिए पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर रहने लगते हैं। इसके चलते अकेलेपन की चिंता आपके मन में बढ़ने लगती है। मन ही मन अकेले रह जाने के ख्याल से भी आप डर जाते हैं। ऐसे में दूसरों पर निर्भरता को कम कर दें।

2. सेल्फ लव है ज़रूरी

बहुत से लोग ऐसे हैं, जो दूसरों के अनुसार और उनके लिए ही अपने जीवन को जीने लगते है। इससे खुद पर ध्यान देने के लिए वक्त नहीं मिल पाता है, जिसके चलते ऐसे व्यक्ति अपनी पहचान नहीं बना पाते हैं। किसी रिश्ते में होने के बावजूद भी सेल्फ लव और सेल्फ केयर बहुत ज़रूरी है। इससे जीवन में किसी भी व्यक्ति के आने या जाने से आपका जीवन अपनी गति से चलता रहेगा और आप तनाव से ग्रस्त नहीं होंगे।

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3. हर वक्त मन में एक ही व्यक्ति के बारे में न सोचें

अगर कोई व्यक्ति आपके बेहद करीब है, तो हर पल उसी के बारे में सोचना और हर छोटी छोटी बात को उससे डिस्कस करना जीवन को तनावपूर्ण बना सकता है। अगर आपका पार्टनर आपसे सेपरेट हो चुका है, तो उसके बारे में हर पल सोचने से वर्क प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है और आप जीवन में आगे बढ़कर अपने लक्ष्य को नहीं पा सकते हैं।

असंतुलित भावनाएं बन सकती है परेशानी का कारण। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. योग व मेडिटेशन के लिए समय निकालें

सामाजिक चिंताओं और बंधनों से खुद को मुक्त करने के लिए योग और मेडिटेशन एक बेहतरीन विकल्प है। इससे मन में उठने वाले विचार और चिंताएं दूर हो जाती है। व्यक्ति के अंदर एनर्जी का स्तर बढ़ता है और मेंटल हेल्थ को फायदा मिलता है। कुछ देर योग से शरीर में हैप्प्ी हार्मोन रिलीज़ होने लगते हैं, जो किसी भी प्रकार के डर से जूझने में मददगार साबित होता है।

5. एक्सपर्ट से लें सलाह

किसी अपने से दूर होने के कारण अगर आप लगतार तनाव में हैं और सेपरेशन एंग्ज़ाइटी से उबर नहीं पा रहे हैं, तो किसी एक्सपर्ट की सलाह लें। इससे स्वास्थ्य पर दिखने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। साथ ही मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में भी मदद मिलती है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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