ब्रेस्टफीडिंग के बाद ढीले हुए स्तनों में फिर से कसाव ला सकते हैं ये 6 तरीके
स्तनपान (Breastfeeding) एक बहुत आवश्यक कार्य है क्योंकि यह बच्चों को सभी जरूरी पोषण प्रदान करने के साथ ही उनके विकास में सहायक होता है। यह बच्चों की इम्यनिटी को मजबूत करता है। यह बच्चों में अस्थमा, मोटापा, डायबिटीज व अन्य बीमारियों की संभावना को काफी हद तक कम करता है। यही कारण है कि सभी माताओं को स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। मगर अकसर महिलाओं को यह शिकायत रहती है कि स्तनपान के बाद उनके स्तनों का आकार पहले जैसा नहीं रहा। तो आज यहां कुछ एक्सपर्ट टिप्स (breast tightening tips at home) दिए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप भी अपने स्तनों का आकार फिर से पहले जैसा कर सकती हैं।
मां के लिए भी फायदेमंद है स्तनपान करवाना
स्तनपान कराने से माताओं को भी लाभ मिलता। यह उन्हें वजन घटाने, स्ट्रेस कम करने व अन्य स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करता है। विशेषज्ञ वेट लाॅस के लिए स्तनपान को सबसे ज्यादा कारगर मानते हैं। ये पोस्टपार्टम वेट लॉस को प्राकृतिक रूप से प्रेरित करता है। वहीं यह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को भी कम करता है।
स्तनों में हो सकता है ढीलापन
लेकिन, स्तनपान का एक नकारात्मक प्रभाव भी माताओं पर पड़ता है, जो उन्हें काफी परेशान करता है। स्तनपान कराने से स्तनों के आकार में असामान्य परिर्वतन आ जाता है, जिसे विभिन्न तरीकों से पुनः प्राकृतिक आकार में लाया जा सकता है।
नीचे दिए गए कुछ सुझाव आपके स्तनों में स्तनपान के कारण हुए आकार में परिर्वतन को ठीक करने में मदद करेगा-
1. स्तनों की मालिश
नियमित रूप से अपने स्तनों की मालिश करें। यह मृत कोशिकाओं को हटाने और रक्तसंचार को बेहतर करने में मदद करता है। यह स्किन की चमक को वापस लाने में मदद करता है। मालिश के लिए जैतून का तेल, नारियल का तेल या बादाम का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. नियमित व्यायाम
स्तनपान कराने वाली माताओं को व्यायाम को अपनी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बनाना चाहिए। आपको छाती से जुड़े व्यायाम करने चाहिए। इससे काफी लाभ होगा।
3. गर्म और ठंडे पानी से स्नान
अपको एक दिन गर्म पानी से और दूसरे दिन ठंडे पानी से नहाना चाहिए। गर्म पानी जहां रोमछिद्र को खोलता है, वहीं ठंडा पानी उनमें कसाव लाता है। इसके साथ ही, यह रक्तसंचार को सुचारू बनाता है।
4. आरामदायक पोजीशन
स्तनपान कराते समय माताओं की स्थिति उनके स्तनों के आकार को प्राभावित करती है। हमेशा अपनी पीठ को सीधी रखते हुए आरामदायक स्थिति में बैठकर ही स्तनपान कराएं।
5. संतुलित भोजन
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए संतुलित भोजन का बहुत महत्व है। भोजन में फैट की मात्रा कम-से-कम होनी चाहिए। बच्चे को खिलाने के लिए अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है, अतः यह आवश्यक है कि मां प्रतिदिन 350-400 कैलोरी का सेवन करें।
6. सर्जरी
अगर विभिन्न उपायों के बाद भी स्तनों का आकार पूर्ववत या सुडौल नहीं होता है, तो सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है। स्तन प्रत्यारोपण, ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन, फैट ट्रांसफर और मास्टोपेक्सी सर्जरी की कुछ प्रमुख विधियां हैं, जिससे स्तन के आकर को सुडौल बनाया जा सकता है। सर्जरी से भविष्य में स्तनपान पर कोई असर नहीं पड़ता है।
माताएं बिना किसी चिंता के स्तनपान करा सकती हैं। स्तनों के आकार को स्तनपान के दौरान भी सुडौल रखा जा सकता है, और स्तनपान खत्म होने के बाद इसे सर्जरी की सहायता से आसानी से ठीक किया जा सकता है। पर इसके बारे में पूरी जानकारी होने के बाद ही पहल करें।
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