मुंह को खाद्य पदार्थों के माध्यम से नियमित रूप से हजार तरह के बैक्टीरिया और जर्म्स का सामना करना पड़ता है। वहीं खाना खाते हुए खाद्य पदार्थों का बचा हुआ हिस्सा दांत एवं मसूड़ों में फसा रह जाता है, जो बाद में दांत एवं मसूड़ों के सड़न का कारण बनता है और मुंह से बदबू आना शुरू हो जाता है। ऐसे में नियमित रूप से दातों को ब्रश करने के साथ ही, एक उचित समय के बाद ओरल डिटॉक्स भी जरूरी है। ओरल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए ओरल डिटॉक्स बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है, ओरल डिटॉक्स के कुछ खास टिप्स।
योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और हेल्थ कोच हंसा जी योगेंद्र ने ओरल हाइजीन मेंटेन रखने के लिए हफ्ते में एक से दो बार ओरल डिटॉक्स की सलाह देती हैं। साथ ही एक्सपर्ट ने ओरल डिटॉक्स के कुछ खास टिप्स भी दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, आखिर कैसे करना है ओरल डिटॉक्स (How to maintain oral hygiene)।
यदि आप ओरल डिटॉक्स कर रही हैं, तो सबसे पहले सामान्य पानी से अच्छी तरह से कुल्ला करें, इससे आपके मुंह में छिपे खाद्य पदार्थ को बाहर निकलने में मदद मिलेगी। उसके बाद उचित मात्रा में पानी पिएं। पानी पीने से मुंह में सलाइवा का उत्पादन बढ़ता है, साथ ही साथ माउथ ड्राइनेस नहीं होती। वहीं पेट साफ रहता है और बॉडी हाइड्रेटेड रहती है, जिससे की सांसों से बदबू आने जैसी समस्या आपको परेशान नहीं करती है।
ऑयल पुलिंग एक आयुर्वेदिक प्रैक्टिस है, जिसे कई सालों से आजमाया जा रहा है। कोकोनट ऑयल को 15 मिनट के लिए माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल करें, ये आपके मुंह में जमें बैक्टीरिया को पूरी तरह से बाहर निकाल देते हैं। कोकोनट ऑयल में माइक्रोबॉयल प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो दांतों पर जमें प्लाक और झनझनाहट को कम कर देती हैं। 4 चम्मच कोकोनट ऑयल को मुंह में लें और कुल्ला करें।
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नीम ऑयल को आयुर्वेद में बेहद खास माना जाता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो आपके समग्र ओरल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। इसका इस्तेमाल दांत एवं मसूड़ों की सेहत को बनाए रखता है, साथ ही साथ झनझनाहट को कम करता है। नीम ऑयल को पानी के साथ मिलाकर माउथ वॉश करें, यह दांतों पर प्लाक को जमा नहीं होने देता। साथ ही गम ब्लीडिंग, झनझनाहट आदि को कम करता है। हफ्ते में एक से दो बार इसका इस्तेमाल जरूर करें। यह सासों की बदबू से भी राहत प्रदान करेगा।
ग्रीन टी रिफ्रेशिंग ड्रिंक से कहीं अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। यह बैक्टीरिया से लड़ने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है और सांसों की बदबू से लड़ता है। आप ठंडे ग्रीन टी का सेवन करने के साथ ही इसे ठंडा कर कुल्ला कर सकती हैं। यह आपके मुंह में किसी भी प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने नहीं देगा।
टी ट्री ऑयल एसेंशियल ऑयल में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, और एंटी फंगल प्रॉपर्टी पाई जाती है। साथ ही यह एंटीसेप्टिक होता है और नेचुरल डिओडरेंट, हाउसहोल्ड क्लींजर के तौर पर काम करता है। इसके अलावा इसमें स्किन हीलिंग बेनिफिट्स भी होती हैं। अब आप सोच रही होगी यह माउथ डिटॉक्स करने में किस तरह से कारगर होता है? तो आपको बताएं कि टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल दांतों में महसूस होने वाली सेंसिटिविटी को कम करते हुए झनझनाहट की स्थिति में राहत प्रदान करता है। आप इसे पानी में डाइल्यूट कर माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं।