किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में बंधना जो नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का शिकार हो बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे लोगों का व्यवहार बेहद सेल्फ सेंटर्ड रहता है। वे अपने पार्टनर की जरूरतों और भावनाओं को अहमियत देने की जगह अपनी प्रशंसा करते हैं। ऐसे रिश्ते से गुज़र रहे गैर नार्सिसिस्टिक पार्टनर अक्सर अपने साथी का ध्यान खुद की ओर केंद्रित करने की कोशिश में जुटे रहते हैं। मगर उन्हे न सिर्फ रेसिप्रोसिटी यानि पारस्परिकता की कमी से जूझना पड़ता है बल्कि बातचीत में भी कई चैलेंजिज़ का सामना करना पड़ता है।
रिश्ते में किसी नार्सिसिस्ट व्यक्ति के साथ रहने के कारण इमोशनल इंटिमेसी की कमी महसूस होती है। इसके चलते वे अपने साथी को अपने जीवन में आवश्यक और मूल्यवान महसूस करवाने में असमर्थ साबित होते हैं। नार्सिसिस्टिक व्यक्ति अपने फायदे के लिए दूसरों को तकलीफ पहुंचाने में पीछे नहीं हटता है। वे किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी लेने से भी हिचकिचाता है।
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