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शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए इन 4 योगासनों को करें अपने रूटीन में शामिल

हेल्दी डाइट और कई प्रकार के सप्लीमेंटस के अलावा योग को भी अपने रूटीन में शामिल करना आवश्यक है। जानते हैं वो 4 योगासन जिससे इम्यून सिस्टम होने लगता है इंप्रूव (Yoga poses to boost immune system)।
शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए शलभासन का अभ्यास रोज़ाना करें। चित्र शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 26 Nov 2023, 08:00 am IST
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इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने का मकसद कई प्रकार के संक्रामक रोगों से अपने शरीर का बचाव करना है। इसके लिए हेल्दी डाइट और कई प्रकार के सप्लीमेंटस के अलावा योग को भी अपने रूटीन में शामिल करना आवश्यक है। दरअसल, योग एक ऐसा माध्यम है, जिसके ज़रिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) को बढ़ाया जा सकता है। इससे अलावा मानसिक तनाव को दूर कर एजिंग की समस्या से भी बचा जा सकता है। सांस पर ध्यान केंद्रित कर खुद को एक्टिव बनाए रखने की इस प्रक्रिया को रोज़ाना करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनने लगता है। जानते हैं वो 4 योगासन जिससे इम्यून सिस्टम होने लगता है इंप्रूव (Yoga poses to boost immune system)।

इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए इन योगासनों का करें प्रयास

1. समकोणासन (Equal angle pose)

शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करने के अलावा तनाव को दूर करने के लिए समकोणासन का अभ्यास ज़रूरी है। इससे कमर व गर्दन में होने वाली ऐंठन को भी दूर किया जा सकता है। इस योगासन को करने से पेल्विक मसल्त मज़बूत बनते हैं और शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत होने लगता है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। उसके बाद दोनों बाजूओं को सीधा करके उपर ले जाएं।

अब दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें और घुटनों को मोड़ने से भी बचें। इसके बाद गहरी सांस लें और शरीर को नीचे की ओर झुकाएं।

दोनों बाजूओं को सामने की ओर रखें। शरीर को 90 डिग्री तक आगे की ओर बैन्ड करने के बाद सांस पर ध्यान पूरी तरह से केंद्रित करेंं।

गर्दन को नीचे करें और अपने पैरों की ओर देखें। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ताड़ासन में ले आएं।

शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और रिलैक्स करें। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने लगता है।

प्रतिदिन योगाभ्यास करने से शारीरिक समस्याएं रहती हैं कोसों दूर। चित्र- अडोबी स्टॉक

2. शलभासन (Locust pose)

शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए शलभासन का अभ्यास रोज़ाना करें। इससे इंटेसटाइंस में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होने लगता है। जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इससे कमर दर्द में भी राहत मिलती है। इसके अलावा पाचन संबधी समस्याएं दूर होने लगती हैं।

जानें इसे करने की विधि

इस योग को करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों बाजुओं को शरीर के नीचे रखें और हाथों को आपस में जोड़ लें।

अब गहरी सांस लें और दोनों टांगों को उपर की ओर उठाने का प्रयास करें। इस दौरान दोनों टांगों के मध्य दूरी न रखें।

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गर्दन समेत शरीर के अगले हिस्से को उपर की ओर उठाएं। 20 से 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में बने रहने के बाद टांगों को नीचे ले आएं।

शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और कुछ देर तक रिलैक्स करें। इससे शरीर रिलैक्स महसूस करने लगता है।

3. ताड़ासन (Mountain pose)

शरीर में मज़बूती बढ़ाने और पोश्चर को बेहतर बनाने के लिए ताड़ासन एक बेहतरीन विकल्प है। रोज़ाना कुछ देर तक इस योगासन को करने से शरीर का स्टेमिना बढ़ता है। इससे बार बार होने वाली थकान कम होने लगती है। इससे लंग्स की कपैसिटी भी बढ़ने लगती है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर स्ट्रेच करें। उसके बाद गहरी सांस लें।

अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लेकर आएं। दोनों पैरों के मध्य दूरी न रखें।

शरीर के बैलेंस को मेंटेन रखने के लिए शुरूआत में किसी दीवार का सहारा भी ले सकते हैं। इस योगासन को 3 से 4 बार दोहराएं।

घुटनों को सीधा रखें और कोहनियों को भी मोड़ने से बचें। 30 सेकण्ड तक इस योग को करने से मेटाबॉलिज्म स्ट्रांग बनता है।

ताड़ासन बेली फैट को कम करने में मदद करता है। चित्र-शटरस्टॉक.

4. मत्सयासन (Fish pose)

पेट संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए मत्सयासन का अभ्यास अवश्य करें। इससे ब्लोटिंग, पेट दर्द और एसिडिटी दूर होती है। इसके अलावा सांस संबधी समस्याएं दूर होने लगती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने वाले इस योगासन से शरीर में मौजूद टॉक्सिन डिटॉक्स होने लगते हैं।

जानें इसे करने की विधि

इस योगासन को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं अब दोनों टांगों को सीधा कर लें। इसके बाद बाजूओं को भी शरीर से चिपका लें।

अब दाई टांग को बाई थाई और बाई टांग को दाहिनी थाइज़ पर टिकाएं। अब दोनों कोहनियों को जमीन से चिपका कर रखें।

सिर को उपर की ओर उठाएं। ऐसे में कोहनियों को बैलेंस करके रखें। दोनों हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ लें।

शरीर के उपरी हिस्से को उपर उठाने से रेस्पिरेटरी सिस्टम मज़बूत बनने लगता है। 25 से 30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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