क्या बिना दवाओं के अवसाद से बाहर आना संभव है? जवाब है हां
अवसाद (depression) वर्तमान समय की एक आम मानसिक परेशानी है। पारिवारिक जिम्मेदारी, काम का बोझ, सोशल मीडिया के कारण आपसी संबंधों में दूरी, अनियमित नींद, जल्दी सफलता पाने की आकांक्षा, खराब डाइट, आदि ऐसे कई कारण हैं जो अवसाद जैसी मानसिक बीमारी को जन्म दे सकते हैं। यह किसी भी उम्र और लिंग के व्यक्ति को हो सकता हैं।
ऐसे में कई लोग मनोचिकित्सक की सहायता लेते हैं। कई थेरपी और काउंसलिंग सेशन के लिए जाते हैं और साथ में दवाओं का भी सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप बिना दवाओं की मदद के डिप्रेशन से बाहर आ सकते हैं? जी हां, ऐसा संभव हो सकता हैं। अगर आपका डिप्रेशन बहुत गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचा है, तो बिना दवाओं के भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। हम बता रहें हैं कुछ मुख्य दैनिक बदलाव के बारे में जो आपको अवसाद की स्थति से बाहर निकाल सकता हैं।
पहले समझिए डिप्रेशन के आम लक्षण
डिप्रेशन कई प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन लक्षणों की संख्या और तीव्रता इसे जानने में सहायता करती हैं। अवसाद (depression) के कुछ सामान्य लक्षण हैं:
- बहुत आलस्य महसूस होना।
- भीड़ या शोर से बेचैनी होना।
- दिन भर खासकर सुबह उदासी होना।
- अनियमित नींद का अनुभव होना।
- बहुत नकारात्मक विचार आना।
- स्वयं को किसी काम के लायक ना समझना।
- अचानक बहुत वजन घटना या बढ़ जाना।
- मृत्यु या आत्महत्या जैसे विचार आना।
यदि किसी व्यक्ति को इनमें से 5 लक्षण हफ्ते में कम से कम 2 बार अनुभव हो रहें हैं, तो यह डिप्रेशन का संकेत हैं।
क्यों डिप्रेशन में दवा लेने से बचते हैं लोग?
कई लोग इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए विभिन्न दवाओं की सहायता लेते हैं। जबकि कुछ इन दवाओं से घबराते हैं। असल में ये एंटीडिप्रेससेन्ट (anti-depressant) दवाएं आपका पूरा जीवन बदल सकती हैं। मगर इनके कुछ स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव भी होते हैं। एंटीडिप्रेसन्ट का सेवन आपको अपच और पेट दर्द, दस्त या कब्ज, भूख में कमी, सिर चकराना, अच्छी नींद न आना या बहुत नींद आना, सिर दर्द, कम सेक्स ड्राइव जैसी परेशनियां दे सकती हैं।
डिप्रेशन के लक्षणों को दूर करने के लिए दूसरे तरीके भी हैं, जिन्हें अपनाया जा सकता हैं। अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र को बिना दवाओं के अवसाद से बाहर लाना चाहती हैं, तो इन महत्वपूर्ण बातों का याद रखें।
बिना दवा के अवसाद से बाहर आने के लिए कुछ जरूरी उपाय
डिप्रेशन जैसी परेशानी का इलाज बहुत गंभीरता से करना चाहिए। इसके कई इलाज हैं, लेकिन व्यक्ति को अपने मन से कोई उपाय नहीं करना चाहिए। कोई भी कदम उठाने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कुछ सेल्फ-हेल्प तारीके और थेरपी सेशन आपके अवसाद को दूर कर सकते हैं। कुछ दैनिक आदतों में बदलाव भी इससे बचा सकता हैं जैसे:
1. नियमित और अच्छी नींद
अच्छी नींद और व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है, तो वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाता हैं। इसलिए अवसाद के मरीज को भरपूर नींद की आवश्यकता होती हैं। इसके लिए आप अपने कमरे का माहौल अच्छा रखें, बिस्तर को स्वच्छ और आस-पास के गैजेट्स को बंद कर दें। इतना ही नहीं नियमित नींद के लिए सोने और उठने का वक्त निश्चित रखें। इसके लिए आप अलार्म की सहायता ले सकते हैं।
2. थोड़ी मात्रा में कैफीन का सेवन
सोडा, कॉफी, चाय या चॉकलेट सब में काफीन मौजूद होता हैं। कैफीन का सेवन आपको अवसाद की परेशानी से बचा सकता हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसे ज्यादा मात्रा या देर रात को सेवन न करें। इसकी आदत लगना भी स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता हैं। इसलिए लक्षणों के कम होने के साथ इसे धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें।
3. विटामिन डी
कई शोधों के अनुसार विटामिन डी की कमी व्यक्ति में डिप्रेशन का कारण बनती हैं। आपके दिन भर के आहार और दिनचर्या में यदि विटामिन डी की जरूरत पूरी नहीं हो पाती हैं, तो यह डिप्रेशन का कारण बन सकता हैं। इसके लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में धूप और विटामिन डी युक्त आहार का सेवन करें। जरूरत पड़ने पर आप इसके सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं।
4. रोज व्यायाम करना
व्यायाम का मतलब केवल कार्डियो या थकान वाले एक्सरसाइज नहीं होते हैं। आप रोजाना आधे घंटे लो इन्टेन्सिटी वर्कआउट भी कर सकते हैं। इससे आपके मानसिक और शारीरिक विकास में मदद मिलेगी। ताजी हवा और धूप आपको पूरे दिन फ्रेश रहने में सहायता करेंगे। ऐसा करने से डिप्रेशन का जोखिम कम होता हैं। शारीरिक गतिविधि अवसाद से बचाव और बाहर निकलने में कारगर हैं। यह डिप्रेशन के कारण होने वाली थकान को दूर कर आपको ऊर्जावान महसूस करवा सकता हैं।
डाइट में करें ये जरूरी बदलाव
आप जो खाते हैं वो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता हैं। एक संतुलित आहार का सेवन आपको डिप्रेशन से बचा सकता हैं। आपका आहार फ़ाइबर, विटामिन, मिनेरल, आदि से भरपूर होना चाहिए। इसके अलावा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन कम करें। कुछ खाद्य पदार्थ जो अवसाद से बचाव में मदद कर सकता हैं:
1. मछली:
अध्ययन के अनुसार, जो व्यक्ति हाई फिश डाइट का पालन करता हैं उनमें डिप्रेशन का जोखिम कम रहता हैं। मछली ओमेगा-3 फैटी ऐसिड से भरपूर होता हैं जो ब्रेन में सेरोटोनिन (serotonin) नामक केमिकल के उत्पादन में मदद करता हैं।
2. नट्स:
नट्स भी ओमेगा-3 का एक अच्छा स्त्रोत हैं। एक अध्ययन द्वारा यह पता चल हैं कि जो व्यक्ति रोजाना अखरोट का सेवन करते हैं उनमे डिप्रेशन होने का जोखिम 26% तक कम रहता हैं।
3. प्रोबायोटिक्स:
प्रोबायोटिक्स युक्त आहार जैसे दही, फल, सब्जियां आपको डिप्रेशन से बचा सकती हैं। शोध के अनुसार यह खाद्य पदार्थ आपके मेंटल हेल्थ को स्वस्थ रखते हैं। इन्हे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
तो लेडीज, अवसाद जैसी मुश्किल बीमारी से लड़ने के लिए दवा की जगह अपने दैनिक जीवन में छोटे जरूरी बदलाव करें।
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