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Dental Plaque: ये 9 बैड हेबिट्स बढ़ा देती हैं डेंटल प्लाक और खराब होने लगती है ओरल हाईजीन

ओरल हाइजीन मेंटेन न रख पाने से दांतों के इर्द गिर्द प्लाक की परत जमने लगती हैं। इससे दांतों का पीलापन बढ़ने लगता है। जानते हैं वो कौन सी गलत्त आदतें है, जो दांतों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगती हैं।
ओरल हाइजीन का ख्याल न रख पाने से दांतों के मध्य सॉफ्ट डिपोज़िट बढ़ने लगता है। इससे दांतों के मध्य प्लाक और टार्टर जम जाता है। चित्र: शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 17 Apr 2024, 12:34 pm IST
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बिना सोचे समझे कुछ भी खाना न केवल वेटगेन का कारण बनता है बल्कि इससे ओरल हेल्थ (oral health) पर भी नकारात्मक प्रभाव नज़र आने लगता है। डेंटल क्लीनिंग (dental cleaning) न होने से बैक्टीरिया दिनों दिन बढ़ने लगते हैं, जो दांतों पर प्रहार करते हैं। इससे मसूढ़ों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है और दांतों के इर्दगिर्द प्लाक (plaque) की परत जमने लगती हैं। अब दांतों का पीलापन और प्लाक अधिकतर लोगां की चिंता कारण बन जाता है। जानते हैं वो कौन सी गलत्त आदतें है, जो दांतों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगती हैं।

इस बारे में हेल्थशॉटस की टीम से बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, दंत चिकित्सक डॉ दिवाकर वशिष्ट का कहना है कि ओरल हाइजीन (oral hygiene) का ख्याल न रख पाने से दांतों के मध्य सॉफ्ट डिपोज़िट बढ़ने लगता है। इससे दांतों के मध्य प्लाक और टार्टर जम जाता है। इसके बाद मसूढ़ों में दर्द, सूजन और खून आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए प्रति वर्ष अल्ट्रासोनिक स्केलिंग (ultrasonic scaling) अवश्य करवाएं।

कैसे बढ़ने लगती है प्लाक की समस्या (Dental plaque causes)

डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को भी खासतौर से ओरल हेल्थ का ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। शुगर और हाइपरटेशन के मरीजों के मुंह में स्लाइवा होता है, जिसमें ग्लूकोज़ की मात्रा होती है। बार बार कुल्ला करने और नियमित रूप से ग्रश करने से स्लाइवा में ग्लूकोज़ की मात्रा कम होगी, जिससे ब्लड में भी ग्लूकोज़ का स्तर नियंत्रित बना रहता है।

ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए प्रति वर्ष अल्ट्रासोनिक स्केलिंग अवश्य करवाएं। चित्र: शटरस्टॉक

जानें कौन सी 9 बैड हैबिट्स है, जो दांतों में बनती हैं प्लाक का कारण (Reasons of dental plaque)

1. कुल्ला (Mouth cleaning)

अधिकतर लोग दिनभर मंचिग के बाद कुल्ला करना भूल जाते हैं। इससे दांतों पर बैक्टीरिया का अटैक होने लगता है और दांतों में तकलीफ के अलावा मुंह की दुर्गंध भी बढ़ जाती है। दिनभर में कुछ भी खाने के बाद माउथ क्लीनिंग (mouth cleaning) आवश्यक है।

2. सोने से पहले ब्रश न करना (Brush before bed)

एक्सपर्ट के अनुसार दिनभर में दो बार ब्रश करना बेहद आवश्यक है। रात को सोने से पहले ब्रश करने से दांतों में जमा बैक्टीरिया क्लीन हो जाते हैं, जिससे प्लाक का खतरा कम होने लगता है। ब्रश को बहुत देर तक करने से बचें जिससे मसूढ़ों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।

3. माउथवॉश (Mouth wash)

सांसों की ताज़गी और दांतों को प्लाक से बचाने में माउथवॉश बेहद कारगर साबित होता है। ऐसे में ओरल हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए डेंटिस्ट की सलाह के बाद इसका इस्तेमाल अवश्य करें। केमिकल्स बचने के लिए घर पर भी माउथवॉश को आसानी से तैयार किया जा सकता है।

प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल कर माउथवॉश तैयार कर सकती हैं। चित्र शटरस्टॉक

4. टंग क्लीनिंग (Tongue cleaning)

दांतों को हेल्दी और क्लीन बनाए रखने के अलावा जीभ की हाइजीन को बनाए रखना भी ज़रूरी है। इससे टंग पर मौजूद बैड बैक्टीरिया कम होने लगते है। एक्सपर्ट के अनुसार जीभ की सफाई के लिए स्क्रैपर का इस्तेमाल करने से बचें। वे लोग जो इसे ज्यादा प्रयोग करते हैं, तो उनके टेस्ट बड्स डैमेज होने का खतरा रहता है।

5. एसिडिक पेय पदार्थ (Acidic beverages)

रोजमर्रा के जीवन में एसिडिक पेय पदार्थों का सेवन करने से दांतों का पीएच स्तर एसिडिक होने लगता है, जिसका असर इनेमल पर नज़र आने लगता है। दांतों में सड़न और पीलेपन का सामना करना पड़ता है।

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6. पुराना ब्रश (Old brush)

लंबे वक्त तक एक ही ब्रश का प्रयोग करने से दांतों के मध्य जर्मस बढ़ने लगते हैं, जो दांतों के मध्य प्लाक जैसी परत बना लेते हैं। इससे दांतों में बैड बैक्टीरिया की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, पुराना ब्रश दांतों की उचित सफाई करने में सक्षत नहीं हो पाता है। समय समय पर ब्रश को अवश्य बदलें।

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लंबे वक्त तक एक ही ब्रश का प्रयोग करने से दांतों के मध्य जर्मस बढ़ने लगते हैं, जो दांतों के मध्य प्लाक जैसी परत बना लेते हैं। चित्र शटर स्टॉक

7. डेंटल चेकअप न करवाना (Avoid dental checkup)

डेंटल चेकअप न करवाने से दांतो में कैविटी का खतरा बढ़ने लगता है। ओरल हाइजीन को बनाए रखने के लिए 6 महीने में एक बार रूटीन चेकअप के लिए अवश्य जाना चाहिए। इससे दातों और मसूढ़ों में बढ़ने वाली समस्याओं की जानकारी मिलती है और ओरल हाइजीन को मेंटेन रखना आसान हो जाता है।

8. ब्रश का गलत चयन (Wrong brush)

आधुनिकता के इस दौर में कई प्रकार के ब्रश उपलब्ध है। दांतों के उचित स्वास्थ्य के लिए नर्म और मुलायम ब्रश का चयन करें। इससे दांतों की सफाई में मदद मिलती है। अन्यथा मसूढ़ों में ब्लीडिंग का खतरा रहता है और दांतों की उचित सफाई न होने से प्लाक जमने लगता हैं।

9. फ्लॉसिंग भूल जाना  (flossing)

हेल्दी खाना तभी सेहत को फायदा पहुंचाता है, अगर आरल हाइजीन मेंटेन की जाएं। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया ओवरऑल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। ब्रश के बाद फ्लॉसिंग करने से दांतों के बीचों बीच मौजूद खाने के कणों को निकालने की प्रक्रिया है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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